भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर, 2019 को न्यूयॉर्क में स्वच्छ भारत अभियान की पहल के लिए गेट्स फाउंडेशन से “ग्लोबल गोलकीपर” का पुरस्कार प्राप्त किया, सबसे पहले हम आपको बता दे की स्वच्छता ना केवल हमारे घर सड़क तक के लिए ही जरूरी नहीं होती है. यह देश ओर राष्ट्र की आवश्यकता होती इससे ना केवल हमारा घर आँगन ही स्वच्छ रहेगा पूरा देश ही स्वच्छ रहेगा. स्वच्छता हर इंसान के लिए जरूरी है जब तक हम आपने आस पास सफाई नहीं रखेंगे तब तक हमारा तन और मन साफ नहीं रहेगा, स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य काम भारत को कूड़ा करकट निजात दिलाना है, और मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान जो कि हमारे देश के प्रत्येक गांव और शहर में पराम्भ की गई है. जो देश के प्रत्येक गली गांव की प्रत्येक सड़कों से लेकर शौचालय का निर्माण कराना और देश के बुनियादी ढांचे को बदलना ही इस अभियान का उद्देश्य है।
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स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 1 (150 शब्द)
स्वच्छ भारत अभियान भारत में होने वाले सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय अभियानों में से एक है. स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छ भारत मिशन में तब्दील हुआ, यह अभियान भारत के सभी शहरों और कस्बों को स्वच्छ बनाने के लिए तैयार किया गया था. यह अभियान भारत सरकार द्वारा प्रशासित किया गया था और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश किया गया था. महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए इसे 2 अक्टूबर को लॉन्च किया गया था. स्वच्छ भारत अभियान का स्वच्छता अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चलाया गया था और इसमें सभी शहरों, ग्रामीण और शहरी शामिल थे. इसने लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए एक महान पहल के रूप में कार्य किया।
स्वच्छ भारत अभियान इस समय भारत में एक जन-शिक्षा के रूप में भी काम कर रहा है. इस अभियान को 2 अक्टूबर 2014 को माननीय प्रधानमंत्री ने दिल्ली की वाल्मीकि बस्ती में सफाई करके इसका उद्घाटन किया था. इस अभियान के अंतर्गत भारत देश के सभी शहरों ग्रामीण इलाकों मोहल्लों और गलियों में साफ सफाई करना है. इसका मकसद भारत के लोगों को स्वच्छ और अधिक स्वच्छ वातावरण प्रदान करना है, इस अभियान में प्रमुख रुप से खुले में शौच मुक्त भारत बनाने पर जोर दिया गया है. क्योंकि आज भी हमारे गांव में अधिकतर घरों में शौचालय की सुविधा नहीं है जिसके कारण लोग बाहर शौच करने जाते हैं. जिससे वातावरण प्रदूषित होता है और साथ ही नई बीमारियां भी जन्म लेती हैं. गांधी जी ने कभी कहा था कि भारत को स्वच्छता की आवश्यकता है, क्योंकि उसे स्वतंत्रता की आवश्यकता है. ग्रामीण भारत में लोग तब तक शौचालय तक मुश्किल से पहुँच पाते थे, न केवल प्रदूषण से बल्कि उनके कचरे से भी मानव जाति पर्यावरण को कैसे दूषित कर रही है, यह समझने की कोई चिंता नहीं थी. स्वच्छ भारत अभियान का मिशन भारत को उसके कचरे को साफ करना है।
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 2 (300 शब्द)
स्वच्छ भारत अभियान को गांधी जी के विचारों से प्रेरित होकर शुरू किया गया है, जी हा दोस्तों हमारे गांधी जी का यह एक सपना था वो आपने पियारे देश को भी योरोप की तरह साफ और सुथरा देखे, क्योंकि गांधीजी ने आजादी से पहले सपना देखा था कि हमारा देश भी विदेशों की तरह साफ सुथरा हो लेकिन किसी कारण वश वह सपना पूरा नहीं हो सका, इसलिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गांधीजी के विचारों से प्रेरणा लेकर उन्हीं के 145 वीं जन्मदिवस पर इस अभियान का प्रारंभ किया था. नरेंद्र मोदी ने भारतवर्ष को गन्दगी से मुक्त करने के लिए बहुत शारे इनिशिएटिव लिए नरेंद्र मोदी जी ने इस अभियान को पूरा करने के लिए 5 साल का लक्ष्य रखा था और उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी जी के 150 वीं जयंती तक पूरे भारत को स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा है. इसमें उन्होंने प्रत्येक भारतवासी से आग्रह किया था, कि वे इस अभियान से जुड़ें और अपने आसपास के क्षेत्रों की साफ-सफाई करें, दोस्तों खुसी बात यह की भारतवर्ष के लोगों ने आपने प्रधानमंत्री की बात को सुना और उस पर अमल भी