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Essay on Cyber Crime in Hindi

आज के समय ऑनलाइन का है, यह तो हम सभी जानते है, लेकिन क्या आप जानते है, आज दुनिया भर में लोग ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे लोगों की निजी जानकारियों की चोरी कर रहे हैं, जिसे साइबर अपराध कहते हैं. जैसा की हम सभी जानते है, आज के अत्याधुनिक तकनीकी युग में लोग अपना जीवन को और भी आसान बनाने के लिए कई Devices और Technique का प्रयोग करते हैं. Globalization ही एकमात्र ऐसा कारण है जिसके द्वारा दुनिया भर के लोग एक दूसरे से आसानी से जुड़ पाने में सक्षम हुए हैं. Technique का आसानी से उपलब्ध होना एवं इसका लगातार प्रयोग, लोगों के संवाद के तरीकों एवं जीवन के संचालन पर गहरा प्रभाव डालता है. साइबर अपराध एक गैरकानूनी कार्य है जहाँ कंप्यूटर का उपयोग एक उपकरण या लक्ष्य या दोनों के रूप में किया जाता है. इन दिनों साइबर अपराध अपराध का तेजी से बढ़ता क्षेत्र है. भारत में अन्य देशों के अलावा साइबर अपराध की घटनाओं की दर भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस लेख में मुख्य ध्यान यह है कि साइबर अपराध क्या है, यह कैसे बढ़ रहा है, साइबर अपराध के प्रकार, साइबर कानून, और सरकार द्वारा इस पर अंकुश लगाने के लिए सभी उपाय किए जाते हैं आदि।

साइबर क्राइम पर निबंध 1 (150 शब्द)

आमतौर पर आज ज्‍यादातर साइबर क्राइम पैसों के लिए ही किए जाते हैं, लेकिन यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की कुछ लोगों किसी का डेटा चोरी करने, दूसरे व्‍यक्ति को नुकसान पहुंचाने और किसी व्‍यक्ति का नेटवर्क या फिर कम्‍प्‍यूटर को तबाह करने के लिए भी किया जाता है. वर्तमान समय में Cyber Crime लोगों के सर दर्द बना हुआ है, यह एक बहुत ही गम्भरी समस्या है, जिससे निजात पाने के लिए हर देश के आपने आपने कानून और उसके तहत सजा दी जाती है, एक बहुत ही वहीं यूएस के Court ने Cyber Crime को तीन भागों में बांटा दिया है. पहला जिसमें कम्प्यूटर उपकरण उसका निशाना है, जैसे दूसरे के नेटवर्क को काबू में करना. दूसरा कम्प्यूटर को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना, जैसे डेनियल ऑफ सर्विस अटैक, तीसरा और आखिरी कम्प्यूटर को अपराध के लिए एक सहायक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कम्प्यूटर के इस्तेमाल से अवैध डाटा को लेना य फिर चोरी करना. यूएस के Court का मानना है कि Cyber Crime एक तरह की खतरनाक मालेसियस गतिविधि है मतलब कि Virus से फैलने वाली साजिश है. जिसमें कई अवैध तरीके से डाटा लिया जाता है और फिर दूसरों के Systems में घुसा जाता है, ऐसा करके कॉपीराइट वाली चीजों को बहुत नुकसान पहुंचाया जाता है. बा‍की कई तरह के साइबर क्राइम में जुआ, अवैध वस्तुओं को बेचना जैसे हथियार, ड्रग्स आदि और बच्चों की पॉर्न डालना यह सभी एक तरह के साइबर क्राइम हैं. हर कोई सोचता है कि केवल किसी का निजी डेटा चोरी करना साइबर अपराध है. लेकिन शब्दों को परिभाषित करने में हम कह सकते हैं कि refers साइबर अपराध किसी के डेटा को चोरी करने या कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (कंप्यूटर, लैपटॉप, आदि) के उपयोग को संदर्भित करता है।

