Essay on Artificial Intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर, रोबोट या सॉफ्टवेयर बनाने की एक प्रक्रिया है जो मानव मस्तिष्क की तरह बौद्धिक रूप से सोच सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता. इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है. आज के समय में कंप्यूटर या मशीनों के आविष्कार बहुत तेज़ी के साथ बड़ रहा आज कंप्यूटर और मशीनों के दुवारा विभिन्न टास्‍क को करने की क्षमता भी तेजी से बढ़ रही है. मनुष्य ने समय के साथ अपने विभिन्न वर्किंग डोमेन, उनकी बढ़ती स्‍पीड और समय के संबंध में साइज को कम करने के संदर्भ में कंप्यूटर सिस्टम की पॉवर डेवलप की है. कंप्यूटर साइंस नाम की एक ब्रैंच, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंसानों के जैसे बुद्धिमान कंप्यूटर या मशीन बनाने का प्रयास करती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध 1 (150 शब्द)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है, अर्थात यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित किया गया इंटेलिजेंस है. इसे अगर हम और भी आसान शब्दों में डिफाइन करे तो उस तरह के कार्य के लिए कंप्यूटर का उपयोग, जो सामान्य रूप से मानव द्वारा किया जाता है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अवधारणा थी, जॉन मैकार्थी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पिता के अनुसार, यह बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम प्रोग्रामिंग का एक विज्ञान है. यह इस तरह के कंप्यूटर, कंप्यूटर नियंत्रित रोबोट या सॉफ्टवेयर को पेश करने की एक विधि है जो बौद्धिक रूप से इंसानों की तरह सोच सकते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अवधारणा पहली बार 1956 में अस्तित्व में आई थी. आज-कल यह प्रसंस्करण की गति और मेमोरी क्षमता के साथ अधिक लोकप्रिय हो गई है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है. यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तात्पर्य मशीनों की बुद्धिमत्ता से है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज हमरी जरुरत बन चुकी है, इसके इस्तेमाल आज हर छत्र में किया जा रहा है. दोस्तों आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंप्यूटर साइंस का एक भाग है, यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमे कोई मशीन भी इंसानों या अन्य जीव की तरह ही खुद दिमाग लगाकर कोई काम करती है. इसे अगर हम दूसरे शब्दों में कहे तो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का लक्ष्य ऐसे सिस्टम या मशीनों का निर्माण करना हैं. जो इंसानो की तरह ही अपनी बुद्धिमत्ता का प्रयोग किसी कार्य को करने के लिए करे, यह मनुष्यों और जानवरों की प्राकृतिक बुद्धि के विपरीत है. यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ, मशीनें सीखने, योजना, तर्क और समस्या को हल करने जैसे कार्य करती हैं. सबसे उल्लेखनीय, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों द्वारा मानव बुद्धि का अनुकरण है. यह संभवतः प्रौद्योगिकी और नवाचार की दुनिया में सबसे तेजी से विकास कर रहा है. इसके अलावा, कई विशेषज्ञों का मानना ​​है कि AI बड़ी चुनौतियों और संकट की स्थितियों को हल कर सकता है. तो अब आपको समझ आ ही गया होगा की AI या कृत्रिम बुद्धिमत्ता Computer science की एक शाखा है, जो ऐसी machines को विकसित कर रही जो humans की तरह सोच सके और कार्य कर सके।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध 2 (300 शब्द)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर, रोबोट या सॉफ्टवेयर बनाने की एक प्रक्रिया है जो मानव मस्तिष्क की तरह बौद्धिक रूप से सोच सकता है. सबसे पहले, इसे जॉन मैकार्थी ने 1956 में पेश किया, यह उत्तेजना है, जिसमें मशीनों का निर्माण किया जाता है जो मानव बुद्धि की तरह अपने कार्य कर सकते हैं. इसका उपयोग स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, व्यवसाय, विनिर्माण उद्योग, वित्त इत्यादि में किया जाता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सीखने के कई तरीके हैं. इन परीक्षणों और त्रुटियों में से एक सरल है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में, समस्या-समाधान को पूर्व-नियोजित उद्देश्य या समस्या तक पहुंचने के लिए खोजों की एक संगठित श्रृंखला के रूप में चिह्नित किया जा सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तर्क के साथ उचित संदर्भ देता है और संदर्भों को वर्गीकृत या उत्तेजित करता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस त्रुटियों को कम करने में मदद करता है और सटीकता की संभावना बढ़ जाती है. कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग से व्यक्ति त्वरित निर्णय लेने और त्वरित कार्रवाई में सहायता प्राप्त कर सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला एक उपकरण खतरनाक स्थानों पर जीवन के जोखिम के बिना कहीं भी भेजा जा सकता है. पायलट रहित ड्रोन इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं। चूंकि वे जटिल मशीनें हैं, इसलिए विनिर्माण क्षेत्र में भारी निवेश की आवश्यकता है, इसकी रखरखाव लागत भी महंगी है।