किया, नरेंद्र मोदी जी ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने देश के 11 महत्वपूर्ण एवं प्रभावी लोगों कोई इसका प्रचार प्रसार करने के लिए चुना है. जिनमें कुछ क्रिकेटर, कुछ फिल्मकार, और कुछ महान लोग हैं जिनको लोग सुनना पसंद करते हैं और उनकी बातों पर अमल भी करते हैं. मोदी जी ने कहा था कि हर एक व्यक्ति को इस अभियान में 9 लोगों को जोड़ना है और फिर वह दूसरा व्यक्ति भी 9 लोगों को जोड़ेगा इससे अभियान का प्रचार प्रसार भी होगा और लोगों में उत्साह भी होगा कि अपने आसपास सफाई रखनी आवश्यक है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वयं मोदी जी ने सड़कों पर साफ सफाई की थी. इसको देखकर लोगों में साफ सफाई के प्रति नया उत्साह पैदा हो गया और लोगों ने साफ सफाई भी करना चालू कर दिया है. इस अभियान का उद्देश्य है कि 2019 तक पूरा भारत स्वच्छ एवं साफ सुथरा हो।
स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य
स्वच्छ भारत अभियान ने इसे प्राप्त करने के लिए बहुत सारे उद्देश्य निर्धारित किए ताकि भारत स्वच्छ और बेहतर बन सके, इसके अलावा, इसने न केवल सफाईकर्मियों और श्रमिकों बल्कि देश के सभी नागरिकों से अपील की, इससे संदेश को व्यापक पहुंच बनाने में मदद मिली, इसका उद्देश्य सभी घरों में सेनेटरी सुविधाओं का निर्माण करना है. ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे आम समस्याओं में से एक खुले में शौच है. स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य इसे खत्म करना है. इसके अलावा, भारत सरकार का इरादा सभी नागरिकों को हैंडपंप, उचित जल निकासी व्यवस्था, स्नान की सुविधा और बहुत कुछ प्रदान करना है. यह नागरिकों के बीच स्वच्छता को बढ़ावा देगा. इसी तरह, वे जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहते थे. उसके बाद, एक प्रमुख उद्देश्य नागरिकों को बेकार के निपटान के लिए सिखाना था।
भारत को स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता क्यों है?
भारत को गंदगी को मिटाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान जैसे स्वच्छता अभियान की सख्त जरूरत है. यह स्वास्थ्य और कल्याण के संदर्भ में नागरिकों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है. चूंकि भारत की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, इसलिए यह एक बड़ी समस्या है. आमतौर पर, इन क्षेत्रों में, लोगों के पास उचित शौचालय की सुविधा नहीं है. वे खेतों या सड़कों पर निकलते हैं, यह अभ्यास नागरिकों के लिए बहुत अधिक स्वच्छता समस्याएं पैदा करता है. इसलिए, यह स्वच्छ भारत मिशन इन लोगों की जीवन स्थितियों को बढ़ाने में बहुत मदद कर सकता है।
दूसरे शब्दों में, स्वच्छ भारत अभियान उचित अपशिष्ट प्रबंधन में भी मदद करेगा. जब हम कचरे का निपटान ठीक से करेंगे और कचरे को रिसाइकिल करेंगे, तो इससे देश का विकास होगा. जैसा कि इसका मुख्य ध्यान एक ग्रामीण क्षेत्र है, इसके माध्यम से ग्रामीण नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा. सबसे महत्वपूर्ण बात, यह अपने उद्देश्यों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है. भारत दुनिया के सबसे गंदगी वाले देशों में से एक है, और यह मिशन परिदृश्य को बदल सकता है. इसलिए, भारत को इसे हासिल करने के लिए स्वच्छ भारत अभियान जैसे स्वच्छता अभियान की आवश्यकता है. संक्षेप में, स्वच्छ भारत अभियान भारत को साफ-सुथरा बनाने के लिए एक बेहतरीन शुरुआत है. यदि सभी नागरिक एक साथ आ सकते हैं और इस अभियान में भाग ले सकते हैं, तो भारत जल्द ही फल-फूल जाएगा. इसके अलावा, जब भारत की स्वच्छ स्थिति में सुधार होगा, तो हम सभी को समान रूप से लाभ होगा. भारत में हर साल अधिक पर्यटक आएंगे और नागरिकों के लिए खुश और स्वच्छ वातावरण बनाएंगे।
