दोस्तों जब आप इंटरनेट या कंप्यूटर नेटवर्क पर काम करते हैं, तो ऐसे में डाटा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक ट्रेवल होता है। डाटा का एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक जाना यानि दो या दो से अधिक कम्प्यूटरों का आपस में कम्यूनिकेट करना IP address के द्वारा ही संभव हो पाता है। ऐसे में कई User’s का सवाल होता है, की मेरा आईपी एड्रेस क्या है? तो चलिए सीखते हैं, आप अपने कंप्यूटर या इंटरनेट का आईपी एड्रेस कैसे पता कर सकते हैं।
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आईपी एड्रेस क्या होता है ?
आईपी एड्रेस (IP Address) का full form है, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस, आईपी एड्रेस को लॉजिकल एड्रेस भी कहा जाता है। यह एक खास प्रकार का एड्रेस होता है, जो की इंटरनेट या लोकल नेटवर्क (LAN) से जुड़े सभी डिवाइस को दिया जाता है, ताकि डिवाइस उस नेटवर्क से जुड़े दूसरे डिवाइस से (Communicate) कर सके, संपर्क स्थापित कर सके।
ध्यान रखने वाली बात यह है, की आईपी एड्रेस एक unique address है, जो की प्रत्येक डिवाइस को अलग दिया जाता है, ताकि IP address के आधार पर नेटवर्क से जुड़े किसी भी डिवाइस का पता लगाया जा सके, उस से संपर्क स्थापित किया जा सके या उसे डाटा भेजा या प्राप्त किया जा सके।
आईपी एड्रेस नेटवर्क से जुड़ने वाले किसी भी डिवाइस को दिया जा सकता है, जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप, सर्वर, मोबाइल फोन, प्रिंटर, स्कैनर, राऊटर इत्यादि ऐसी ढेरों डिवाइस हैं, जिन्हे नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है।
आईपी एड्रेस के प्रकार क्या हैं ?
मुख्य रूप से आईपी एड्रेस के 4 प्रकार होते हैं, तो चलिए आईपी एड्रेस के इन सभी प्रकार को एक-एक कर समझते हैं।
public
private
Static
Dynamic
सबसे पहले आपका यह समझना जरुरी है, की चाहे आप व्यक्तिगत उपयोग के लिए इंटरनेट कनेक्शन लेते हैं, या किसी बिज़नेस के लिए, वहाँ पर आपके दो प्रकार के आईपी एड्रेस होते हैं, पेहला प्राइवेट आईपी और दूसरा पब्लिक आईपी।
प्राइवेट आईपी एड्रेस :-
आपके इंटरनेट नेटवर्क या प्राइवेट नेटवर्क से जुड़े सभी डिवाइस को मिलने वाला आईपी एड्रेस प्राइवेट आईपी केहलाता है। प्राइवेट आईपी को आप अपने अनुसार रख सकते हैं, और इसमें जुड़ने वाले डिवाइस जैसे लैपटॉप, डेस्कटॉप, प्रिंटर, स्मार्टफोन या IOT डिवाइस इत्यादि कोई भी हो सकती हैं। यानि आपके नेटवर्क के भीतर उपयोग होने वाला आईपी एड्रेस प्राइवेट आईपी केहलाता है।
पब्लिक आईपी एड्रेस :-
पब्लिक आईपी एड्रेस आपके इंटरनेट कनेक्शन से जुड़ा आईपी एड्रेस होता है, जिसके कारण ही प्राइवेट नेटवर्क पर जुड़े सभी डिवाइस पर इंटरनेट चलना संभव हो पाता है। पब्लिक आईपी को ISP द्वारा आपके राऊटर को दिया जाता है, यह एक प्राइमरी एड्रेस होता है, जो की इंटरनेट पर आपके नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क से जोड़ने में मदद करता है।
