Blockchain नाम आपने जरूर सुना होगा या तो इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय या अपने किसी जानने वाले या मित्र से,क्योंकि ये नाम आज कल हर जगह दिखाई या सुनाई दे जाता है,
तो इस लेख के द्वारा बिलकुल साधारण शब्दो में,हम आपको Blockchain समझाने की कोशिस करेंगे,जिससे आपको पता चल जाए के आखिर Blockchain क्या है What is Blockchain in Hindi और इसकी कार्यप्रणाली क्या है
आपने Bitcoins का नाम तो जरूर सुना होगा यह एक cryptocurrency है यानि डिजिटल पैसा,तो bitcoin cryptocurrency का लेन-देन Blockchain technology पर आधारित है,
यानि bitcoin currency आने के बाद Blockchain technology को इस currency के लेन-देन के लिए बनाया गया था। यह टेक्नोलॉजी सबसे पहले 1991 में सामने आई जिसमे इसका डिज़ाइन Stuart Haber और उनके सहकर्मी W.Scott Stornetta द्वारा बनाया गया था ये दोनों ही गणिततज्ञ थे,
और इसके बाद एक जापानी व्यक्ति Satoshi Nakamoto द्वारा Blockchain पर काम करके कुछ बदलाव किये गए और इसके सुरक्षा को भी बढ़ाया गया और 2008 में यह टेक्नोलॉजी दुनिया के सामने आई,
और इसके बाद 2009 में Satoshi Nakamoto ने bitcoin cryptocurrency का आविष्कार किया।
Contents
- 1 Blockchain क्या है (What is Blockchain in Hindi)
- 2 Blockchain कैसे काम करता है (How Blockchain works)
- 3 पब्लिक और प्राइवेट blockchain में फर्क (Difference between Public and Private blockchain)
- 4 Blockchain कितना सुरक्षित है (How secure is blockchain)
- 5 Blockchain के फायदे (Advantage of blockchain)
- 6 फायदे :-
- 7 Blockchain के नुक्सान (Disadvantage of blockchain)
- 8 नुकसान:-
Blockchain क्या है (What is Blockchain in Hindi)
Blockchain एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसके द्वारा transactions की entries को save कर के रखा जाता है यानि एक डिजिटल बहीखाता,जब भी कोई डिजिटल लेन-देन होता है
तो उसकी पूरी जानकारी एक ब्लॉक के रूप में save हो जाती है (पहले ब्लॉक को Genesis कहा जाता है) ब्लॉक के अंदर डाटा को Cryptography technology द्वारा Encode करके रखा जाता है,
जिसे Hash कहते हैं यह एक प्रकार की हाई सिक्योरिटी है जिसके द्वारा डाटा को protected रखा जाता है,
ऐसे ही बढ़ती हुई transactions के साथ ब्लॉक भी बढ़ते चले जाते हैं और यह सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से जुड़ जाते हैं जब ये सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से क्रमबद्ध तरीके से जुड़ते चले जाते हैं तो ब्लॉक्स की एक चैन बन जाती है जिसे Blockchain कहा जाता है।
Blockchain में कोई भी केंद्रीयकृत अधिकरण (Centralized System) नहीं है यानि क्रेता और विक्रेता दोनों बिना किसी बिचौलिए यानि (बैंक) के लेन-देन कर सकते हैं,
और विकेन्द्रीयकृत बहीखाता (Decentralized ledger) होने से इसमें transparency होती है।
जिससे नेटवर्क में जुड़े सभी nodes यानि कम्प्यूटर्स तक बहीखाते की कॉपी पहुँच जाती है और एक बार बहीखाते में एंट्री होने के बाद उसे बदलना या उससे छेड़ छाड़ करना बहुत मुश्किल होता है।
Blockchain कैसे काम करता है (How Blockchain works)
चलिए एक उदहारण द्वारा समझते हैं मान लीजिये आप एक किटी पार्टी का हिस्सा हैं,जिसमे हर महीने सभी सदस्यों द्वारा कुछ पैसे जमा किये जाते हैं और जमा किये गए पैसो का हिसाब किसी एक सदस्य द्वारा लिखित रूप में रखा जाता है।
और आप समझ सकते हैं लिखित हिसाब में बदलाव या छेड़खानी कभी भी की जा सकती है यानि हमेशा गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है.