हमारे देश में कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां पर कूड़ा करकट नहीं फैला हो, हमारे भारत देश के हर शहर, हर गांव, हर एक मोहल्ला, हर एक गली कूड़े-करकट और गंदगी से भरी पड़ी है. हमारे देश के गाँवो में शौचालय नहीं होने के कारण के लोग आज भी खुले में शौच करने जाते हैं जिसके कारण हर जगह गंदगी फैलती है और यह गंदगी नई बीमारियों को आमंत्रण देती है. हमारे आसपास के सभी नदी-नाले भी कचरे से इस तरह से रहते हैं जैसे कि पानी की जगह कचरा बह रहा हो, इस कूड़ा करकट और गंदगी के कारण विदेश से लोग हमारे देश में आना कम ही पसंद करते हैं, जिसके कारण हमारे देश को आर्थिक नुकसान होता है. इस कचरे के कारण हमारे साथ-साथ अन्य जीव जंतुओं को भी नुकसान होता है और साथ ही हमारी पृथ्वी भी प्रदूषित होती है. ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हो साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है. नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरुकता का निर्माण करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिये, पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना. भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना. ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 3 (400 शब्द)
स्वच्छ भारत अभियान- स्वच्छता के महत्व को समझते हुए, मोदी सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत सरकार की शुरुआत की गई थी. इसके तहत गलियों, सड़कों, मोहल्लों, गांवों और शहरों आदि की सफाई करनी होगी. गांधीजी ने स्वच्छ और सुंदर भारत का सपना देखा था, जिसे साकार करने की जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी ने ली है. स्वच्छ भारत का मतलब है स्वस्थ भारत, भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग स्वच्छता के महत्व को भूलते जा रहे हैं. जहां भी आप देखते हैं, आप उस पर कचरा फेंकते हैं जिसके कारण सैकड़ों बीमारियां हो रही हैं, और लोग अधिक बीमार हो रहे हैं. पूरे भारत को स्वच्छ बनाने के लिए, सरकार ने जगह-जगह कचरा डाला है।
घरों और दुकानों से कचरा एकत्र करने के लिए एक गाड़ी भेजी जाती है. सरकार के स्वच्छता अभियान ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया है. कई सार्वजनिक प्रदर्शन भी किए ताकि लोग खुले में शौच न करें और गंदगी न फैलाएं, अगर हमारे चारों तरफ स्वच्छता है तो सब कुछ बहुत सुंदर होगा और लोग स्वस्थ भी रहेंगे, कोई भी व्यक्ति पूरे देश को साफ नहीं रख सकता, हम सभी को मिलकर यह काम करना होगा।
स्वच्छ भारत अभियान का परिचय किसने और कब दिया?
इसे 2 अक्टूबर, 2014 को नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा गांधी के स्वच्छता के विचार के प्रति समर्पण के रूप में लॉन्च किया गया था. गांधी का भारत को स्वच्छता की समस्या से मुक्त बनाने का एक समान सपना था. स्वच्छ भारत अभियान के पीछे प्रमुख एजेंडा उचित कचरा प्रबंधन था और यह सुनिश्चित करना कि ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में शौचालय हो, यह सरकार की ओर से ज्ञात किया जाने वाला पहला ऐसा प्रमुख सामाजिक आंदोलन है. नरेंद्र मोदी ने यह भी सोचा था कि महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान शुरू करने वाला कुछ भी प्राचीन नहीं हो सकता है. वह खुद कचड़ा, कूड़ा बीनने के लिए सड़कों पर उतर गया, वह चाहते थे कि अन्य लोग हाथ मिलाएं और 2019 तक स्वच्छ भारत की दिशा में इस पहल को आगे बढ़ाएं, इस परियोजना पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद थी।
स्वच्छ भारत अभियान के पीछे का एजेंडा
सबसे महत्वपूर्ण, शौचालय के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर प्रदान करना।
स्वच्छता के विचार के प्रति लोगों के नज़रिए को बदलें, लोग केवल अपने घर से बाहर निकलने वाले कचरे की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं, यह कहीं भी समाप्त नहीं होता है, बल्कि यह अपने स्वयं के स्थानीय गंदे बनाता है।
जन जागरूकता पैदा करें।
खुले में शौच करने की आदत को बदलना।
सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए।
हर घर में पैदा होने वाले कचरे का उचित प्रबंधन।
स्कूलों में लड़कियों और लड़कों को अलग-अलग शौचालय उपलब्ध कराना।
स्वच्छ भारत अभियान का महत्व
वैसे प्रत्येक नागरिक के लिए स्वच्छ वातावरण में रहना आवश्यक है, स्वच्छ पानी पीने की इच्छा रखने वाला यह उतना ही मौलिक है गंदे वातावरण में रहने से व्यक्ति बीमारियों और मौतों का शिकार हो जाता है. स्वच्छ वातावरण को समृद्धि की ओर कदम के रूप में गिना जाएगा, और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में कोई वास्तविक नुकसान नहीं है, इस तरह से यह पर्यटन को बेहतर बना सकता है, कहते हैं, बेहतर पर्यटन, अर्थव्यवस्था का बेहतर उत्कर्ष, और एक देश के लिए खुद को एक स्वच्छ देश के रूप में रैंक करना आवश्यक है. सबसे गंदे देशों की सूची में कौन सा देश अच्छा लगेगा, कोई नहीं, सही है?