साइबर अपराध एक गैरकानूनी गतिविधि है जिसमें चोरी से लेकर आपके सिस्टम या आईपी पते का उपयोग अपराध करने के लिए एक उपकरण के रूप में मुद्दों की एक श्रृंखला शामिल है, साइबर अपराध एक गैरकानूनी कार्य है जहाँ कंप्यूटर का उपयोग एक उपकरण या लक्ष्य या दोनों के रूप में किया जाता है. इन दिनों साइबर अपराध अपराध का तेजी से बढ़ता क्षेत्र है. के रूप में, प्रौद्योगिकी आगे बढ़ रहा है आदमी अपनी सभी जरूरतों के लिए इंटरनेट पर निर्भर होता जा रहा है क्योंकि यह खरीदारी, गेमिंग, ऑनलाइन अध्ययन, सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन नौकरी आदि सब कुछ एक ही स्थान पर करने की आसान पहुंच प्रदान करता है. अन्य देशों के अलावा, भारत भी दूर नहीं है जहां साइबर क्राइम की घटनाओं की दर दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. एक ब्रॉडवे में बोलते हुए हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध को चार प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। ये हैं फाइनेंशियल, प्राइवेसी, हैकिंग और साइबर टेररिज्म।

साइबर क्राइम पर निबंध 2 (300 शब्द)

आज दुनिया भर में ऐसा बहुत से लोग है जो ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे लोगों की निजी जानकारियों की चोरी कर रहे हैं, जिसे साइबर अपराध कहते हैं. साइबर अपराध कई किस्मों के हो सकते हैं. सबसे पहले हम आपको बता दे की जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को ई-मेल सेवा द्वारा भद्दे अथवा कलुषित सन्देश भेज सकता है. इस कार्य से ई-मेल प्राप्त करने वाले व्यक्ति के मन को ठेस लगती है. द्वितीय, कोई व्यक्ति जिसको कम्प्यूटरों की थोड़ी-बहुत जानकारी हो, Computer Virus इन्टरनैट पर कला सकता है. आमतौर पर Email Services को यह दुष्कर्म करने के लिए प्रयुक्त या जाता है. जिस भी Computer में ये ई-मेल सन्देश जाते हैं उसमें Virus प्रवेश पाकर Computer को बरबाद कर देते हैं. मशीन व उसकी सूचना दोनों ही बुरी तरह से ध्वस्त हो सकते हैं. हॉल ही में फिलीपीन्स की पुलिस ने ‘I love you’ Virus के जनक को गिरफ्तार किया था, तृतीय, गलत इरादों वाले व्यक्ति बैंक के खातों को Numbers की पहुंच कोडों के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं. वे इन बैंकों से पैसा अपने खातों में स्थानान्तरित करवा लेते हैं और बैंकों को पता भी नहीं चलता. आवश्यकता होती है थोड़ी चतुराई की और इन अपराधियों के वारे-न्यारे हो जाते हैं. कुछ व्यक्ति निजी क्षेत्र के उपक्रमों के वेबसाईटों पर जाकर उत्पात मचा देते हैं. दोस्तों आपको यह जानके हैरानी होगी की वे उन वैबसाईटों पर Virus भेज देते हैं, वहां से अति संवेदनशील सूचना प्राप्त कर लेते हैं अथवा दुष्प्रचार के हथकंडे अपनाकर किसी Website पर किसी व्यक्ति अथवा उपक्रम की छवि बिगाड़ने का भरसक प्रयास करते हैं।

भारत के राज्यों में साइबर अपराध

5 वर्षों में 5900 से अधिक मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए और शीर्ष पर बने, उत्तर प्रदेश लगभग 5000 मामले दूसरे स्थान पर और कर्नाटक तीसरे स्थान पर 3500 से अधिक मामले हैं।

भारत में साइबर कानून

भारत में साइबर अपराध तीन मुख्य प्रमुखों, आईटी अधिनियम, आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) और राज्य स्तरीय विधान (एसएलएल) के तहत पंजीकृत हैं।

आईटी कानून के तहत साइबर कानूनों के मामले

कंप्यूटर स्रोत दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ – सेक। 65

कंप्यूटर सिस्टम, डेटा परिवर्तन के साथ हैकिंग – सेक। 66

अश्लील जानकारी प्रकाशित करना – सेक। 67

संरक्षित प्रणालियों तक गैर-अधिकृत पहुंच – सेक। 70

गोपनीयता और गोपनीयता का उल्लंघन – सेक। 72

झूठे डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र प्रकाशित करना – सेक। 73

वेब दुनिया या साइबरस्पेस लाखों और अरबों उपयोगकर्ताओं और वेबसाइटों का एक विशाल समुदाय है. इसके अलावा, लोग इसे खरीदारी, फिल्मों, संगीत, वीडियो गेम, लेनदेन और ई-कॉमर्स आदि जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए उपयोग करते हैं. इस एज ऑफ टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की आसान पहुंच के कारण कोई भी आसानी से इस तक पहुंच सकता है। इस वजह से पिछले दशक से तेज गति से विकास हुआ, इसके अलावा, इंटरनेट ने एक सूचना की दुनिया खोल दी है, जिस पर कोई भी कनेक्ट हो सकता है।

