छोटी-छोटी आंखें बड़े-बड़े सपने ! हर किसी को डर है कि पूरे होंगे या नहीं होंगे ! क्योंकि इन सपनों तक पहुंचने के लिए जिंदगी में बहुत अगर मगर का सफर आता है ! मेरी यह किताब आपको इस अगर मगर से निकाल कर सही सफर से होते हुए आपको मंजिल तक ले जाएगी ! जहां पर आपके सपने फिर सपने नहीं रहेंगे हकीकत बन जाएंगे ! इसी प्रकार के आपको बहुत सारे लेख मिलेंगे ! आपको सारे पढ़ने हैं । यह एक पूरी किताब है जो आप लोगों के लिए मैं लिख रहा हूं ।
Contents
- 1 सफल कैसे हो! सफलता का मूल मंत्र! How to achieve Success!
- 2 कामयाब होने के तरीके !सफल कैसे हो! way to become successful in life !
- 3 सफलता प्राप्त करने के लिए हमें क्या करना चाहिए! सफल कैसे हो!
- 4 Safalta prapt karne ke liye hamen kya karna chaiye ! How to be successful in life
- 5 Jeevan me kamyab hone ke liye hame kya karna chaiye ? How to be more successful।
- 6 कामयाबी कैसे पाएं! जीवन में सफल होने के लिए कौन-कौन से गुण आवश्यक है
- 7 Jaldi safalta pane ke important tips ! How to get quick success !
- 8 Zindagi me aage kaise badhe ! What do you need to be successful !
सफल कैसे हो! सफलता का मूल मंत्र! How to achieve Success!
सपने देखना हर किसी के हिस्से में आता है ! लोग कहते हैं कि सपनों का पूरा होना हर किसी की किस्मत में नहीं होता ! मगर मेरा मानना है कि सपने किस्मत से नहीं इंसान की कुछ आदतों से पुरे होते हैं ! इंसान के द्वारा की गई सही दिशा की मेहनत से होते हैं ! और जितने भी कारण आपको कामयाब बनाते है मैं सबका जिक्र आप लोगो के साथ जरूर करूँगा ।
कामयाब होने के तरीके !सफल कैसे हो! way to become successful in life !
क्योंकि बिना जानकारी के छोटी दूरी का रास्ता भी लंबा हो जाता है । या यूं कहें कई बार वह मिल भी नहीं पाता है । मगर अगर आपको किसी रास्ते की जानकारी अच्छी तरह है तो लंबा रास्ता भी आसानी से तय किया जा सकता है ।
तो दोस्तों स्वागत है ! आपका हमारे इस सपनों से हकीकत की दुनिया के सफर में चलने के लिए तो क्या आप तैयार हैं ? अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए ।तो आइए मिलकर यह सफर तय करते हैं !
सफलता प्राप्त करने के लिए हमें क्या करना चाहिए! सफल कैसे हो!
कोई भी इंसान किसी काम को तभी पूरा कर सकता है । जब उसको लगे कि वह इस काम के काबिल है । हम दुनिया की नजरों में उस काम को करने के काबिल हो भी सकते और नहीं भी हो सकते । यह दोनों ही संभावनाएं पूरी पूरी है । हो सकता है कि कुछ लोग यह माने कि हम यह काम आसानी से कर सकते हैं । हम ऐसे लोगों को अपने पक्ष में गिन सकते हैं । हम ऐसे लोगों से यह मानकर खुश रहते हैं कि कम से कम यह लोग हमारे बारे में अच्छा सोचते हैं! वहींं ऐसा भी हो सकता है कि कुछ लोग यह माने कि हम यह काम कर ही नहीं सकते । ऐसे लोगों को हम विपक्ष में गिन सकते हैं । ऐसे लोगों को हम अपना विरोधी मान लेते हैं! ऐसे लोगों के लिए हमारे मन में गुस्सा आ जाता है! मगर यहां पर कोई कुछ भी सोचे । कोई आपके बारे में आपको काबिल ( अच्छा ) सोचे , कोई आपके बारे में आपको ना काबिल ( बुरा ) सोचे , मगर दोनों ही परिस्थिति में आपको कोई भी फायदा नहीं होने वाला । वास्तविकता यही है!