स्वच्छ भारत अभियान भारत के इतिहास में सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण मिशनों में से एक है. यह अभियान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था, और महात्मा गांधी के स्वच्छ देश के दृष्टिकोण को सम्मानित करने के लिए 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, प्रारंभ में, यह स्वच्छ भारत अभियान अभियान सभी कस्बों, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर चलाया गया था, दोस्तों क्या आप जानते है. हमारे पूजनीय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्वतंत्रता से पहले स्वच्छ रहना और इसके तहत स्वच्छता को उन्होंने ईश्वर भक्ति के बराबर माना स्वच्छता की शिक्षा को उन्होंने सभी को प्रदान करी उनका सपना था कि इसके तहत वह सभी नागरिकों को एक साथ मिलकर देश को साफ रखने के बारे में सोचते थे इसी के तहत जिस आश्रम में वो रहते थे वहां रोजाना सुबह 4:00 बजे उठकर स्वयं सफाई करते थे. उन्होंने वर्धा आश्रम में अपना स्वम का शौचालय बनवाया था जिसको प्रतिदिन शुबह – शाम साफ भी करते थे. गांधी जी की यही स्वच्छ भारत के सपनों को पूरा करने के लिए श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करी।
स्वच्छ भारत अभियान का प्रमुख उद्देश्य स्वच्छता के प्रति जागरूकता और इसके महत्व को फैलाना है. स्वच्छ भारत अभियान की अवधारणा प्रत्येक व्यक्ति को शौचालय, ठोस और तरल अपशिष्ट निपटान प्रणाली, गाँव की सफाई और सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल आपूर्ति जैसी बुनियादी स्वच्छता सुविधाएँ प्रदान करना है, स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है, यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है, और भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही है जो की शहरों और गाँवों की सफाई के लिए आरम्भ की गयी है, इस अभियान के माध्यम से भारतवर्ष गन्दगी से काफी हद तक निजात भी मिली है, इस अभियान में शौचालयों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, गलियों व सड़कों की सफाई, देश के बुनियादी ढांचे को बदलना आदि शामिल है। इस अभियान को आधिकारिक तौर पर राजघाट, नई दिल्ली में 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145 वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।
Swachh Bharat Abhiyan Action Plan
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के लिए कार्य योजना तैयार की जानी है. यह दृष्टि 2019 तक स्वच्छता की सुविधा को तीन गुना करना है. इसे लागू करने के लिए एक बड़ा बदलाव एक खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) भारत को बनाना है।
Action Plan Highlights
इस अभियान के माध्यम से वर्ष 2019 तक शौचालय के विकास प्रतिशत में 3% से 10% तक सुधार होगा, प्रतिदिन 14000 से 48000 तक शौचालय निर्माण में वृद्धि, जागरूकता के संदेश को संप्रेषित करने के लिए ऑडियो विजुअल, मोबाइल टेलीफोनी और स्थानीय कार्यक्रमों के माध्यम से एक राष्ट्रीय स्तर / राज्य स्तरीय मीडिया अभियान का शुभारंभ, जल, स्वच्छता और स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए गतिविधियों में स्कूली बच्चों को शामिल करना।
Swachh Bharat Mission
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) में आकर, यह शहरी विकास मंत्रालय के अधीन है और 377 मिलियन की संयुक्त आबादी वाले सभी 4041 वैधानिक शहरों में स्वच्छता और घरेलू शौचालय की सुविधा देने के लिए कमीशन किया गया है. पांच वर्षों में अनुमानित लागत 62,009 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र की सहायता राशि 14,623 करोड़ रुपये है. मिशन को उम्मीद है कि 1.04 करोड़ घरों को कवर किया जाएगा, 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय सीटें, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय सीटें दी जाएंगी, इसका उद्देश्य प्रत्येक शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं स्थापित करना भी है।
स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य
लोगों की मानसिकता को बदलना उचित स्वच्छता का उपयोग करके।
खुले में शौच बंद करवाना जिसके तहत हर साल हजारों बच्चों की मौत हो जाती है।
शौचालय उपयोग को बढ़ावा देना और सार्वजनिक जागरूकता को शुरू करना।
लगभग 11 करोड़ 11 लाख व्यक्तिगत, सामूहिक शौचालयों का निर्माण करवाना जिसमे 1 लाख 34 हजार करोड रुपए खर्च होंगे।
