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Cyber Security In Hindi,यह क्यों जरुरी है,इसके नियम और प्रकार।

इस पोस्ट में आपको Cyber Security की पूरी जानकारी प्राप्त हो जाएगी। Cyber Security क्या है (Cyber Security in Hindi)

Cyber Security शब्द से अर्थ इंटरनेट पर सुरक्षा से है,यानि जब आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपका महत्वपूर्ण डाटा,डिवाइस,सॉफ्टवेयर,नेटवर्क और आपकी पहचान का इंटरनेट पर चोरी होने,गलत इस्तेमाल या हैक होने का खतरा बना रहता है।

तो ऐसे में Cyber Security डिवाइस,सॉफ्टवेयर और प्रक्रियाओं द्वारा सुरक्षा की कई परतों को तैयार किया जाता है जिस से इंटरनेट पर होने वाली गलत गतिविधियों को रोका जा सके और user डाटा को सुरक्षित रखा जा सके।

साइबर सुरक्षा क्यों जरुरी है (What is the need of Cyber Security)

जिस स्तर पर इंटरनेट का इस्तेमाल पूरी दुनिया भर में किया जा रहा है,और लगातार इंटरनेट User’s की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है तो ऐसे में यह बहुत जरुरी हो जाता है की इंटरनेट User’s की Security पर भी ध्यान दिया जाए तो यहाँ पर बात आती है Cyber Security की।

आज के समय में हर कार्य इंटरनेट पर किया जा रहा है चाहे वह सरकारी या निजी कंपनी का काम काज हो या फिर कोई मोबाइल इंटरनेट यूजर का निजी डाटा हो,यानि हर प्रकार के डाटा का आदान प्रदान किसी न किसी रूप में इंटरनेट पर हो रहा है और users की devices जैसे कंप्यूटर,Server,लैपटॉप,मोबाइल फोन या दूसरी सभी प्रकार की smart devices इंटरनेट पर connect रहती हैं।

और इसके साथ ही डाटा की सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ता जा रहा है जहाँ प्रतिदिन इंटरनेट पर fraud,hacking और data leak की लगातार कोशिशे की जा रही हैं ऐसे में Cyber security द्वारा ही इन सभी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है और एक सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है जिससे इंटरनेट पर होने वाले cyber attacks को रोका जा सके।

साइबर सुरक्षा के प्रकार (Cyber Security types in Hindi)

साइबर सुरक्षा की कई अलग अलग परत होती हैं जिनसे एक नेटवर्क को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा प्रदान की जा सकती है इनमे हार्डवेयर डिवाइस और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।

Network & Gateway Security :- इसे नेटवर्क की पहली परत कह सकते हैं जिसके द्वारा नेटवर्क के incoming और outgoing ट्रैफिक को कंट्रोल किया जाता है जिससे एक नेटवर्क में आने वाले threats और attacks को रोका जाता है। इसमें मुख्यतः Firewall device का इस्तेमाल होता है।

Application Security :- नेटवर्क में इस्तेमाल की जाने वाली किसी एप्लीकेशन के डेवलोपमेन्ट और इंस्टालेशन phase में कोई कमियां नहीं होनी चाहिए और यदि किसी एप्लीकेशन को नेटवर्क में इनस्टॉल भी करना हो तो एक सुरक्षा प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसमे इंस्टालेशन पासवर्ड और user rights इत्यादि लगाए जा सकते हैं।

Network Access Control (NAC) :- नेटवर्क से जुड़ने के लिए एक काफी सुरक्षित प्रक्रिया है जिसमे Users के अनुसार policy बना दी जाती हैं और उनके नेटवर्क से जुड़े अधिकारों को सिमित कर दिया जाता है।

Data loss prevention (DLP) :- इस प्रक्रिया द्वारा डाटा की सुरक्षा को बढ़ाया जाता है जिसमे डाटा चोरी होने या लीक होने का कोई खतरा नहीं रहता यानि डाटा पूरी तरह से एनकोड हो जाता है।

Email Security :- ईमेल से होने वाले खतरे की रोकथाम के लिए ईमेल सिक्योरिटी उपकरणों का इस्तेमाल जैसे spam filters हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।

Antivirus & Anti spyware software :- नेटवर्क सुरक्षा में सबसे आंखरी सुरक्षा कंप्यूटर की रहती है जिसके लिए कंप्यूटर में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का होना बहुत जरुरी है जिसमें वायरस से होने वाले नुक्सान से रोकथाम की जा सके।

