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Network Attached Storage (NAS) क्या है?NAS in HINDI,पूरी जानकारी।

नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में आपको NAS यानि Network attached storage की जानकारी पढ़ने को मिलेगी, जैसे की नेटवर्क अटैच्ड स्टोरेज क्या है, NAS in hindi और इसका क्या महत्व है।

आप जानते होंगे हर किसी के लिए डाटा कितना महत्वपूर्ण होता है,और आप भी अपना निजी डाटा काफी संभाल के और सुरक्षित रखने की हर संभव कोशिश करते होंगे।

लेकिन अगर हम किसी कंपनी की बात करें तो एक कंपनी का सारा कार्य ही डाटा पर निर्भर होता है जहाँ लगातार users डाटा पर काम करते रहते हैं और डाटा से जुडी फाइल्स का आपस में आदान प्रदान भी चलता रहता है,यानि डाटा किसी भी कंपनी की रीड की तरह होता है जिस पर कंपनी का पूरा काम काज निर्भर रहता है।

और यदि किसी कंपनी में डाटा विकेन्द्रीकृत (decentralized) रहता है,यानि डाटा किसी एक जगह ना रहकर अलग अलग कम्पूटरो में होता है तो ऐसे में कई बार काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है क्योंकि सारा डाटा एक तरह से बिखरा हुआ होता है जो जरुरत पड़ने पर या तो मिलता नहीं है,कंप्यूटर ख़राब हो जाने पर उपलब्ध नहीं हो पाता या फिर किन्ही कारणों से डिलीट हो जाता है,

तो ऐसी स्थिति से बचने के लिए ही Centralized data storage solution का इस्तेमाल किया जाता है,जिनमे से NAS Storage भी एक केंद्रीकृत (centralized) डाटा सलूशन है, तो आइए इससे जुडी और सभी जरुरी बातें समझते हैं।

Network attached storage क्या है,What is NAS in hindi

जैसे की आपने पढ़ा NAS एक Network based storage solution है इसका इस्तेमाल डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है,अब आप सोचेंगे डाटा को स्टोर तो हम कंप्यूटर पर,एक्सटर्नल हार्डडिस्क या पेन ड्राइव पर भी कर सकते हैं तो इसमें अलग क्या है,

तो में आपको यहाँ पर बताना चाहता हूँ की NAS हमें डाटा स्टोरेज सुविधा के साथ साथ additional feature’s भी उपलब्ध करता है जैसे automatic data backup,Cloud access,maximum storage space,Centralized data access इत्यादि।

NAS डिवाइस को NAS box,NAS Server भी कहा जाता है यह एक छोटे बॉक्स के आकार का होता है,जिसमे अंदर Hard disk,Processor और RAM लगी होती है और इसका अपना एक ऑपरेटिंग सिस्टम भी होता है,इसकी स्पीड और डाटा स्टोर करने की क्षमता यानि पूरी performance इसकी configuration पर निर्भर करती है

NAS द्वारा आप अपने डाटा जैसे फोटो ,वीडियो,म्यूजिक या फिर किसी भी प्रकार की फाइल को एक व्यवस्थित रूप में रख सकते हैं जहाँ डाटा (Centralized) केंद्रीकृत रहता है,आपको डाटा के लिए अलग अलग डिवाइस या कंप्यूटर पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

नेटवर्क अटैच्ड स्टोरेज पर एक ही समय पर कई user’s कार्य कर सकते हैं और यह एक Personal cloud की तरह भी है जिसमे आप काफी बड़ी मात्रा में डाटा save कर सकते हैं और साथ ही जब चाहें इंटरनेट पर कहीं से भी अपने डाटा को खोल थता उस पर काम भी कर सकते हैं।

NAS का इस्तेमाल पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों कार्यों के लिए किया जाता है,जिसमे इसका अधिक्तर इस्तेमाल कंपनियों में किया जाता है जहाँ पर डाटा की मात्रा काफी अधिक होती है और लगातार डाटा पर कार्य भी चलता रहता है थता डाटा का automatic backup होते रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है।

Network attached storage का इस्तेमाल कैसे करें।
(How to use NAS)