गांवो को साफ रखना।
ग्राम पंचायत के माध्यम से ठोस और तरल अपशिष्ट की अच्छी प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित करना।
स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान के रूप में भी जाना जाता है. स्वछता का सीधा सम्बन्ध हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, अतः यह कहना गलत नहीं होगा की एक स्वच्छ शरीर में ही एक स्वस्थ मन का निवास होता है, आज से सौ वर्ष पहले महात्मा गाँधी ने एक स्वच्छ भारत का सपना देखा, जो आज साकार हो रहा है. स्वच्छ भारत अभियान को 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145 वीं जयंती के अवसर पर नई दिल्ली में राजघाट से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था. इस पूरे सप्ताह को स्वच्छता सप्ताह के रूप में मनाया जाता है. नरेंद्र मोदी ने गांधीजी की 150 वीं जयंती तक पूरे भारत को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से इस मिशन की शुरुआत की, जो 2019 में पूरी होगी. अब तक भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आंकड़े 2014 में 40% तक सीमित थे, वे बढ़कर 98% हो गए हैं. इस योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और भारत को स्वच्छ बनाना है, जो महात्मा गांधी जी का सपना था और उनका जन्मदिन मनाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है।
आमतौर पर हम सभी जानते है, की स्वछता का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है परन्तु हमने इसका अर्थ सिर्फ स्वयं के शरीर की सफाई से लगा लिया है, ये गलत है स्वछता को सिर्फ शरीर की सफाई तक सिमित करके हमने उसके अर्थ को संक्रीण बना दिया है. स्वछता हर किसी के लिए बहुत ही जरूरी है इसलिए हमारे प्रधानमंत्री अभियान बहुत ज़ोर दिया है, स्वछता, भक्ति के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है, गांधीजी के अनुसार,”जब तक आप झाड़ू और बाल्टी अपने हाथों में नहीं लेते तब तक आप अपने गांव एवं कस्बे को स्वस्थ नहीं कर सकते “ स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत स्वयं हमारे प्रधानमंत्री ने झाड़ू लगा के की थी. स्वच्छ भारत अभियान का सफलतम क्रियान्वयन करना भारत जैसे बड़े शेत्रफ़ल् वाले देश मे अत्यन्त कठिन था,परन्तु हमारे प्रधानमंत्री के दृण संकल्प ने गांधीजी के इस सपने को सच कर दिखाया।
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक स्वच्छता मिशन है. यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी के 145 वें जन्मदिन के अवसर पर आधिकारिक रूप से भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था. यह राजघाट, नई दिल्ली से शुरू किया गया था जहां महात्मा गांधीजी की समाधि है. भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 तक पूरे भारत को स्वच्छ बनाने का उद्देश्य निर्धारित किया है, जो महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती होगी. यह देशभक्ति से प्रेरित एक गैर-राजनीति अभियान है. यह प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि उसका देश स्वच्छ हो और इस मिशन में प्रत्येक भारतीय नागरिक की भागीदारी भी आवश्यक हो, इस सप्ताह में शिक्षकों और स्कूली छात्रों में विशेष उत्साह देखा जा सकता है. वे हर साल बड़े उत्साह के साथ इसमें शामिल होते हैं और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. इसके तहत, मार्च 2017 में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और स्वच्छता पहल शुरू की है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में पान, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है. सप्ताह जो भी हो, हमें हमेशा स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए और हमारा यही दृष्टिकोण देश को स्वच्छ बनाने में योगदान देगा।
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 5 (600 शब्द)
