SRS in Software Engineering In Hindi – SRS क्या है?

एक सॉफ्टवेयर डेवलोपमेन्ट प्रोजेक्ट में विभिन्न दस्तावेजों का उपयोग किया जाता है, जिसमे की प्रोडक्ट डेवलोपमेन्ट से पूर्व, डेवलोपमेन्ट फेज के दौरान तथा फाइनल प्रोडक्ट डिलीवरी के समय इन डाक्यूमेंट्स का उपयोग किया जाता है। इसी प्रकार (SRS) Software requirement specification भी एक डॉक्यूमेंट है, जिसका उपयोग सॉफ्टवेयर डेवलोपमेन्ट में किया जाता है, तो चलिए जानते हैं, SRS क्या है? SRS in software engineering in Hindi तथा sRS का क्या उपयोग है।

SRS in Software engineering in Hindi

software Requirement specification (SRS) जैसे की इसके नाम से ही पता चलता है, की SRS एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसमे डेवलप होने जा रहे सॉफ्टवेयर से जुड़ी विस्तृत जानकारी मौजूद रेहती है। SRS डॉक्यूमेंट में सॉफ्टवेयर आवश्यकताओं का वह पूरा विवरण मौजूद होता है, जो की एक सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट को सफलतापूर्वक डेवलप करने के लिए अनिवार्य है।

इस डॉक्यूमेंट में सॉफ्टवेयर की स्पेसिफिकेशन, उसकी कार्यप्रणाली, सॉफ्टवेयर डेवलोपमेन्ट कंपोनेंट्स इत्यादि का पूरा विवरण होता है, ताकि डॉक्यूमेंट पढ़ने वाला व्यक्ति यह जान सके की सॉफ्टवेयर की functionality क्या है, उसका डेवलोपमेन्ट कैसे और किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा है। यह डॉक्यूमेंट Requirement फेज का हिस्सा होता है, यानि सॉफ्टवेयर के डिजाइनिंग और टेक्निकल फेज में जाने से पेहले SRS Document को तैयार किया जाता है।

दरअसल जब एक सॉफ्टवेयर डेवलप होता है, तो उसमे विभिन्न टीमें मिलकर कार्य करती हैं, ऐसे में SRS वह डॉक्यूमेंट है, जो विभिन्न टीमों से जुड़े प्रत्येक सदस्य व ग्राहक को प्रोडक्ट डेवलोपमेन्ट से संबंधित हर एक पहलू की जानकारी प्रदान करता है।

Qualities of good SRS document in hindi

यह तो आप जान गए होंगे, की SRS डॉक्यूमेंट क्या होता है, और इसका उपयोग क्यों किया जाता है? लेकिन एक अच्छे SRS डॉक्यूमेंट की क्या Qualities होनी चाहिए चलिए इसे समझते हैं।

Correct :- User की डिमांड अनुसार उसकी सभी requirements SRS डॉक्यूमेंट में मौजूद होती हैं, तभी उस SRS डॉक्यूमेंट को perfect माना जाता है और इसके लिए User review का सहारा लिया जाता है।

Unambiguous :- SRS डॉक्यूमेंट में अस्पष्ट भाषा के प्रयोग से बचना चाहिए और जो भी लिखा हो वह साफ़ और स्पष्ट होना चाइये, ताकि सभी के समझ में आ सके।

Complete :- SRS डॉक्यूमेंट में सॉफ्टवेयर सिस्टम से जुड़ी पूरी Requirement मौजूद होनी चाहिए चाहिए वह फंक्शनल हो या नॉन फंक्शनल आवश्यकता हो, तभी वह डॉक्यूमेंट पूर्ण माना जाता है।

Consistent :- यह conflict फ्री होना चाहिए, यानि इसमें requirements एक दूसरे के अनुरूप होनी चाहिए, उनके बीच किसी प्रकार का conflict नहीं होना चाहिए, तभी यह Consistent केहलाएगा और यदि कहीं कोई conflict सामने आता है, तो उसका समाधान होना चाहिए।

Traceable :- SRS Traceable होना चाहिए ताकि SRS डॉक्यूमेंट में मौजूद सभी requirements के श्रोत (source) का पता लगाया जा सके, यानि कोई भी requirement कहाँ से आई, उसकी क्या और क्यों जरुरत पड़ी इत्यादि।

Verifiable :- SRS डॉक्यूमेंट में उल्लेखित सभी Requirements वेरिफाइड होनी चाहिए, यानि ऐसी कोई प्रक्रिया होनी चाहिए जिससे पता लगाया जा सके की क्या फाइनल प्रोडक्ट उल्लेखित सभी Requirements को full-fill कर रहा है, या नहीं।

Modifiable :- SRS का modifiable होना जरुरी है, ताकि डेवलोपमेन्ट प्रोसेस के साथ बदलती requirements को adopt किया जा सके।

Prioritized :- SRS में requirement अनुसार प्राथमिकता रखनी चाहिए, यानि सबसे महत्वपूर्ण requirement को पेहले प्राथमिकता देनी चाहिए।

Testable :- SRS को इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए की उसमे उल्लेखित सभी requirements को test और उनका सत्यापन किया जा सके।

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