क्योंकि किसी के काबिल सोचने से और किसी के ना काबिल सोचने से आप वो नहीं बनते जो वह सोचते हैं । आप तो वही बनते हो जो आप सोचते हो । जो आप करते हैं! जो आपने अभी तक खुद को बनाया है! जिंदगी में परिणाम आपको वही चीजें देंगी! न की किसी बाहरी व्यक्ति की आप के प्रति सकारात्मक और नकारात्मक सोच! आलोचना और तारीफ व्यक्ति अपने अनुभव, अपने ज्ञान, अपने व्यवहार और उनसे हमारे रिश्ते कैसे हैं शायद इन्हीं आधार पर करते हैं! इसलिए दोनों ही भावनाओं से खुद को शून्य कर दीजिए! क्योंकि ना तो तारीफ करने वाले अंतर्यामी है और ना ही किसी की आलोचना करने वाले अंतर्यामी है! दूसरे व्यक्तियों के द्वारा भविष्य के सत्य की वर्तमान में केवल कल्पना ही की जा सकती है! और केवल आपके द्वारा ही वर्तमान की कल्पना को भविष्य का सत्य बनाया जा सकता है!
Safalta prapt karne ke liye hamen kya karna chaiye ! How to be successful in life
उदाहरण के लिए कल्पना कीजिए क्रिकेट का मैदान है । सामने विराट कोहली बैट लेकर खड़े है । और आखिरी बॉल पर 6 रन मारने है । दोस्तों हो सकता है कि मैदान में 50 % लोग ऐसा मानते हो की आखिरी बॉल पर विराट कोहली 6 रन मार देगे । और हो सकता है कि 50 % लोग ऐसा मानते हो कि विराट कोहली आखिरी बॉल पर 6 रन नहीं मार पाएगे ।
मगर फिर एक बार यह भी सोचिए कि क्या Six (6 रन ) लोगों के सोचने से लगेगे । या सिक्स ( 6 रन ) को लगने की जो संभावना है वह इस बात पर निर्भर करती है कि विराट कोहली के अन्दर कितनी काबिलियत है । और वह उस काबिलियत से कितनी कोशिश करते हैं । अगर उनमें काबिलियत है भी और वह बैट को उस तरह से नही मारते है की छक्का जा सके । अगर वह 1 रन की तरह बैट घूमाए या चौके की तरह बैट घुमाए तो क्या Six लगेगा ? तो यहां पर छक्के की संभावनाएं खत्म हो जाती है ! जहां पर छक्के की संभावनाएं खत्म होती हैं ! वह खत्म होने के पीछे जो कारण है ! वह यही कारण है विराट कोहली ने कोशिश नहीं की ! ना कि यहां पर वह कारण है की 50% लोग नहीं मानते थे कि 6 रन बन जाएगे ।
Jeevan me kamyab hone ke liye hame kya karna chaiye ? How to be more successful।
दोस्तों अगर दूसरी तरह देखा जाए तो हम मान लेते हैं कि Six ( 6 रन लग ) जाते है । तो यहां Six लगने का कारण यह नहीं था कि 50% लोगों ने माना था कि 6 रन लग जाएंगे । बल्कि यहां Six लगने का कारण यह है विराट कोहली की खुद की तरफ से की गई कोशिश । खुद की काबिलियत
आपके सपने के पूरा होने का आधार यह नहीं है कि लोग मानते हैं या नहीं मानते है । आपके सपनों को पूरा होने का आधार यह है आप क्या मानते हो । आपके अंदर कितनी काबिलियत है । आप कितनी शिद्दत से कोशिश करते हो । आप कितने जिद्दी हैं! मुझे याद आता है कि जब मैं नौकरी करता था तो एक नौकरी की शुरुआत से पहले करीब 1 महीने के आसपास का ट्रेनिंग का समय रहा होगा! हम ट्रेनिंग के उस ग्रुप में 15 से 20 लड़के लड़की रहे होंगे! सभी एक दूसरे से अनजान थे! सब एक दूसरे से पहली बार मिले थे! इंसान की प्रवृत्ति के हिसाब से हर किसी का स्वभाव और व्यवहार अलग अलग होता है! मुझे याद है कि हमारे साथ एक लड़की थी और उसे गुस्सा