स्वच्छ भारत अभियान से हमारा देश केवल स्वच्छ ही नहीं होगा इससे देश में हर तरफ खुशहाली आएगी और लोग खुश रहेंगे, क्योंकि अगर हमारे आसपास की जगह साफ सुथरी होगी तो हम भी खुश रहेंगे. स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया, यह 2 अक्टूबर 2014 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य पूरे भारत को स्वच्छ और सुंदर बनाना है. इसमें सड़क, गांव और शहर की सफाई शामिल है. इसके लिए सरकार ने स्थानों पर डस्टबिन रखे हैं और दुकानों और घरों को इकट्ठा करने के लिए गाड़ियां भेजी जाती हैं, लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया गया। बच्चों को स्कूलों में स्वच्छता अभियान के बारे में बताया गया है और उन्हें भारत को स्वच्छ बनाने के लिए प्रेरित किया गया है क्योंकि भारत स्वच्छ होगा तभी भारत स्वस्थ होगा. भारत का अगर हर एक शहर, गांव, सड़के, गलियां साफ-सुथरी होंगी तो हमारा वातावरण भी शुद्ध रहेगा जिससे लोग बीमार कम पड़ेंगे और इससे देश के आर्थिक विकास में भी सहायता होगी, स्वच्छ भारत अभियान से हमारा पर्यटन क्षेत्र भी तेजी से उन्नति करेगा क्योंकि आज देश में हर जगह कूड़ा करकट और गंदगी फैल होने के कारण विदेशी पर्यटक हमारे देश में आना पसंद नहीं करते हैं. इसलिए जैसे ही हमारा देश साफ सुथरा हो जाएगा तो विदेशी पर्यटक भी हमारे देश में आने के लिए आकर्षित होंगे. स्वच्छ भारत अभियान को तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को आरंभ किया था। उन्होंने कहा था कि अगर देश में विकास चाहिए तो सबसे पहले देश को साफ सुथरा होना आवश्यक है. इस अभियान के अंतर्गत है शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई गई है।
स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छता अभियान है. इसे स्वच्छ भारत के विजन के साथ लागू किया गया है. महात्मा गांधी का सपना था, कि भारत एक स्वच्छ देश बन जाए, इसलिए इसकी शुरुआत भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर की थी. महात्मा गांधी ने अपने समय में हर किसी को संकीर्णताओं और कविताओं के माध्यम से प्रेरित करने की कोशिश की, लेकिन लोगों की कम दिलचस्पी के कारण वह असफल रहे. लेकिन इस स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए कुछ वर्षों के बाद, भारत सरकार द्वारा फिर से कुछ कदम उठाए गए और इसे महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती तक पूरा करने का निर्णय लिया गया, इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145 वीं जयंती के अवसर पर हुई थी. यह भारत के सभी नागरिकों के लिए एक बड़ी चुनौती है. यह तभी संभव है जब भारत में रहने वाला हर कोई इस अभियान के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझे और इस मिशन को सफल बनाने के लिए ठोस प्रयास करे, भारत की हस्तियों ने इस पहल के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाया, हमें भी आगे बढ़ना चाहिए और देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए, अपने आसपास के वातावरण को साफ रखें और कूड़ेदान में हमेशा कूड़ा डालें।
स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक विशाल जन आंदोलन है, जो पूरे भारत में स्वच्छता को बढ़ावा देता है. यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर शुरू किया गया था, और इसे 2019 में गांधीजी के 150 वें जन्म शताब्दी के अवसर पर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का एक स्वच्छ भारत का सपना था और इसके लिए हमेशा प्रयासरत रहे, राष्ट्रपिता के सपने और भारत के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने इस अभियान की शुरुआत की।
इस मिशन का उद्देश्य सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाना है. ताकि हम एक आदर्श देश का उदाहरण दुनिया के सामने पेश कर सकें, मिशन के कुछ उद्देश्य खुले में शौच मुक्त बनाना, अस्वस्थ शौचालयों की मरम्मत, ठोस और तरल कचरे का पुन: उपयोग, स्वच्छता के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना, अच्छी आदतों को प्रेरित करना, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता खुद को उधार देना है. इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, मोदी जी ने 9 लोगों को चुना और उनसे अनुरोध किया कि वे इस श्रृंखला में 9 और लोगों को अपने साथ जोड़ें और उन्हें स्वच्छता का ज्ञान दें और अपने आसपास स्वच्छता को बढ़ावा दें. इस प्रकार प्रत्येक भारतीय को इस श्रृंखला से जोड़ना था. हम इस स्वच्छता अभियान में काफी हद तक सफल रहे हैं. पूरे भारत में अब तक 98% शौचालयों का निर्माण किया गया है. सिक्किम के पास पहले खुले में शौच मुक्त राज्य का खिताब है. पूरे भारत ने इस योजना को एक साथ पूरा किया है और एक बार फिर सच्चाई को दिखाया है कि यदि पूरा भारत एक साथ आता है, तो आप सबसे कठिन कार्यों को भी पूरा कर सकते हैं।
स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत क्यों है ?