पब्लिक आईपी एड्रेस के दो प्रकार होते हैं, स्टैटिक आईपी और डायनामिक आईपी एड्रेस।
स्टैटिक आईपी एड्रेस :-
जब ISP के द्वारा आपके राऊटर को एक स्टैटिक आईपी एड्रेस असाइन किया जाता है, तो उसका अर्थ है, की वह एक स्थाई (Fix) आईपी एड्रेस है, जो की ISP द्वारा आपके राऊटर को दिया गया है। स्टैटिक आईपी एड्रेस होने से आप अपने प्राइवेट नेटवर्क पर फाइल सर्वर या किसी भी प्रकार का सर्वर बना कर उसे स्टैटिक आईपी के द्वारा इंटरनेट पर कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं।
डायनामिक आईपी एड्रेस :-
डायनामिक आईपी एड्रेस वह एड्रेस होता है, जो हर थोड़ा समय में बदलता रेहता है, यानि वह आपके नेटवर्क का स्थाई पता नहीं होता है। जब ISP द्वारा आईपी एड्रेस का एक बढ़ा पूल खरीद कर अपने ग्राहकों को असाइन कर दिया जाता है, और समय-समय उस में फेर-बदल किए जाते हैं। तो इस प्रकार आपके नेटवर्क का आईपी एड्रेस बदलता रेहता है, जो की डायनामिक आईपी केहलाता है।
आईपी एड्रेस के version क्या हैं ?
आईपी एड्रेस के 2 version हैं, IPV4 और IPV6 चलिए इन्हे समझते हैं।
IPV4 :- यह आईपी एड्रेस का सबसे पेहला version है, जिसे पेहली बार 1983 में डिप्लॉय किया गया था। IPV4 आज सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला आईपी एड्रेस है, जो की लगभग 90% इंटरनेट ट्रैफिक को लेकर चलता है।
IPV4 सभी डिवाइस को 32bit आईपी एड्रेस असाइन करता है, कुछ इस प्रकार (192.168.0.1) जो की 0 से 255 तक हो सकता है। यह चार Octet केहलाते हैं, उदाहरण के तोर पर जैसे 192 एक octet है, इसी प्रकार बाकि चार ओकटेट भी हैं, और सभी octet के बीच दशमलव (.) होता है।
IPV6 :- यह एक नवीनतम आईपी version है, जिसकी शुरुवात 1994 के दौर में हुई थी। IPV6 को शुरू करने का उद्देश्य अधिक इंटरनेट एड्रेस की जरुरत को पुरा करना था, जो की IPV4 के अधिक उपयोग के कारण पूरा नहीं हो सकता था।
IPV6 128 bit आईपी एड्रेस का उपयोग करता है, जो की IPV4 से थोड़ा लंबा होता है, और इसमें 16 octet होते हैं, उदाहरण के तोर पर कुछ इस प्रकार (2003 : db9: 3322 : 4444 : 5555 : 6666 : 7777 : 9999)
आईपी एड्रेस का क्या उपयोग है ?
आईपी एड्रेस के द्वारा ही एक डिवाइस को नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है, और साथ ही नेटवर्क में आईपी द्वारा ही किसी भी डिवाइस को identify किया जा सकता है, यानि नेटवर्क में आईपी एड्रेस ही प्रत्येक डिवाइस का पता होता है।
नेटवर्क में आईपी एड्रेस द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जा सकते हैं।
कम्प्यूटरों के बीच फाइल शेयरिंग, प्रिंटर शेयरिंग, सर्वर-क्लाइंट मॉडल तैयार किया जा सकता है, तथा इंटरनेट एक्सेस किया जाता है।
मेरा आईपी एड्रेस क्या है, कैसे पता करें ?