अगर यहाँ पर Blockchain technology का इस्तेमाल किया जाता है तो क्या होगा जैसे ही किसी नए सदस्य ने पैसे जमा कराए तो उसकी डिजिटल एंट्री की जाएगी और transaction की एंट्री होगी तो उसकी पूरी जानकारी ब्लॉक के जरिये ledger में हो जाएगी
और कोई भी नई एंट्री की कॉपी जुड़े हुए सभी सदस्यों तक पहुँच जाएगी,जिसे एक बार करने के बाद बिना सभी सदस्यों के मंजूरी के बदलना मुश्किल है और नए -पुराने सभी डाटा ब्लॉक्स हमेशा के लिए इसमें save हो जाएंगे।
Blockchain technology को digital currency यानि bitcoin के लिए बनाया गया था जिसमे bitcoin transactions से जुडी सारी जानकारी Public ledger यानि ब्लॉकचैन द्वारा रखी जाती है।
डिजिटल currency का लेन=देन सीधे तोर पर बिना किसी बिचोलिये (बैंक) के किया जाता है जैसे ही एक Node(Computer) से कॉइन ट्रांसफर किए जाना है तो उसकी जानकारी नेटवर्क से जुड़े सभी nodes तक जाती है,
फिर सभी nodes द्वारा परखा जाता है और transaction verify की जाती है उसके बाद verified transaction के डाटा को Cryptography technology द्वारा एनकोड करके ब्लॉक्स के माधयम से save कर लिया जाता है,
और फिर ऐसे ही बहुत से ब्लॉक्स क्रमबद्ध तरीके से मिलकर public ledger यानि blockchain बनाते हैं.
पब्लिक और प्राइवेट blockchain में फर्क (Difference between Public and Private blockchain)
Blockchain technology द्वारा आने वाले समय में Data security में क्रन्तिकारी बदलाव होने जा रहे हैं जिससे कार्यो में पारदर्शिता रहेगी और समय थता पेसो की बचत की जा सकेगी,
मुख्य रूप से दो प्रकार के ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी हैं Public और Private तो आईये समझते हैं दोनों में क्या फर्क है
Public Blockchain:-Public blockchain एक खुला हुवा नेटवर्क है जिसमे कोई भी जुड़ सकता है और जुड़ते ही बाकि nodes की तरह नेटवर्क में हो रही सारी गतिविधि पड़ या देख सकता है,और होने वाली किसी भी transaction का हिस्सा बन सकता है।
पब्लिक ब्लॉकचैन में नेटवर्क पर किसी का भी कंट्रोल नहीं होता और एक बार डाटा validate होने के बाद उसमे बदलाव करना बहुत मुश्किल होता है पब्लिक ब्लॉकचैन का उदहारण Bitcoin (BTC) और Ethereum (ETH) हैं और यह एक सुरक्षित ब्लॉकचैन कहलाता है.
Private Blockchain :-Private blockchain एक केंद्रीयकृत (Centralized) नेटवर्क है जिसे एक ग्रुप द्वारा बनाया या चलाया जाता है जिसमे जुड़े हुए nodes को अलग-अलग permission और restriction दी जाती है,
और अगर किसी नए node को जुड़ने के लिए, पहले से जुड़े हुए node से permission लेनी पड़ती है प्राइवेट ब्लॉकचैन का उदहारण Ripple और Hyperledger हैं.यह ब्लॉकचैन कम सुरक्षित माना जाता है.
Blockchain कितना सुरक्षित है (How secure is blockchain)
अगर सुरक्षा की बात की जाए तो निसंदेह यह टेक्नोलॉजी सुरक्षित है लेकिन जिस तरह से शुरुवात में इसे काफी सुरक्षित माना जाता था जिसे hack करना लगभग नामुमकिन था,
लेकिन टेक्नोलॉजी हमेशा दोनों पक्षों के लिए बदलती रहती है यहाँ पर hackers द्वारा भी नई hacking technology को विकसित करके ब्लॉकचैन में गड़बड़ी करने की काफी खबरे सामने आई हैं तो सुरक्षा एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है इसी तरह से क्षेत्रों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सके.
Blockchain के फायदे (Advantage of blockchain)
फायदे :-
- यह टेक्नोलॉजी बिना किसी 3rd पार्टी के कार्य को verify करने की अनुमति देती है. इसमें एक बार डाटा save हो जाने के बाद उसमे कोई भी बदलाव या छेड़-छाड़ करना मुश्किल है.
- Digital ledger को सुरक्षित रखने के लिए cryptography encoded टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जाती है.
- इसमें किसी भी transaction की कॉपी नेटवर्क में जुड़े सभी nodes के पास होती है.
Blockchain के नुक्सान (Disadvantage of blockchain)
नुकसान:-
1.इस टेक्नोलॉजी का सिस्टम इस तरह का है जिसमे electricity का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है क्योकि इसका डिजिटल process होता है,जिसमे nodes यानि कम्प्यूटर्स हजारो लाखो की गिनती में Realtime data पर काम करते हैं.
2.इसमें nodes की आपसी सहमति से transaction होती है जिसमे government org की कोई भूमिका नहीं होती तो fraud की संभावना बड़ जाती है.
3.इसका system काफी जटिल है जिसके कारण एक आम user का इसे समझना मुश्किल हो जाता है.
निष्कर्ष
आपने पड़ा Blockchain क्या है What is blockchain in Hindi और कैसे यह टेक्नोलॉजी cryptocurrency से शुरू हुई,
और अब इसके इस्तेमाल के लिए दूसरे क्षेत्रों में भी कार्य चल रहा है, साथ ही इसकी सुरक्षा को और भी बड़ाने के लिए काम किये जा रहें हैं और कोई नई बात नहीं होगी अगर आने वाले समय में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एक आम आदमी भी इसका लाभ उठा सकेगा।