स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत क्यों है, आइये यह भी जानते है, दोस्तों अपने उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिये, यह हमारे देश के लिए बहुत ही जरूरी है, भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है. ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिये है जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है. इस अभियान के माध्यम से भारत सरकार वेस्ट मैनेजमेंट तकनीकों को बढ़ाने के द्वारा स्वच्छता की समस्याओं का समाधान करेगी, और सम्पूर्ण भारतवर्ष को गंदगी से छूटकर दी लाएगी, स्वच्छ भारत आंदोलन पूरी तरह से देश की आर्थिक ताकत के साथ जुड़ा हुआ है. महात्मा गांधी के जन्म की तारीख मिशन के शुभारंभ और समापन की तारीख है. स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने के पीछे मूल लक्ष्य, देश भर में शौचालय की सुविधा देना, साथ ही दैनिक दिनचर्या में लोगों के सभी अस्वस्थ आदतो को समाप्त करना है।
भारत में पहली बार सफाई अभियान 25 सितंबर 2014 में शुरू हुयी और इसका आरम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सड़क की सफाई से की गयी, यह अभियान आज भी जारी है. इस अभियान के तेहत भारत वर्ष को काफी लाभ होने वाला है, इस मिशन की सफलता परोक्ष रूप से भारत में व्यापार के निवेशकों का ध्यान आकर्षित करना, जीडीपी विकास दर बढ़ाने के लिए, दुनिया भर से पर्यटकों को ध्यान खींचना, रोजगार के स्रोतों की विविधता लाने के लिए, स्वास्थ्य लागत को कम करने, मृत्यु दर को कम करने, और घातक बीमारी की दर कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरूकता लाना और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ना. इसमें काम करने वाले लोगों की मदद करने के लिए स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन को नियंत्रित करना, खाका तैयार करना. पूरे भारत में स्वच्छता सुविधाओं को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाना. भारत को स्वच्छ और हरा-भरा बनाना. ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार, स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से निरंतर स्वच्छता के लिए समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को जागरूक करना, और भी कई चीजो में सहायक होंगी. स्वच्छ भारत अधिक पर्यटकों को लाएगी और इससे आर्थिक हालत में सुधार होगी. भारत के प्रधानमंत्री ने हर भारतीय को 100 घंटे प्रति वर्ष समर्पित करने के लिए अनुरोध किया है जोकि 2019 तक इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए पर्याप्त है।
स्वच्छ भारत अभियान क्या है?
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा स्थापित एक राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान है, जिसमें 4041 वैधानिक शहरों, सड़कों, फुटपाथों और कई अन्य साइटों को शामिल किया गया है. यह एक बड़ा आंदोलन है, जिसके तहत भारत को 2019 तक पूरी तरह से स्वच्छ बताया गया था. यह मिशन 2 अक्टूबर 2014 (145 वां जन्मदिन) पर बापू के जन्मदिन के शुभ अवसर पर लॉन्च किया गया था और इसे 2 अक्टूबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है (बापू का 150 वां जन्मदिन) ) इस अभियान को शहरी विकास और पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है.
