क्या आपको बच्चों को पढ़ाने में मजा आता है, लेकिन आप ग्रेजुएट के बाद बीएड जैसे कोर्स नहीं करना चाहते तो भी आप अपनी इच्छा पूरी कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस D.Ed का कोर्स करना होगा। इसके जरिये आप पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए अर्ह हो जाएंगे।
आज हम आपको बताएंगे कि DED full form क्या है? इसे करने के लिए क्या शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए? यह आपको रोजगार में किस तरह से मदद करेगा आदि। लीजिए, आप खुद ही पढ़ लीजिए –
Contents
DED full form in Hindi
D.Ed की फुल फार्म – Diploma in education
DED in Hindi – डिप्लोमा इन एजुकेशन
इसे आजकल Deled यानी Diploma in elementary education भी कहा जाता है.
DED की course duration?
D.Ed का यह कोर्स दो साल का होता है। इसे रेगुलर ही किया जा सकता है। इसका परीक्षा पैटर्न सालाना होता है।
DED course के लिए eligibility
D.Ed का के कोर्स के लिए आपको बीए, एमए होने की जरूरत नहीं। यह कोर्स आप केवल 12वीं पास करने के बाद भी कर सकते हैं। यह कोर्स करने के लिए को आपको 12वीं की परीक्षा न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। लेकिन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति यानी एसएस, एसटी के लिए अंकों में छूट दी गई है। उनके लिए न्यूनतम अंक सीमा महज 45 फीसदी रखी गई है।
D.ed course के फायदे क्या है?
D.Ed के कोर्स को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि आपको इससे एक बेहतरीन प्राइमरी शिक्षक बनने में मदद मिलेगी। इसमें कक्षा में पढ़ाने के काम आने वाले मूलभूत तरीकों के अलावा प्रैक्टिकल के जरिये भी सिखाया जाता है। नए और आधुनिक तरीकों के जरिये ट्रेनिंग दी जाती है। इंटर्नशिप के दौरान छात्र स्कूल में बच्चों को सिखाने का प्रशिक्षण भी लेते हैं।
D.ed कोर्स का future scope क्या है?
यह भी बता दें कि यह कोर्स करने के बाद आप किसी भी निजी या सरकारी स्कूल में पढ़ाने की काबिलियत तो ग्रहण कर लेते हैं, लेकिन आपको एक और टेस्ट Teacher Eligibility Test यानी टेट या अखिल भारतीय स्तर के टेस्ट Central Teacher Eligibility Test यानी सीटेट को पास करना होता है।
यह कोर्स करने के लिए डीआईईटी एक बेहतर जगह है। यह हर जिले में स्थापित होता है। 12वीं के अंकों के आधार पर काउंसिलिंग के बाद इसमें प्रवेश लिया जा सकता है। ज्यादातर जगह इस कोर्स में प्रवेश परीक्षा यानी एंट्रेंस के माध्यम से होता है, लेकिन कुछ जगह केवल 12वीं के अंक प्रतिशत के आधार पर भी दाखिला मिल सकता है।
निजी और सरकारी दोनों तरह के संस्थान यह कोर्स कराते हैं। लेकिन फीस के लिहाज से अधिकांश छात्र-छात्राएं सरकारी संस्थानों से ही कोर्स करने को प्राथमिकता देते हैं।
D.ed Post पर हमारी राय
DED course कोर्स करने से पहले छात्र-छात्राओं को संबंधित संस्थान की प्रामाणिकता की भी जांच कर लेनी चाहिए। किसी भी फर्जी संस्थान के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। वरना ऐसे में पैसे तो जेब से जाते ही हैं, समय जाया होता है सो अलग। तीसरे उस फर्जी कागज का कोई फायदा भी आपको करियर या भविष्य में नहीं मिलता।
इस पोस्ट में हम ने जाना की DED course क्या है, इसके फायदे, Future scope और DED full form In Hindi. हमे comment में बताये की आपको ये पोस्ट कैसी लगी. कोई सवाल हो तो ज़रूर पूछे.