भारत एनएसजी का सदस्य बनना चाहता है। लेकिन उसकी राह में चीन रोड़े अटका रहा है। वह पाकिस्तान को बीच में लाकर भारत को सदस्य बनने से रोकने का कार्य कर रहा है। वह पाक को भी भारत की ही तर्ज पर समान मानकों पर सदस्यता चाहता है। सदस्य बनने के लिए एनएसजी के सभी सदस्यों की सहमति जरूरी है, लिहाजा भारत का मामला फंसा है।
आज हम आपको बताएंगे NSG full form in Hindi, NSG क्या है? इसका सदस्य भारत क्यों बनना चाहता है? इससे उसे क्या फायदा होगा। जरा एक नजर डालिए –
Contents
NSG full form in Hindi – नसग
NSG की फुल फार्म – Nuclear supplier group
NSG in Hindi – न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप है।
NSG meaning – परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह.
NSG क्या है?
NSG परमाणु आपूर्ति करने वाले 48 देशों का एक समूह है। यह परमाणु टेक्नोलाजी और परमाण से जुड़े उत्पादों के निर्यात के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के आधार पर परमाणु हथियारों के प्रसार से संबंधित है। इस समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन जैसे पाँच बड़े देश शामिल हैं।
NSG की शुरुआत कब हुई?
NSG की स्थापना वर्ष 1974 में भारत की तरफ से पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण के बाद हुई थी।
वर्ष 1994 में परमाणु हथियारों के अप्रसार को संधि (एनपीटी) के रूप में अपनाया गया था। इसमें परमाणु टेक्नोलाजी ट्रांसफर यानी पीटीटी और उसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कानूनी तौर पर जरूरी जांच सुनिश्चित करने को हस्ताक्षर करने वाले देशों के लिए समान दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
इन दिशा-निर्देशों में कई महत्वपूर्ण संधियाँ हैं, जिनका मकसद परमाणु प्रौद्योगिकी के प्रसार को जाँचना और सुरक्षा उपाय अपनाना है।
NSG में कौन कौन है?
NSG के वर्तमान सदस्यों में ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, बुल्गारिया, बेल्जियम, बेलारूस, चीन, साइप्रस, चेक गणराज्य, कनाडा, क्रोएशिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ्रांस, फिनलैंड, ग्रीस, जर्मनी, हंगरी, इटली, आइसलैंड, आयरलैंड, जापान, कजाखस्तान, गणराज्य कोरिया, लक्समबर्ग, लाटविया, लिथुआनिया, मेक्सिको, माल्टा, नॉर्वे, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, पोलैंड, रूस, रोमानिया, स्पेन, स्विटजरलैंड, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका, सर्बिया, स्वीडन, स्लोवेनिया, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम आदि देश शामिल हैं।
India का NSG से क्या नाता है?
भारत ने NSG का सदस्य बनने के लिए पहला औपचारिक अनुरोध 21-22 अगस्त 2008 में आयोजित एनएसजी की बैठक में किया था। इस पर चर्चा हुई, जिसका मकसद भारत को बिजली उत्पादन के लिए असैनिक परमाणु संयंत्र खरीदने के लिए एक बार छूट की इजाजत देना था।
इस निर्णय का न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और आयरलैंड ने जोरदार विरोध किया था।
चीन हमेशा से भारत के इस समूह में शामिल किए जाने के विरोध में रहा है। लेकिन उसी साल भारत की ओर से मजबूत मांग और यूएसए के सपोर्ट से उसी साल सदस्य देशों ने आखिरकार भारत को एक बार पूर्णतया छूट प्रदान करने पर सहमति जताई। इसमें भारत ने किसी भी संवेदनशील परमाणु प्रौद्योगिकी या सामग्रियों को साझा करने या निर्यात करने और किसी भी अन्य परमाणु परीक्षणों का संचालन न करने का आश्वासन दिया था।
एनएसजी बैठक के दौरान भारत ने स्पष्ट रूप से अपनी अप्रसार और निरस्त्रीकरण की नीतियों को भी परिभाषित किया था।
NSG member होने के लाभ
भारत ने अपने कुल ऊर्जा उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत तक का इजाफा किया है। उसने अपनी असैनिक परमाणु प्रौद्योगिकी विकसित की है, लेकिन अभी भी कुछ अधिक कुशल और कम लागत वाली उन्नत प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है।
इसके लिए भारत को, अमेरिका, कनाडा, जापान, रूस और फ्रांस जैसे देशों में उपलब्ध प्रौद्योगिकी का उपयोग करना होगा। औषधि और चिकित्सा देखभाल, परिवहन और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अवसर प्रदान करने वाली कई उन्नत प्रौद्योगिकियाँ अब भी भारत की पहुँच से दूर हैं।
चूँकि एनपीटी में भारत शामिल नहीं है, इसलिए एनएसजी की सदस्यता आवश्यक है।
NSG पोस्ट पर हमारी राय
इस पोस्ट में हम ने जाना की NSG क्या है, कितने member है NSG में, NSG के फायदे और NSG full form In Hindi. हमे comment में बताये की आपको ये पोस्ट कैसी लगी. कोई सवाल हो तो ज़रूर पूछे.