मोदी जी का मानना है कि एक तरफ भारत को एक अलग पहचान मिल रही है, और दूसरी तरफ दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर भी यहां मौजूद हैं. इसके कारण, देश आगे बढ़ता है और पिछड़ जाता है, इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि देश की आर्थिक प्रगति के साथ-साथ इसके सौंदर्यीकरण और पर्यावरण पर भी ध्यान दिया जाए, जिसमें स्वच्छता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य, प्रत्येक शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित, लगभग सभी 1.04 करोड़ घरों में 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय और 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय प्रदान किए गए हैं. सामुदायिक शौचालय निर्माण योजना आवासीय क्षेत्रों में की गई है, जहां व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों की उपलब्धता मुश्किल है. इसी तरह, सार्वजनिक शौचालयों जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार आदि के अधिकृत स्थानों पर शौचालय बनाए गए हैं, इसके साथ ही सड़कों पर शौचालय बनाए गए हैं।
इस क्रम में, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की लागत लगभग 7,366 करोड़ रुपये, सार्वजनिक जागरूकता के लिए 1,828 करोड़, सामुदायिक शौचालयों के लिए 655 करोड़ रुपये, 4,165 करोड़ रुपये की लागत पूरी हो चुकी है, और लगभग 98% खुले में शौच से समाप्त कर दिया गया है, कचरा प्रबंधन के लिए सभी शहरों में सूखे और गीले कचरे के लिए अलग-अलग कचरा उपलब्ध कराया गया है. जिसे काफी हद तक कचरे से मिटा दिया गया है. और सिक्किम पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त राज्य बनने वाला पहला राज्य है।
ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन
ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण भारत में स्वच्छता कार्यक्रम को लागू करने के लिए एक ऐसा अभियान है. इससे पहले, निर्मल भारत अभियान (जिसे संपूर्ण स्वच्छता अभियान के रूप में भी जाना जाता है) भारत सरकार द्वारा 1999 में स्थापित किया गया था ताकि अन्य गाँवों को स्वच्छ बनाया जा सके, लेकिन अब इसे स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के रूप में पुनर्गठित किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण लोगों को खुले में शौच की मजबूरी से रोकना है, इसके लिए सरकार ने 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए एक लाख चौंतीस हजार करोड़ की राशि खर्च की है. यह ध्यान देने योग्य है कि सरकार ने कचरे को जैविक खाद और उपयोगी ऊर्जा में भी बदल दिया है. इसमें ग्राम पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति की अच्छी भागीदारी थी, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लक्ष्य थे −
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना, जिसके लिए सरकार लगी हुई है।
2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित करना।
पंचायती राज संस्थानों, समुदायों आदि को निरंतर आवश्यक स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और उन्नत पर्यावरणीय स्वच्छता प्रणालियों को विकसित करना चाहिए जो समुदायों द्वारा प्रबंधनीय हों।
Clean India – Clean School Campaign
यह अभियान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाया गया था और इसका उद्देश्य स्कूलों में स्वच्छता लाना था. इस कार्यक्रम के तहत, 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहां महात्मा गांधी की शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित, छात्रों द्वारा स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा जैसे कई स्वच्छता गतिविधियों का संचालन किया गया था. विषय पर चर्चा, स्वच्छता गतिविधियाँ (कक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, मैदान, बगीचे, रसोई, शेड की दुकान, खानपान स्थान आदि) में, स्कूल क्षेत्र में स्वच्छता, महान लोगों के योगदान पर भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कला, फिल्म, चर्चा, पेंटिंग, और स्वास्थ्य और स्वच्छता आदि पर नाटकों का मंचन, इसके अलावा, एक सफाई अभियान सप्ताह में दो बार आयोजित किया जाना चाहिए जिसमें शिक्षक , छात्र और अभिभावक सभी भाग लेंगे।
निष्कर्ष
हम कह सकते हैं कि हम इस वर्ष अपने लक्ष्य में काफी हद तक सफल हुए हैं. जैसा कि हम सभी ने कहावत में सुना है ‘स्वच्छता ईश्वर की ओर अगला कदम है’हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि, अगर आने वाले समय में भारत के लोग प्रभावी रूप से इसका पालन करते हैं, तो पूरा देश स्वच्छ भारत अभियान के साथ भगवान की जगह बन जाएगा. हमारा कर्तव्य है कि हम एक सच्चे नागरिक बनें, न तो गंदगी फैलाएं और न ही फैलाएं, देश को अपने घर की तरह चमकाएं ताकि आप भी गर्व से कह सकें कि आप भारतीय हैं।
हम कह सकते हैं कि स्वच्छ भारत अभियान 2019 तक स्वच्छ और हरित भारत के लिए एक स्वागत योग्य कदम है. जैसा कि हम सभी ने सबसे प्रसिद्ध कहावत सुनी है कि “स्वच्छता आगे है”, हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि स्वच्छ भारत अभियान (स्वच्छ भारत अभियान) ) वास्तव में भारत के लोगों द्वारा प्रभावी ढंग से पालन किया गया होगा, वास्तव में कुछ वर्षों में पूरे देश में भगवान की भक्ति लाएगा, इसलिए, स्वच्छता गतिविधियों की शुरुआत गर्मजोशी से की गई है, लेकिन अगर हम वास्तव में अपने जीवन में हमेशा के लिए धार्मिकता चाहते हैं, तो उन्हें समाप्त करने की आवश्यकता नहीं है. एक स्वस्थ देश और एक स्वस्थ समाज को अपने नागरिकों को जीवन के हर पड़ाव पर स्वस्थ और स्वच्छ रहने की आवश्यकता होती है।