जैसा हमने ऊपर भी बताया है, कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आरंभ 1950 के दशक में ही हो गया था, लेकिन इसकी महत्ता को 1970 के दशक में पहचान मिली, दोस्तों क्या आप जानते है, जापान ने सबसे पहले इस ओर पहल की और 1981 में फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की थी. इसमें Super-computer के विकास के लिये 10-वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी। इसके बाद अन्य देशों ने भी इस ओर ध्यान दिया, ब्रिटेन ने इसके लिये ‘एल्वी’ नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया. यूरोपीय संघ के देशों ने भी ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संघ ‘Micro-Electronics & Computer Technology’ की स्थापना की, वर्तमान में कई बड़ी कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदत से अपने Platform को बेहतर बनाने के कार्य में लगी है । बहुत सी कंपनियां इस तकनीक में बड़े निवेश कर रही है. दुनियाभर में कई जगह पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च सेंटर मौजूद है. मशीन लर्निंग भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही एक हिस्सा है, जिसमे एआई पर आधारित Machine पुराने डेटा के अनुभव से खुद कुछ सीखती है, इसमें सुधार करती रहती है और उसके अनुसार अपने टास्क पूरा करती है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या मशीन इंटेलिजेंस आजकल हमारे जीवन के लगभग हर पहलू को प्रभावित कर रहा है ताकि दक्षता में सुधार और हमारी मानव क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिल सके। कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा जहाँ मशीनें मानव बुद्धि के अनुकरण की प्रक्रिया करती हैं और सोचती हैं कि मनुष्य कृत्रिम बुद्धि के रूप में जाना जाता है। मानव बुद्धि के अनुकरण की प्रक्रिया में निश्चित निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए नियम, आत्म-सुधार और सूचना का उपयोग करने के लिए नियमों का अधिग्रहण शामिल है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कुछ विशेष एप्लिकेशन जैसे मशीन विजन, विशेषज्ञ प्रणाली और भाषण पहचान को शामिल किया गया हैं। AI एक ऐसा simulation है जिससे की मशीनों को इंसानी इंटेलिजेंस दिया जाता है या यूँ कहे तो उनके दिमाग को इतना उन्नत किया जाता है की वो इंसानों के तरह सोच सके और काम कर सके. यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये खासकर computer system में ही किया जाता है. इस प्रक्रिया में मुख्यत तीन processes शामिल है और वो हैं पहला learning, दूसरा है Reasoning और तीसरा है Self-Correction, अगर आप AI के particular application को कोशिश करे तो इसमें विशेषज्ञ प्रणाली, भाषण मान्यता और मशीन दृष्टि शामिल हैं. AI या Artificial Intelligence को कुछ इस प्रकार से बनाया गया है की वो इंसानों के तरह ही सोच सके, कैसे इंसानी दिमाग किसी भी problem को पहले सीखती है, फिर उसे प्रोसेस करती है, decide करती है की क्या करना उचित होगा और आखिरकार उसे कैसे solve करते उसके बारे में सोचती है. उसी प्रकार की AI में भी मशीनों को भी इंसानी दिमाग की सारी विसेश्तायें दी गयी हैं जिससे वो बेहतर काम कर सके।