बहुत जल्दी आ जाता था! शायद वह अपने व्यवहार से कई लोगों को नाराज कर चुकी थी! जितने हमारे साथ ट्रेनिंग में सदस्य थे वह उम्र में सबसे कम उम्र की थी, शायद वही इकलौती पूरे ग्रुप में ऐसी थी जिसकी पहली नौकरी थी, बाकी सभी के पास कुछ ना कुछ कुछ सालों का अनुभव जरूर था! इससे अलग यह भी था कि हम जिस भी शहर से आते थे हम सभी अपने अपने शहर में ही नौकरी करने वाले थे! यानी कि हम सभी के घर से ऑफिस की दूरी मुश्किल से 15 से 30 मिनट की दूरी पर ही रही होगी! शायद वही एक इकलौती ऐसी लड़की थी जिसे अपने शहर से दूसरे शहर में नौकरी करने के लिए 35 से 40 किलोमीटर का सफर तय करना होता था और शायद हम सभी से अच्छे फाइनेंसल बैकग्राउंड से भी आती थी! उसके बारे में ग्रुप वाले यही चर्चा करते थे कि यह लड़की महीने भर में नौकरी छोड़ देगी! इसके पीछे के कारण यही गिनाए जाते थे कि यह अपने शहर से दूसरे शहर में इतना लंबा हर रोज सफर करके परेशान हो जाएगी! इसकी पहली नौकरी है इसे पता नहीं है कि नौकरी कैसे होती है! यह अच्छे फैमिली बैकग्राउंड से आती है इसलिए नौकरी की इसे खास जरूरत नहीं है! इस तरीके के विचारों से हमने एक कल्पना बना ली थी! जिसके आधार पर हम अंतर्यामी बनकर किसी का भविष्य बता रहे थे! जैसा कि मैंने ऊपर बताया कि लोग तारीफ और आलोचनाएं हालात, अनुभव, अपने व्यवहार और हमारा लोगों से रिश्ता कैसा है इसी आधार पर करते हैं! जहां भी अगर कोई उस लड़की के बारे में बात कर रहा था तो वह उसकी काबिलियत को ध्यान में रखकर बात नहीं कर रहा था! क्योंकि इतने कम समय में कोई किसी के बारे में जान ही नहीं सकता कि वह अंदर से क्या सोचता है! उसके पास कितनी काबिलियत है! कितनी जिद है! उसे खुद पर कितना यकीन है!और वह किसी चीज को पाने के लिए खुद को किस हद तक परेशान कर सकता है! मगर यह आलोचना इस आधार पर की गई कि उससे रिश्ता सही नहीं था! कुछ लोगों ने आलोचना शायद इसलिए कि होगी कि वह हर चीज के प्रति नकारात्मक होते हैं! उन्हें कुछ भी चीज होती संभव नहीं दिखाई देती है! वह हर चीज के लिए यह कहने को हमेशा तैयार रहते हैं कि ऐसा हो ही नहीं सकता! या फिर कुछ लोग लॉजिक के हिसाब से अपनी राय देने लगते हैं! मगर सच बात यह है कि अगर किसी ने ठान लिया तो फिर लॉजिक धरे के धरे रह जाते हैं और मैजिक हो जाते हैं! मगर हुआ यह है कि उसने करीब एक साल कंपनी में नौकरी की! उसके बाद दूसरी कंपनी को ज्वाइन किया! और जितने हमारे ग्रुप के अंतर्यामी किसी के भविष्य की भविष्यवाणी कर रहे थे आज वह लड़की उन सभी से अच्छी जॉब पर है और अच्छी सैलरी ले रही है! क्या एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है? लॉजिक के हिसाब से नहीं बन सकता! मगर ठान लिया तो फिर मैजिक होता है! क्या एक क्रिकेटर 41 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत कर सकता है लॉजिक के हिसाब से तो नहीं! क्योंकि यहां तक सभी रिटायरमेंट ले जाते हैं! मगर प्रवीण तांबे ने 41 साल की उम्र में अपने क्रिकेट क्रिकेट की शुरुआत करके यह मैजिक किया! इसलिए अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं तो फिर लॉजिक पर नहीं मैजिक पर यकीन करो!