यदि आप अपने लैपटॉप, डेस्कटॉप या मोबाइल फ़ोन का आईपी एड्रेस क्या है, यह जानना चाहते हैं, तो इसके दो तरीके नीचे बताए गए हैं।
(LAN) लोकल एरिया नेटवर्क के आईपी एड्रेस के लिए :-
फोन पर :- (सेटिंग-वायरलेस एंड नेटवर्क)-उस (वाई-फाई) नेटवर्क को सेलेक्ट करें जिससे आप कनेक्ट हैं, वहां पर (नेटवर्क इनफार्मेशन) के स्थान पर नीचे आपके फोन का आईपी एड्रेस दिख जाएगा।
लैपटॉप पर :- कीबोर्ड पर (विंडोज+R) के बटन को एक साथ प्रेस कर (रन) के ऑप्शन को खोल लें, अब रन पर टाइप करें (CMD) और एंटर दबाएं, इसके बाद (कमांड प्रांप्ट) खुल जाएगा। अब कमांड प्रांप्ट पर टाइप करें (ipconfig) और एंटर बटन प्रेस कर दें, लैपटॉप का आईपी एड्रेस आपको दिखने लगेगा।
(ISP) से प्राप्त अपने आईपी एड्रेस को पता करने के लिए :-
वेब ब्राउज़र पर गूगल ओपन करें और टाइप करें What is my ip address , आपका आईपी एड्रेस दिख जाएगा।
IPV4 और IPV6 में अंतर ?
IPV4 | IPV6 |
यह 32 बिट आईपी एड्रेस है | यह 128 बिट आईपी एड्रेस है |
यह न्यूमेरिक एड्रेसिंग मेथड है | यह एक अल्फान्यूमेरिक एड्रेसिंग मेथड है |
इसमें 4 ओक्टेट हैं | इसमें 8 ओकटेट हैं |
इसमें बाइनरी बिट को (.) में अलग किया जाता है | इसमें बाइनरी बिट को (:) में अलग किया जाता है |
इसमें आईपी इस प्रकार होता है (192.168.1.2) | इसमें (2003 : db9: 3322 : 4444 : 5555 : 6666 : 7777 : 9999) |
इसमें आईपी एड्रेस को classes में बांटा जाता है Class a, class B, Class C, Class D, Class E |
इसमें आईपी एड्रेस की कोई क्लास नहीं होती है |
आईपी एड्रेस से जुड़ी कुछ जरुरी बातें
(1) एक नेटवर्क के भीतर दो डिवाइस में एक जैसे आईपी एड्रेस नहीं होने चाहिए, इससे iP conflict की समस्या उत्पन्न होती है।
(2) आईपी एड्रेस हर स्थान का अलग हो सकता है, यानि आपके लैपटॉप का जो आईपी एड्रेस आपके घर पर है, हो सकता है, वो आपके ऑफिस में नहीं होगा, या जो आईपी एड्रेस ऑफिस में है, वो यदि आप मोबाइल हॉटस्पॉट से कनेक्ट हैं, तो उसका आईपी एड्रेस कुछ और होगा।
इसी प्रकार जब आप ट्रेवल करते हैं, तो एयरपोर्ट में कुछ और आईपी तथा होटल में कोई दूसरा आईपी होगा, यानि आईपी एड्रेस नेटवर्क के अनुसार बदलता रेहता है।
संक्षेप में
“मेरा आईपी एड्रेस क्या है, कैसे पता करें” हमें उम्मीद है, आपके इस सवाल का जावाब आपको मिल गया होगा। दोस्तों यह तो आप जान गए हैं, की आईपी एड्रेस दो डिवाइस के बीच कनेक्टिविटी बनाता है, और आपको बता दें, की कनेक्टिविटी सुचारु रूप से चल रही है, या नहीं इसका पता आप IP Ping के द्वारा लगा सकते हैं।
दोस्तों यदि इस पोस्ट से जुड़ा आपका कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं, हमें आपके कमैंट्स का इंतजार रेहता है, और यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी है, तो इसे अपने दोस्तों को भी शेयर करें धन्यवाद।