ऐसा कोई इंसान नहीं, जिसने कभी अस्पताल का मुंह न देखा हो. सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारी से लेकर बड़ी बीमारियों तक के इलाज के लिए वह अस्पताल का रुख करता है. मौसम बदलता है तो मौसमी बीमारियाँ पैर पसार लेती है.
इन दिनों अस्पतालों की ओपीडी मरीजों से भरी नज़र आती है. आखिर क्या है ये ओपीडी और OPD full form in Hindi. आज हम इस से जुडी जानकारी आपको मुहैया कराएँगे.
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OPD full form in Hindi – ओपीडी
ओपीडी का मतलब – Out Patient Department
O – Out
p – Patient
D – Department
OPD meaning in Hindi – वाह्य रोगी विभाग.
ओपीडी का काम क्या है?
इस विभाग में उन रोगियों का उपचार किया जाता है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किये जाने की जरुरत नहीं होती. यहाँ मुख्यतः डॉक्टर सलाह देने का कार्य करते हैं. मरीज के लक्षण के आधार पर बीमारी का पता लगाते हैं. बीमारी से जुड़े शक पुख्ता करने के लिए जरुरी जांचें लिखते हैं. जरुरत हो तो भर्ती होने की सलाह देते हैं.
OPD क्यों ज़रूरी है?
ओपीडी ऐसी जगह होती है, जहां ये सर्व सुलभ हो. मसलन अस्पताल में सबसे पहले ओपीडी की ही व्यवस्था होती है.
अगर अस्पताल कई मंजिल का है तो पहले तल पर ओपीडी होती है, ताकि मरीजों को यहाँ तक पहुँचने में किसी तरह तरह की दिक्कत न हो. विकलांग, वृद्ध मरीजों के लिए रैंप, व्हीलचेयर की भी व्यवस्था रहती है. एक रजिस्ट्रेशन काउंटर भी इसी के पास होता है, ताकि मरीज रजिस्ट्रेशन करा कर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर सकें.
इसी तल पर डॉक्टर्स के परामर्श कक्ष होते हैं. आँखों के, दांतों के, नाक, कान, गले आदि रोगों के अलग-अलग डॉक्टर ओपीडी में बैठते हैं.
OPD के काम
अस्पताल के outpatient clinic, जिसे एक Outpatient Department भी कहा जाता है, उन रोगियों को निदान और देखभाल प्रदान करता है जिन्हें रात भर अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती है । OPD विभाग अस्पताल के समग्र चलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है | यह आम तौर पर इन-रोगी सेवाओं के साथ एकीकृत होता है और सलाहकार चिकित्सकों द्वारा आयोजित होता है |
इस विभाग में कई रोगियों की जांच की जाती है और अस्पताल में भर्ती होने से पहले बाहरी रोगियों के रूप में उपचार दिया जाता है | discharged किए जाने पर, वे अनुवर्ती उपचार के लिए आउटपेशेंट क्लिनिक में उपस्थित हो सकते हैं |
OPD की सुविधाएं
आउटपेशेंट डिपार्टमेंट सामान्यत: अस्पताल के भूतल पर होगा, जहां आसपास कार-पार्किंग की सुविधाएं हैं। न चल पाने वाले रोगियों के लिए wheel chair और stretcher उपलब्ध होता हैं, मरीजों को reception desk पर पंजीकरण करना होता है और उनका नंबर आने तक उन्हें इंतिजार करना होता है |
प्रत्येक चिकित्सक के पास एक परामर्श कक्ष होता है और इन के निकट छोटे इंतजार करने वाले क्षेत्र होते हैं जहाँ मरीज आपने बारी आने का इंतिजार करते हैं | बाल क्लीनिक अक्सर वयस्क क्लीनिकों से अलग क्षेत्रों में आयोजित होता है |
OPD कक्ष के निकट की X Ray, laboratories, record office और pharmacy होती हैं | मुख्य इंतजार कक्ष में रोगियों और उनके परिवारों के लिए शौचालय, सार्वजनिक टेलीफोन, coffee shop, canteen, सहित कई सुविधाएं होती हैं |
बच्चो की OPD क्या होती है?
बच्चों की ओपीडी ज्यादातर अलग होती है. यहाँ बाल मरीजों का रजिस्ट्रेशन और उपचार होता है. इसी ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टरों का चैम्बर होता है.
India में OPD के हालात
अस्पतालों में मरीजों का सबसे ज्यादा भार ओपीडी पर ही होता है. कई अस्पतालों में उनके नाम यानी उनकी प्रसिद्धि की वजह से भी ज्यादा मरीज पहुँचते हैं. ऐसे मरीज जो अधिक खर्च करने की सामर्थ्य नहीं रखते, वे सरकारी अस्पतालों का रुख करते हैं.
इन अस्पतालों में मामूली खर्च पर उन्हें ओपीडी में डाक्टर का परामर्श हासिल होता है. लेकिन इन अस्पतालों में ओपीडी का समय नियत होता है. ज्यादातर सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही चलती हैं. इस वजह से कई दफा भीड़ अगर ज्यादा होती है तो मरीज को उसी दिन परामर्श नहीं मिल पता है.
अपने देश में शहरों में तो स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति ठीक है, लेकिन गाँव में अब भी बुरा हाल है. कई जगह तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक की सुविधा नहीं. ऐसे में छोटी-मोटी दिक्कतों के लिए भी उन्हें शहर का रुख करना पड़ता है. पहाड़ों में तो हालात और भी विषम हैं.
OPD पोस्ट पर हमारी राय
इस पोस्ट में हम ने जाना की OPD क्या है, क्यों ज़रूरी है कैसे काम करती है और OPD full form In Hindi. हमे comment में बताये की आपको ये पोस्ट कैसी लगी. कोई सवाल हो तो ज़रूर पूछे.