AI को दो अलग-अलग भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है, कमजोर कृत्रिम बुद्धिमत्ता: इसे संकीर्ण एआई के रूप में भी जाना जाता है, जो किसी विशेष कार्य को करने के लिए डिज़ाइन या प्रशिक्षित प्रणाली का प्रतीक है, कमजोर AI के रूप में Apple के सिरी और अमेज़ॅन एलेक्सा जैसे वर्चुअल व्यक्तिगत सहायक शामिल हैं, और यह शतरंज जैसे कुछ वीडियो गेम का भी समर्थन करता है. ये सहायक आपके प्रश्नों के उत्तर देंगे जो आप पूछेंगे, स्ट्रांग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: स्ट्रांग एआई, कृत्रिम सामान्य इंटेलिजेंस के रूप में भी जाना जाता है. इस प्रकार की बुद्धि मानव क्षमताओं का कार्य करती है। यह कमजोर एआई की तुलना में अधिक जटिल और जटिल है, जो उन्हें मानव हस्तक्षेप के बिना एक समस्या को हल करने में मदद करता है. इस तरह की खुफिया जानकारी का इस्तेमाल अस्पताल के ऑपरेटिंग रूम और सेल्फ ड्राइविंग कारों में किया जाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध 3 (400 शब्द)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों में एक कार्यान्वयन है ताकि वे इंसानों की तरह सीख सकें, सोच सकें, सलाह दे सकें और समझा सकें, यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें जानकारी को ऐसे संगठित तरीके से रखा जाता है जिसे भविष्य में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सके, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शब्द पहली बार 1956 में डार्टमाउथ कॉलेज में जॉन मैकार्थी द्वारा एक कार्यशाला में गढ़ा गया था. वर्तमान में, यह व्यापक रूप से विनिर्माण उद्योग, बैंकिंग क्षेत्र, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष नवाचार कार्यक्रमों में सफलतापूर्वक उपयोग किया जाता है. यह समय बचाता है; बिना थकावट के समान निर्धारित कार्य से ऊब नहीं होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग रोबोट, ड्रोन और अन्य उपकरणों जैसी विनिर्माण मशीनों में किया जाता है जो मानव जीवन के जोखिम को कम करने वाली असुरक्षित जगहों तक पहुँच सकते हैं. यह दृश्य धारणा, भाषण मान्यता, निर्णय लेने, भाषा अनुवाद, ज्ञान और तर्क क्षमता का समर्थन है. यह कंप्यूटर और मशीनों को अपने काम करने में सक्षम बनाता है, लक्ष्य-उन्मुख व्यवहार, मनुष्यों के साथ बातचीत करने की क्षमता और अन्य उत्तेजनाओं और सीखने की क्षमता को दर्शाता है. कृत्रिम बुद्धि के कारण, कम्प्यूटरीकृत मशीनें मानव मस्तिष्क की तरह सोच और काम कर सकती हैं और मनुष्यों की तुलना में बहुत कम समय में निर्धारित कार्यों को सटीक रूप से निष्पादित कर सकती हैं. वे महंगे हैं और इन मशीनों की हैंडलिंग और रखरखाव भी महंगा है।

आज के समय Artificial Intelligence तेजी से आगे बढ़ रहा है. हम अपने दैनिक जीवन में बहुत सी एआई सुविधाओं का इस्तेमाल करते है. हमारे स्मार्टफोन में मौजूद AI Cameras, गूगल अस्सिस्टेंट, Alexa, सीरी, चैट बोट, गेम में कंप्यूटर प्लेयर आदि इसके उदाहरण है , कुछ AI वाले कंप्यूटर या डिवाइस का कार्य अभी Speech Recognition यानी आवाज की पहचान करने, Face Recognition चेहरे की पहचान करने, पढ़ने के लिए, समस्याओं का समाधान ढूंढने, कंप्यूटर बोट का गेम को खेलने, योजनाएं बनाने आदि में हो रहा है. कुल मिलाकर AI एक अंतःविषय अवधारणा है. जिसके द्वारा ऐसी machines बनाई जा रही है, जो अपने environment के साथ interact करके received data पर खुद बुद्धिमानी से कार्य कर सकती है। यानी अगर future में AI concept और मजबूत होता है, तो यह हमारे दोस्त जैसा होगा, अगर आपको कोई प्रॉब्लम आयेगी तो उसके लिए क्या करना है. यह आपको खुद सोच कर बतायेगा, दोस्तों आपको पता होने चाहिए कि चिकित्सा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग को काफी तेज़ी से बढ़ाया जा रहा है. AI की मदद से रोगों की पहचान की जा रही है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से आने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, एआई पर आधारित बहुत से ऐसे डिवाइस उपलब्ध है, जिनसे शारिरिक गतिविधियों पर नजर रख कर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है ।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों के लिए एक प्रेरणा है जो मानव की तरह अपने कार्य कर सकता है. वे मानव मस्तिष्क की तरह सोच और व्याख्या कर सकते हैं, वे समय की बचत करते हैं और बिना थके या थके हुए कार्य को सही ढंग से पूरा करते हैं. वे खतरनाक स्थानों पर पहुंच सकते हैं जहां मनुष्यों का प्रवेश असंभव है. वर्तमान समय में इस तकनीक का उपयोग मानव जीवन के कई पहलुओं में सफलतापूर्वक किया जाता है जो इसे आरामदायक और शानदार बनाता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर सिस्टम का सिद्धांत और विकास है जो एक ऐसे कार्य को करने में सक्षम है जो सामान्य रूप से मानव खुफिया जैसे कि दृश्य धारणा, भाषण पहचान, निर्णय लेने और भाषाओं के बीच संचरण की आवश्यकता होती है. जैसे कि कंप्यूटर सिस्टम प्रोग्राम में दूसरों और उसकी गलतियों से सोचने और सीखने की भावनाएं और क्षमता होती है. यह बुद्धिमान एजेंट के अध्ययन और डिजाइन के क्षेत्र के रूप में कहा जाता है जहां एक बुद्धिमान एजेंट एक ऐसी प्रणाली है जो अपने वातावरण को मानता है और कार्रवाई करता है जो सफलता की संभावना को अधिकतम करता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बुद्धिमान मशीन और सॉफ्टवेयर बनाने का एक कार्यक्रम है. इस कृत्रिम बुद्धि को विकसित करने के लिए कई प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं जैसे कि वे अजगर हैं, C, C++ जावा कृत्रिम बुद्धि में उपयोग की जाने वाली भाषाएं हैं।

