Colonel Harland Sanders Biography In Hindi | कर्नल हरलैंड सैंडर्स Success Story

COLONEL HARLAND SANDERS BIOGRAPHY IN HINDI ( कर्नल हरलैंड डेविड सैंडर्स जीवन परिचय  )

आज हम इस पोस्ट में के.एफ.सी. के फॉउंडर के बारे में जानेंगे और देखेंगे की कैसे उन्होंने अपनी मेहनत और साहस के बल पर दुनिया को साबित करके दिखा दिया की अगर आदमी किसी काम को करने के लिए अपनी पूरी मेहनत से लग जाये तो कोई काम नामुमकिन नहीं है इस में हम  के एफ सी के फाउंडर की ” बायोग्राफी ऑफ़ कर्नल हरलैंड सैंडर्स  इन  हिंदी (Colonel Harland Sanders Biography In Hindi )  ”  में  पढेंगे ।

Colonel Harland Sanders

Name (नाम)   : Colonel Harland David Sanders 

Born (जन्म )  : September 9, 1890 Henryville, Indiana Kentucky (USA )

Died (मृत्यु ):  December  16, 1980 Louisville, Kentucky

Achievement (कामयाबी )  : Owner Of  KFC Restaurant Chain   

 जन्म और प्रारंभिक जीवन ( Childhood )

9 सितंबर 1890 को अमेरिका इंडियाना के हेनरीविल्ले शहर में पैदा हुए हारलैंड सैंडर्स का बचपन कुछ खास नहीं था  उनके पिता का नाम डेविड और माता का नाम मार्गरेट था.  सैंडर्स  जब केवल 6 वर्ष के थे तभी उनके पिता डेविड सैंडर्स का देहांत हो गया छोटी सी उम्र में ही उनपर उनके घर और उनके भाई -बहनो का बोझा आ गया |

जिसके बाद से उनकी माँ को बहार निकलना पड़ा , उनकी माँ टमाटरों की एक फैक्ट्री में काम किया करती थी सैंडर्स को उनकी माँ घर पर ही छोड़ कर जाती थी इस बीच वह अपने भाई – बहनों का ख्याल रखा करते थे  इसी बीच उनकी माँ ने उन्हे खाना बनाना भी सीखा दिया था उन्हें शुरूआती दिनों से ही चिकन बनाना बहुत पसंद था |

सैंडर्स के पिता के मौत के बाद सैंडर्स की माँ ने अपनी दूसरी शादी 1902 में कर लिया सैंडर्स के  सौतेले पिता सांडर्स से बहुत नफ़रत करते थे जिसके कारण सैंडर्स ने 1903 में अपना घर छोड़ दिया और पास के खेत में आ कर रहने लगे और काम भी करने लगे और इसी वजह से वह केवल क्लास 7 के बाद उनकी पढाई भी छूट गयी |

सैंडर्स की आसफलताओ की घड़ी  ( Sanders failures Time )

13 वर्ष की उम्र में वे इंडियाना  के पोलिश शहर में आ गये जहा वे घोड़ो की गाड़ियों पर पेंटिंग का काम करने लगे कुछ दिन बाद उन्होंने वह काम भी छोड़ दिया 1906 में सैंडर्स इंडियाना के न्यू अल्बानी में आ कर रहने लगे  उनके अंकल स्ट्रीट कार की एक कंपनी के लिए काम करते थे और उन्हीं की मदद से सैंडर्स को उस कंपनी में कंडक्टर की नौकरी मिल गयी कुछ समय के बाद उन्हें उस नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा।

इसी दौरान उन्होंने रेल्वे में फायरमैन की  नौकरी भी करनी पड़ी फायरमैन की नौकरी करते हुए इसी दौरान उनकी मुलाकात जोसफ़ी नाम की एक लड़की से हुई जिससे उन्होंने 1909 में लगभग 19 वर्ष की उम्र में शादी कर ली सैंडर्स के एक बेटा और दो बेटी थी ऐसा लग रहा था की सैंडर्स की जिंदगी अब पटरी पर आ रही है परंतु रेल्वे में फायरमैन की नौकरी के दौरान उनके एक सहयोगी से झगड़ा होने के कारण सैंडर्स को इस नौकरी से भी हाट धोना पड़ा

जिस वजह से उनकी पत्नी भी अपने बच्चों के साथ उन्हे छोड़ कर चली गई  इस बात का उनके दिल पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा पर उन्होंने अपने आप को संभाला और फिर से नौकरी की तलाश में लग गए उन्होंने अलग – अलग काम करके अपना पेट पालना शुरू कर दिया उन्होंने इन्स्योरेन्स (जीवन बीमा )  क्रेडिट कार्ड और  टयार बेचने  का बिज़्नेस शुरू कर दिया था छोटे – छोटे बहुत सारे काम किये लेकिन हर बार असफल होते रहे