NAS डिवाइस को इस्तेमाल करने के दो तरीके हैं पहले तरीके में आप सीधे तोर पर USB केबल के द्वारा इसे अपने कंप्यूटर से जोड़ कर इस पर अपना डाटा रख सकते हैं लेकिन ऐसा करके आप इसकी सभी सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे,

और दूसरे तरीके में डिवाइस को Configure कर नेटवर्क से जोड़ा जाता हैं जो इसके इस्तेमाल का बिलकुल उचित तरीका है जिससे आप network attached device की विषेशताओं का पूरा लाभ ले पाएंगे।

NAS डिवाइस के साथ कोई भी स्क्रीन नहीं लगी होती बल्कि इसे नेटवर्क पर किसी दूसरे कंप्यूटर पर खोला जाता है और इसमें नेटवर्क से जुड़ी सारि सेटिंग डाल दी जाती हैं। इसके बाद नेटवर्क एडमिन द्वारा उन सभी users को इसका access दिया जा सकता है जिनका डाटा स्टोरेज डिवाइस में save होना है।

NAS कैसे काम करता है। (How does NAS work)

NAS डिवाइस का अपना ही एक सॉफ्टवेयर यानि ऑपरेटिंग सिस्टम होता है,जिससे डिवाइस को manage किया जाता है,सामान्य सर्वर जो हम इस्तेमाल करते हैं उनकी तुलना में यह एक काफी हल्का ऑपरेटिंग सिस्टम होता है।

जहाँ regular सर्वर में फुल ऑपरेटिंग सिस्टम डला हुआ होता है, जिसमे प्रति सेकंड अलग अलग प्रकार की हजारों request सेंड और रिसीव होती रहती हैं,जिससे सर्वर के प्रदर्शन में काफी प्रभाव पड़ता है।

लेकिन अगर हम NAS डिवाइस की बात करें तो यह मुख्यतः दो ही प्रकार की Request सेंड और रिसीव करता है जो की data storage और File sharing से सम्बंधित होतीं हैं। NAS डिवाइस data transmission protocol का इस्तेमाल करता है,

जिसमे NAS को TCP/IP Protocol के द्वारा नेटवर्क स्विच से जोड़ दिया जाता है ताकि नेटवर्क पर जुड़े Clients Network attached storage server से जुड़ सकें और डाटा शेयरिंग कर सकें।

Network attached storage के फायदे (Benefits of NAS)

डाटा स्टोरेज स्पेस बढ़ जाता है :- जहाँ पर्सनल कंप्यूटर पर डाटा को एक सीमित मात्रा में ही रखा जा सकता है वहीँ अगर NAS का इस्तेमाल किया जाए तो इसमें काफी अधिक स्टोरेज की सुविधा मिल जाती है।

डाटा बैकअप लगातार चलता रहता है :- इसमें आटोमेटिक डाटा बैकअप की सुविधा होती है, यानि एक बार schedule करने पर तय किए गए समय के अनुसार डाटा बैकअप शुरू हो जाता है और साथ ही real time में भी डाटा का बैकअप किया जा सकता है।

प्राइवेट क्लाउड स्टोरेज की सुविधा :- इसे ना सिर्फ USB और LAN नेटवर्क द्वारा ही इस्तेमाल किया जा सकता है,बल्कि आप इंटरनेट पर कही से भी इसे Access कर सकते हैं,और अपने डाटा पर सामान्य रूप से काम भी कर सकते हैं।

डाटा की सुरक्षा :- इसके द्वारा डाटा को सुरक्षा प्रदान की जाती है,जहाँ User’s का डाटा अलग से NAS डिवाइस में स्टोर रहता है जिससे डाटा में किसी भी तरह से User’s का हस्तक्षेप नहीं रहता और साथ ही इसमें इनस्टॉल सॉफ्टवेयर के feature’s द्वारा भी डाटा की सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है, जैसे data पर access control लगाना,तय सीमा से अधिक लॉगिन प्रयास पर User ब्लॉक करना थता data encrypt करना इत्यादि।

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है,आपको जानकारी हो गई होगी की NAS क्या है,NAS in HINDI और यह जानकारी आप के काम आई होगी,यदि आपको जानकारी अच्छी लगी, तो इसे दूसरों के साथ भी शेयर करने का कष्ट करें धन्यवाद।

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