मूल रूप से AI एक मशीन या computer program की सोचने और सीखने की क्षमता है, यह अवधारणा इस विचार पर आधारित है, कि मशीनों को इतना capable बनाया जाए की वह खुद किसी समस्या के बारे में इंसानों की तरह सोच, अभिनय और लर्निंग कर सके, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पिता, जॉन मैकार्थी के अनुसार, यह “यह इंटेलिजेंस मशीन बनाने का साइंस और इंजिनियरिंग हैं. विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने के लिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसे कंप्यूटर, Computer control robot, या सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है जो समझदारी से सोच सकते है, जिस तरह बुद्धिमान इंसान सोचते हैं, इंसान का ब्रैन कैसे सोचता हैं और वे कैसे सिखते हैं, निर्णय लेते हैं और प्रॉब्‍लम को सॉल्‍व करते समय कैसे काम करते हैं, इस तरह कि बातों को सिखकर AI निपुण होता हैं, आज AI एक बहुत ही Popular विषय है, जिसकी टेक्नोलॉजी और business के क्षेत्रो में काफी चर्चा है। कई विशेषज्ञों और उद्योग विश्लेषकों का मानना है, की AI या मशीन लर्निंग हमारा future है. AI के बारे में सबसे पहले John McCarthy ने ही दुनिया को बताया. वो एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सबसे पहले इस टेक्नोलॉजी के बारे में सन 1956 में the Dartmouth Conference में बताया. दोस्तों अगर कोई मशीन किसी इंसान को पहचान लें, इंसानों के साथ शतरंज खेले तो उन मशीनों को Artificial intelligence machines कहा जाएगा. वहीं आप लोगों ने मानव रहित गाड़ी या मानव रहित विमान के बारे में सुना ही होगा. इस Technique की मदद से ही आज के जमाने में मानव रहित गाड़ी या विमान चलना मुमकिन हो पाया है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध 5 (600 शब्द)