1929 में सैंडर्स केंटकी राज्य के एक छोटे से शहर कॉर्बिन में चले गए और अमेरिका के रूट 25 पर एक गैस स्टेशन खोला यात्रियों के कहने पर उन्होंने गैस स्टेशन के बगल  में ही एक रेस्टोरेंट खोला जहा वे अपने तरीके से फ्राइड चिकेन  बनाना शुरू कर दिया

जिसे लोगों द्वारा बहुत पसंद किया गया लोगों के  द्वारा पसंद किये जाने से उन्होंने उस बिज़्नेस को और बड़ा करने के लिए कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आठ सप्ताह का होटल मैनेजमेंट कोर्स लिया हारलैंड सैंडर्स द्वारा बनाया गया फ्राइड चिकेन केंटकी की गवर्नर को इतना पसंद आया की उन्होंने सैंडर्स को कर्नल की उपाधि दे डाली

 तभी से हारलैंड सैंडर्स के नाम के आगे कर्नल जुड़ गया 1937 में सैंडर्स ने केंटकी में अपने और ब्रांच शुरू करने  की कोशिश की  लेकिन उनका यह प्रयास  भी असफल रहा और फिर अगले कुछ ही सालों में हाईवे सड़क बनने के कारण उनका अच्छा खासा चलता  रेस्टोरेंट भी बंद हो गया और कुछ ही दिनों में कुल जमा पूँजी भी खत्म हो गई

अब उनकी उम्र भी लगभग 62 वर्ष की हो गई थी और उन्होंने केवल अपना पेट पालने के आलावा और कुछ भी नहीं किया था  लेकिन उन्हें अपने चिकन के रेसिपी पर पूरा भरोसा था वह मसाले और प्रेशर कुकर लेकर निकल गए अपने चिकेन बनाने की यूनिक मेथॉड  की मार्केटिंग करने निकल पड़े

उसके बाद उन्होंने अलग – अलग रेस्टोरेंट से मिलना शुरू किया पर किस्मत ने उनका फिर भी साथ नहीं दिया और एक – एक कर के सभी रेस्टोरेंट की मालिक ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया उन्होंने करीब एक हजार रेस्टॉरेंट की ठोकरे खाई उसके बाद जाकर उन्हें अपना पहला कस्टमर मिला।

कर्नल हारलैंड सैंडर्स सफलताओ का समय  (Colonel Harland Sanders success time)

कर्नल हारलैंड सैंडर्स ने फिर पीछे मुड़ कर कभी नहीं देखा और देखते ही देखते पूरी दुनिया में अपने यूनिक फ्राइड चिकन रेसिपी की छाप छोड़ दी आज कर्नल हारलैंड सैंडर्स रेस्टोरेंट KFC 145 + से ज्यादा देशों में फैली हुई है | पूरी दुनिया में KFC के 24000 से ज्यादा आउटलेट्स है पहला KFC फ्रैंचाइज़ी सयुंक्त राज्य अमेरिका में 1952 में खोला गया था।

कर्नल हारलैंड सैंडर्स की मृत्यु  (Death of  Colonel Harland Sanders ) 

आखिर कार आपार सफलताओ को पाने के बाद 16 दिसंबर 1980 को अमेरिका के केंटकी राज्य में कर्नल हरलैंड सैंडर्स की मृत्यु हो गई। कर्नल हरलैंड सैंडर्स अपनी पूरी ज़िंदगी में 1009 बार असफल हुये सोचिए दोस्तो जहाँ 60 साल की उम्र में लोग रिटयरमेन्ट लेकर घर में आराम की  जिंदगी गुजारना चाहते है वहा उससे भी ज्यादा उम्र में कर्नल हारलैंड सैंडर्स ने हार नहीं मानी और अपनी  कोशिशों से दिखा दिया कि असंभव कुछ भी नहीं है

सीख  (Moral) 

कर्नल हरलैंड सैंडर्स अपनी पूरी ज़िंदगी में 1009 बार असफल हुये सोचिए दोस्तो जहाँ 60 साल की उम्र में लोग रिटयरमेन्ट लेकर घर में आराम की जिंदगी गुजारना चाहते है वहा उससे भी ज्यादा उम्र में कर्नल हारलैंड सैंडर्स ने हार नहीं मानी और अपनी  कोशिशों से दिखा दिया कि असंभव कुछ भी नहीं है

दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप को Colonel Harland Sanders Biography In Hindi पसंद आयी है अगर आप को यह पोस्ट पसंद आया तो कमेंट जरूर करे और अगर आप को पोस्ट में किसी भी तरह की कोई समस्या या गलती मिली है तो कमेंट जरूर करे हम उसे जरूर सुधारेंगे। यह पोस्ट पढ़ने के लिए आप का ध्यनवाद।