इसके कारण, अपराध की दर विशेष रूप से साइबर अपराध की दर में बहुत अधिक वृद्धि हुई है. इसके अलावा, इंटरनेट की गति अधिक होने के कारण डेटा के सर्कुलेशन की दर भी बहुत अधिक बढ़ जाती है. इन सभी मुद्दों के कारण, सबसे ऊपर, साइबर सुरक्षा समाज के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है।

साइबर क्राइम पर निबंध 3 (400 शब्द)

साइबर अपराध को पूरी दुनिया में प्रमुख समस्या बनना है और इनकी वजह से इस अपराध के खिलाफ कुछ कार्रवाई करने के लिए साइबर सुरक्षा की कई एजेंसियों का गठन किया गया है, दुनिया भर में इस अपराध को रोकने के लिए कई देशों में कई रूसी एजेंसियां या कई साइबर क्राइम एजेंसियां बनाई गई हैं. जैसे कि कंप्यूटर का उपयोग हैकिंग के लिए किया जाता है लेकिन कंप्यूटर के माध्यम से इन साइबर एजेंटों को हैकर को पकड़ने के लिए कुछ सबूत मिलते हैं. साइबर क्राइम एजेंसियों को खोलने के बाद हैकिंग के कई मामले दर्ज किए गए हैं, और साइबर एजेंटों ने कई हैकर्स को पकड़ा है।

हैकर को कई दंड दिए जाते हैं जैसे कि उससे भारी जुर्माना लेना या उसे जेल में डालना, दूसरी ओर, ये साइबर सुरक्षा लोग अन्य हैकरों को खोजने के लिए कई हैकरों की मदद लेते हैं जो लोगों को परेशान करते हैं. इसलिए यह साइबर अपराध आज की दुनिया में एक बड़ी समस्या है, और हमें इसके बारे में पता होना चाहिए और हमेशा इन साइबर अपराधियों से सुरक्षित रहना चाहिए।

साइबर अपराध साइबर दुनिया में नवीनतम और शायद सबसे जटिल समस्या है. शब्द “साइबर क्राइम” कहीं भी भारतीय संसद द्वारा पारित या अधिनियमित किसी भी क़ानून या अधिनियम में परिभाषित नहीं किया गया है. कोई भी आपराधिक गतिविधि जो कंप्यूटर का उपयोग या तो एक साधन के रूप में करती है, लक्ष्य या आगे के अपराधों को समाप्त करने के लिए एक साधन साइबर अपराध के दायरे में आता है. साइबर अपराध या कंप्यूटर उन्मुख अपराध ऐसा अपराध है जिसमें एक कंप्यूटर और एक नेटवर्क शामिल होता है. आज पूरी दुनिया इससे प्रभावित है, साइबर अपराध में शामिल होता है आधुनिक दूरसंचार नेटवर्क (इंटरनेट, मोबाइल फोन) का अवैध रूप से उपयोग ताकी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के खिलाफ अपराध किया जा सके, उनको प्रताड़ित किया जा सके, जानबूझकर उनको शारीरिक या मानसिक नुकसान एवं उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा सके. आज के समय में बहुत से लोगों का काम ही सिर्फ यही बना हुआ है, वो लोगों का डाटा चुरा लेते है और फिर उनको बलैकमेल करना शुरू कर देते है साइबर अपराध द्वारा किसी व्यक्ति या राष्ट्र की सुरक्षा एवं financial health को खतरा हो सकता है. साइबर अपराध एक अवैध कार्य है जहां कंप्यूटर को साधन या लक्ष्य या दोनों ही तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. साइबर अपराध एक व्यापक शब्द है, जो कि इस प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है : “ऐसी आपराधिक गतिविधि जहां कंप्यूटर या computer network को साधन, लक्ष्य या आपराधिक गतिविधि के स्थान की तरह इस्तेमाल किया जाता है”।

साइबर अपराध के प्रकार

एक broadway में बोलते हुए हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध को चार प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है, ये हैं फाइनेंशियल, प्राइवेसी, हैकिंग और साइबर टेररिज्म।

वित्तीय अपराध वे user या account holders का पैसा चुराते हैं. इसी तरह, उन्होंने उन कंपनियों का डेटा भी चुराया जिनसे वित्तीय अपराध हो सकते हैं. साथ ही, लेन-देन के कारण उन्हें भारी जोखिम होता है. हर साल हैकर्स लाखों और करोड़ों रुपये के व्यवसायी और सरकार को चुराते हैं।