इन सभी सुरक्षा परतों के साथ-साथ एक इंटरनेट user को अपने स्तर पर कुछ नियमो का पालन करना भी बहुत जरुरी है जैसे strong password का इस्तेमाल करना और अनजान ईमेल अटैचमेंट न खोलना।

Cyber हमलों के प्रकार (Cyber attack types)

Malware :- मैलवेयर में सभी प्रकार के दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर आते हैं जैसे की spyware, ransomware,virus और worms,किसी कंप्यूटर या नेटवर्क में इस प्रकार के खतरों के आने का अधिक्तर मुख्य श्रोत links और ईमेल attachments होते हैं।

जिसमे यदि कोई user क्लिक कर देता है तो software या script run हो जाती है जिसके बाद user का कंप्यूटर पर से कंट्रोल चला जाता है और नेटवर्क से जुडी सभी services ब्लॉक हो जाती हैं और Spyware डाटा ट्रांसमिट करना शुरू कर देता है।

Phishing :- इसमें सम्मानित संस्थानों के नाम पर users को ईमेल भेजी जाती हैं और निजी जानकारियाँ मांगी जाती हैं जैसे डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जरुरी जानकारि इत्यादि और यह आज कल एक सामान्य बात हो गई है।

Man in the middle (MitM) :- MitM attack में किन्ही दो लोगो के बीच के संचार में attacker द्वारा छेड़ छाड़ कर दी जाती है यानि दोनों के बीच के communication का attacker के पास कंट्रोल होता है जिसका user’s को कोई अंदाजा नहीं होता और सभी जरुरी जानकारियाँ attacker तक पहुँच जाती हैं।

Zero-day :- इसमें हैकर द्वारा किसी सॉफ्टवेयर के loopholes को निशाना बनाया जाता है जिसका सॉफ्टवेयर प्रकाशक को कोई अंदाज़ा नही रहता और प्रकाशक द्वारा recovery patch निकालने से पहले ही सॉफ्टवेयर में पूरी तरह से हैकर द्वारा छेड़ छाड़ कर दी जाती है।

इन सभी Cyber Security हमलों की अलावा भी threats के कई प्रकार होते हैं जिनसे इंटरनेट user को नुक्सान पहुँचाया जा सकता है।

Cyber Security के फायदे (Benefits of Cyber security in Hindi)

Cyber Security के कई फायदे हैं इसके द्वारा हर स्तर पर नेटवर्क को इंटरनेट पर होने वाले बाहरी खतरों से बचाया जा सकता है जिससे एक आम user सुरक्षित होकर अपना कार्य नेटवर्क और इंटरनेट पर कर सकता है। Cyber Security के कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार से हैं।

:- Malware से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है जिसमे हर प्रकार के threats का खतरा रहता है जैसे Virus,Spyware,Worm,Ransomware,Adware और भी
बहुत से जिनसे डाटा और device को खतरा हो सकता है।

:- डाटा को सुरक्षा प्रदान की जाती है जिससे महत्वपूर्ण डाटा लीक या चोरी होने का खतरा
कम हो जाता है।

:- नेटवर्क को सुरक्षा प्रदान की जाती है जिससे अनचाहे access को नेटवर्क में घुसने से
रोका जा सकता है।

:- बाहरी सुरक्षा के साथ साथ नेटवर्क Users पर भी restriction लगाई जा सकती है
जिससे अनचाही गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकती है।

निष्कर्ष

दोस्तों आपने पड़ा कितने प्रकार के Cyber attacks हो सकते हैं और किस तरह से एक नेटवर्क को ऐसे खतरों से बचाया जा सकता है जिसके लिए हर स्तर की नेटवर्क सुरक्षा का विकल्प भी उपलब्ध है। इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के लिए सभी सुरक्षा उपकरणों और एप्लीकेशन के साथ साथ user की कार्यशेली भी निर्भर करती है,

यानि एक end user को भी इंटरनेट पर कार्य करते समय सुरक्षा के दृष्टिकोण से हर वो छोटे steps लेने चाहिए जिससे Cyber security को खतरा हो सकता है।

हमें उम्मीद है इस पोस्ट से आपको जानकारी हो गयी होगी Cyber Security क्या है
(Cyber Security in hindi) तो दोस्तों इस जानकारी को दूसरों के साथ भी जरूर शेयर करें धन्यवाद।

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