कहते हैं के कि इंसान को वह्म नहीं पालना चाहिए । लेकिन मैं आज आपको एक भरम पालने के लिए जरूर बोलूंगा । और वहम आपके जिंदगी भर मदद करता रहेगा ।
दोस्तों देखिए आप जो कोई भी है । आप खुद को यकीन दिलाये कि आपके जन्म का एक उद्देश्य है । आप इस दुनिया में कुछ बड़ा करने के लिए आए है । आप बाकी लोगों की तरह भीड़ का हिस्सा बनने के लिए नहीं आए है । आप उस भगवान के भेजे हुए सबसे प्यारे बच्चे हो । जिस भगवान ने इतनी ताकतवर कुदरत बनाई है ,ये चांद , येे तारे , ये सूरज , येे पहाड , ये नदियाँ , ये समुन्द्र , ये ब्रह्मांड बनाया है । आप भी तो उसी भगवान की एक रचनाा हो । तो फिर आप कैसे कमजोर और सकते हो ? आप मे भी भगवान की दी हुई सारी ताकत है जो आपको अपने सपने पूरा करने के लिए चाहिए ।खुद को यकीन दिलाये की आप औरों जैसे नहीं हो । और आप कुछ बड़ा करके जरुर दिखाओगे ।
कामयाबी कैसे पाएं! जीवन में सफल होने के लिए कौन-कौन से गुण आवश्यक है
यह चीजें आपको खुद को महसूस करानी हैं! जब आप यह चीजें खुद को महसूस कराने लग जाओगे तो आप खुद को धीरे धीरे खास मानना शुरू कर दोगे! दोस्तों यकीन करो मेरा जब आप खुद को जिस दिन इस प्रकार से खास मानना शुरू कर दोगे! उस दिन से आप औरों से हटकर काम भी शुरु कर दोगे! और आपको परिणाम भी औरों से हटकर मिलेगे ।
Jaldi safalta pane ke important tips ! How to get quick success !
क्योंकि जब आप खुद को खास बच्चा मान लोगे तो फिर आप आम काम नहीं करोगे । क्योंकि खास लोग ही काम करते हैं । खास काम से यहां ऐसा कोई मतलब नहीं है कि आप काम को लेकर छोटा बड़ा समझना शुरू कर दो । खास मतलब यह है कि आप काम छोटा करो या बड़ा करो मगर आप सब काम में कमाल कर दोगे ।
Zindagi me aage kaise badhe ! What do you need to be successful !
तो चलिए अब आप मेरे एक सवाल का जवाब दीजिए ! अगर मैं कहूं आपसे कि आप मुझे बताओ कि सबसे पहले ताजमहल कहां पर बना ? तो आपका जवाब क्या होगा ? अगर मैं आप लोगों को कहूँ की सबसे पहले विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति सरदार वल्लभ भाई पटेल की कहां पर बनी ! तो आपका जवाब क्या होगा ? इन दोनों के जवाब आपको पता है या यूं कहूं कि आपको अभी पता ही नहीं है । मैं दोनों ही प्रकार से सही हूं ।
अगर आपका जवाब यह है कि ताजमहल सबसे पहले आगरा में बना और स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी गुजरात में बनी ! तो मैं कहूंगा आपका जवाब गलत है । अब मैं आपको कहूंगा कि आप फिर से सोच कर बताइए ताजमहल और सरदार पटेल के मूर्ति कहां पर बनी । तो शायद आप अब सोचना शुरू कर दे और कुछ और जवाब सोचना शुरु कर दे । मगर मैं आप लोगों को इसका जवाब देता हूं । यह दोनों ही चीज सबसे पहले किसी इंसान के मन में बनी । विचारों में बनी । कल्पना करके यह हकीकत बनी ।
यह सब बताने के पीछे मेरा मकसद यह है कि आपके जो भी सपने को साकार करने से पहले अपने मन में अपने विचारों में उन्हें खड़ा कीजिए । उनको बनते हुए महसूस कीजिए । सपनों को पूरा करने के लिए पहली शर्त यह है कि आपके पास सपने होने चाहिए । और सपने आपके पास तभी होंगे जब आप उन्हें मन में विचारों में कल्पना में जन्म दोगे ।.