गोपनीयता अपराध में आपका निजी डेटा चोरी करना शामिल है जिसे आप दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं. इसके अलावा, इसके कारण, लोगों को बहुत नुकसान होता है और कुछ लोग अपने डेटा के दुरुपयोग के कारण आत्महत्या भी करते हैं।

हैकिंग में, वे जानबूझकर एक Website को नुकसान पहुँचाते हैं जिससे जनता या मालिक को नुकसान या हानि होती है. इसके अलावा, वे मौजूदा वेबसाइटों में इसके मूल्य को कम करने के लिए नष्ट या परिवर्तन करते हैं. यह एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति की Website पर अवैध रूप से सशक्त नियंत्रण कर लिया जाता है. इस प्रकार Website का मालिक उस Website पर नियंत्रण एवं ज़रूरी जानकारी खो देता है।

10-20 साल पहले आधुनिक काल के आतंकवाद ने जिस तरह से आगे बढ़ाया है, लेकिन साइबर आतंकवाद का संबंध सिर्फ आतंकवादियों या आतंकवादी संगठनों से नहीं है. लेकिन डर पैदा करने के स्तर पर किसी व्यक्ति या संपत्ति को धमकी देना भी साइबर आतंकवाद है।

साइबर अपराध को रोकने के उपाय

कंप्यूटर Users को हैकर्स से अपने कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए एक फ़ायरवॉल का उपयोग करना चाहिए, कंप्यूटर Users को एंटी वायरस सॉफ्टवेयर जैसे McAfee या Norton एंटी वायरस के रूप में स्थापित करने चाहिए, साइबर विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि यूजर्स को केवल Secure websites पर ही खरीदारी करनी चाहिए, वे अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी संदिग्ध या अजनबियों को कभी न दे, Users को अपने खातों पर मजबूत पासवर्ड विकसित करने चाहिए, अथार्त अक्षरों और Numbers को पासवर्ड में शामिल करें, एवं लगातार पासवर्ड और लॉगिन विवरण का अद्यतन करना चाहिए, बच्चों पर नजर रखे और उनके द्वारा Internet के इस्तेमाल को सिमित रखे, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब की सुरक्षा सेटिंग्स की जाँच करें और सावधान रहे, हैकिंग से बचने के लिए जानकारी सुरक्षित रखें, अधिकांश संवेदनशील फ़ाइलों या financial records के लिए एंक्रिप्शन का उपयोग करें, सभी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नियमित बैक-अप बनाएं, और इसे किसी अन्य स्थान पर संग्रहीत कर लें, Users को सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट का उपयोग करते समय सचेत रहना चाहिए। इन नेटवर्क पर वित्तीय लेनदेन के संचालन से बचें, Users को Internet पर नाम, पता, फोन नंबर या वित्तीय जानकारी जैसे व्यक्तिगत जानकारी देते समय सावधान रहना चाहिए, सुनिश्चित करें कि वेबसाइट्स सुरक्षित हैं।

पसाइबर क्राइम पर निबंध 5 (600 शब्द)

साइबर अपराध एक अपराध है जो आज के समाज में एक महान अपराध है, साइबर अपराध एक प्रकार का अपराध है जो कंप्यूटरों के माध्यम से किया जाता है. यह कंप्यूटर का दुरुपयोग करके बनाया गया है, और यह अनुचित तरीके से नेटवर्क है. यह साइबर अपराध कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर हैकिंग या उनकी आंतरिक जानकारी प्राप्त करके अन्य लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है, और यह बात आधुनिक इंटरनेट तकनीक द्वारा आसानी से की जा सकती है जिसके माध्यम से ये लोग समाज में अपराध पैदा करते हैं।

हैकर्स जो दूसरे लोगों की आंतरिक जानकारी या निजी जानकारी को हैक करते हैं, वे बाद में उन्हें ब्लैकमेल करते हैं और उन्हें परेशान करते हैं. हमारे समाज में ज्यादातर महिलाओं को उत्पीड़न की इस समस्या का सामना करना पड़ता है. वे इन हैकर्स के सबसे ज्यादा शिकार बने हैं. साइबर अपराध की यह समस्या केवल भारत में ही नहीं है, बल्कि यह समस्या पूरी दुनिया में हैकरों के कई सारे दुनिया भर में फैले हुए हैं जो लोगों को हैक करते हैं और परेशान करते हैं. ज्यादातर हैकर रूस से हैं ये रूसी कई लोगों के खाते को हैक करते हैं और बाद में उन्हें ब्लैकमेल करते हैं. साइबर अपराध दुनिया भर में एक बड़ी समस्या बन गया है।

यह हैकिंग कंप्यूटरों से शुरू की गई है, और यह इंटरनेट कनेक्शन हैकर्स कंप्यूटर के माध्यम से लोगों की जानकारी को आसानी से हैक कर लेते हैं और आजकल मोबाइल फोन से हैक करना भी आसान है, इस हैकिंग ने समाज में एक बड़ी समस्या पैदा कर दी है, ये हैकर्स कुछ वायरल करते हैं और अन्य कंप्यूटरों पर डालते हैं और अपने कंप्यूटर में गड़बड़ी पैदा करते हैं जिससे उनके कंप्यूटरों को कई समस्याएं होती हैं, या कभी-कभी ये हैकर्स अपने बैंक खाते या अन्य निजी खातों को हैक कर लेते हैं लोग और बाद में सारा पैसा खातों से निकाल लेते हैं।

वायरस द्वारा वे इसे दूसरों के कंप्यूटर पर बनाते हैं और डालते हैं और वायरस कंप्यूटर को प्रभावित करता है और उनके कंप्यूटर में बहुत सी अवांछित चीजें आती हैं जो डिवाइस के लिए एक बड़ी समस्या पैदा करती हैं जिसके बाद यह वायरस समस्या उपयोगकर्ता के कुछ मनोवैज्ञानिक प्रभाव प्राप्त कर सकती है, उस अवांछित चीज़ को वे अपने कंप्यूटर में वायरस के माध्यम से डालते हैं।

साइबर अपराधों के प्रकारों में पोर्नोग्राफी, साइबर धोखाधड़ी, मानहानि, साइबर पीछा, उत्पीड़न, आईपीआर चोरी, डेटा बंधक, मनी लॉन्ड्रिंग, फ़िशिंग, ई-मेल बमबारी, साइबर युद्ध, अवैध एफटीएफ शामिल हैं. साइबर अपराध पारंपरिक अपराध की तुलना में साइबर अपराध के रूप में अलग और अधिक जघन्य है; अपराध एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में किया जाता है और यहां इसका मतलब है कि पढ़ना एक आवश्यकता नहीं है, बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के दंडात्मक प्रावधानों के तहत एक सामान्य नियम है. भारतीय संसद ने उस प्रस्ताव को प्रभावी करने के लिए आवश्यक माना जिसके द्वारा यू.एन.

जनरल असेंबली ने संयुक्त राष्ट्र आयोग द्वारा व्यापार कानून पर अपनाई गई इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स पर मॉडल कानून को अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 पारित किया गया, यह अधिनियम ऐसे समय में एक स्वागत योग्य कदम था जब इस क्षेत्र पर कोई कानून नहीं था. हालांकि अधिनियम अपने आवेदन के दौरान अपर्याप्त साबित हुआ है और अधिनियम में कुछ खामियां है. अधिनियम में साइबर अपराध न तो व्यापक है और न ही संपूर्ण है, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम ने साइबर उपद्रव, साइबर डकैती और साइबर मानहानि और इतने से नहीं निपटा है, स्पैम, हैकिंग, स्टैकिंग और ई-मेल धोखाधड़ी के मामले बड़े पैमाने पर हैं, हालांकि प्रमुख शहरों में साइबर अपराध सेल स्थापित किए गए हैं, समस्या यह है कि अधिकांश मामले जागरूकता की कमी के कारण अप्राप्त हैं।

मानव मन की क्षमता अथाह है, साइबर स्पेस से साइबर अपराध को खत्म करना संभव नहीं है. हालांकि, उनकी जांच करना काफी संभव है. होम उपयोगकर्ता खंड साइबर हमलों का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है क्योंकि उनके पास जगह में सुरक्षा उपायों की स्थापना की संभावना कम है और इसलिए यह आवश्यक है कि लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया जाए, Users को अपने कंप्यूटर पर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सूचना निशान को बचाने और बचाने की कोशिश करनी चाहिए, एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर, फ़ायरवॉल, घुसपैठ का पता लगाने की प्रणाली का उपयोग आदि और आगे अपराध की जाँच के लिए कानूनों के अनुप्रयोग को और अधिक कठोर बनाना।

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