खैर, अब AI के इस्तेमाल की कोई सीमा नहीं है, कई अलग-अलग सेक्टर और कई अलग-अलग उद्योग हैं जो AI का उपयोग करते हैं, स्वास्थ्य देखभाल उद्योग दवाओं, सर्जिकल प्रक्रियाओं और रोगियों के उपचार के लिए AI का उपयोग करता है. एक अन्य उदाहरण जो हमने पहले ही साझा किया है वह AI मशीन है जैसे कंप्यूटर शतरंज और सेल्फ ड्राइविंग कार जैसे गेम खेलते हैं. खैर, AI का उपयोग वित्तीय उद्योगों में कुछ गतिविधियों का पता लगाने के लिए भी किया जाता है, जो असामान्य धोखाधड़ी कार्ड के उपयोग और बड़े खाता जमा जैसे बैंक धोखाधड़ी के विभाग में मदद करते हैं, इतना ही नहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ट्रेडिंग को आसान बनाता है, और इसका उपयोग स्ट्रीमलाइन की मदद के लिए भी किया जाता है. AI के साथ, मांग, आपूर्ति और मूल्य निर्धारण की गणना करना आसान हो जाता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए Computer system या मशीनों को इस तरह से बनाने की कोशिश की जा रही है, कि वो इंसानों द्वारा किए जाने वाले कार्य आसानी से कर सकें. इन machines को इस तरह से बनाया जा रहा ताकि वो हम लोगों जैसे निर्णय लेने, सहीं गलत की समझ होना, दृश्य धारणा, इंसानों की पहचान करना और इत्यादि कार्य आसानी से कर सके. अगर और सरल भाषा में कहा जाए तो इन मशीनों को इंसानों जैसा दिमाग दिया जा रहा है. ताकि वो इंसानों की तरह निर्णय भी ले सके. एक मशीन एक ऐसी चीज़ है जो उस समस्या को हल करने की कोशिश करती है जो आम तौर पर मनुष्यों द्वारा की जाती है, कई बड़े ज्ञात व्यवसायी एआई में अपना पैसा लगा रहे हैं। एआई एक बहुत व्यापक क्षेत्र है जिसके बजाय एक खुफिया प्रणाली का निर्माण करने की कोशिश की जा रही है और यह अपने दम पर खुफिया विकास कर सकता है, इस वक्त ऐसी कई सारी मशीनें हैं जो कि कई कार्य करती हैं लेकिन हम उन मशीनों को एक होशियार मशीन नहीं कह सकते हैं. क्योंकि उन मशीनों द्वारा सिर्फ उतना ही कार्य किया जा रहा है. जितना की उस मशीन को करने के निर्देश दिए गए है. ये मशीनें ना तो कोई निर्णय खुद ले सकती है, ना तो लोगों की पहचान कर सकती है. इसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुशासन पैदा किया जैसे कि मशीन लर्निंग, मशीन नियमों और पैटर्न को खोजकर बड़ी मात्रा में डेटा के आधार पर सीखने के लिए प्रदान करता है और एक बार निर्मित विश्लेषण और पूर्वानुमान मशीन बनाता है और नए डेटा के अनुकूल होने में सक्षम होगा कि जब वे होते हैं अवगत कराया. कई बड़े Automobile उद्योग अपने उत्पादों में इस कृत्रिम बुद्धि का उपयोग कर रहे हैं ताकि इसके द्वारा वे एक अच्छा उत्पाद बनाने में सक्षम हो सकें, इन सभी चीजों में आजकल कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार

सबसे पहले, Artificial Intelligence का वर्गीकरण चार प्रकारों में है, Arend Hintze इस वर्गीकरण के साथ आया, श्रेणियां इस प्रकार हैं −

Reactive machines − ये मशीनें स्थितियों पर प्रतिक्रिया कर सकती हैं. एक प्रसिद्ध उदाहरण Deep Blue, IBM Chess कार्यक्रम हो सकता है. सबसे उल्लेखनीय, शतरंज कार्यक्रम लोकप्रिय शतरंज के दिग्गज गैरी Kasparov के खिलाफ जीता गया था. इसके अलावा, ऐसी मशीनों में मेमोरी की कमी होती है. ये मशीनें निश्चित रूप से भविष्य के लोगों को सूचित करने के लिए पिछले अनुभवों का उपयोग नहीं कर सकती हैं. यह सभी संभावित विकल्पों का विश्लेषण करता है और सर्वश्रेष्ठ को चुनता है. डीप ब्लू रिएक्टिव मशीनों इसका सबसे अच्छा उदाहरण है, डीबी भविष्यवाणियाँ कर सकता है और शतरंज की बिसात पर आसानी से पहचान कर सकता है. लेकिन यह भविष्य की भविष्यवाणियों के लिए पिछले अनुभवों का उपयोग नहीं कर सकता क्योंकि इसमें कोई मेमोरी नहीं है. यह उन चालों की छानबीन कर सकता है जो इसे और इसके प्रतिद्वंद्वी ले सकते हैं और एक सामरिक चाल बना सकते हैं।

Limited Memory − ये AI सिस्टम भविष्य के लोगों को सूचित करने के लिए पिछले अनुभवों का उपयोग करने में सक्षम हैं. प्रतिक्रियाशील मशीनों के विपरीत, यह अतीत के अनुभव के आधार पर भविष्य की भविष्यवाणियां कर सकता है. सेल्फ ड्राइविंग कार इस प्रकार के AI का एक उदाहरण है।

Theory of mind − आपको यह जानके हैरानी होगी कि यह दूसरों को समझने के लिए संदर्भित करता है. इन सबसे ऊपर, इसका मतलब यह है कि दूसरों की अपनी मान्यताएं, इरादे, इच्छाएं और राय हैं, हालाँकि, इस प्रकार का AI अभी तक मौजूद नहीं है।

Self-awareness − यह Artifical Intelligence का उच्चतम और सबसे परिष्कृत स्तर है. ऐसी प्रणालियों में स्वयं की भावना होती है, इसके अलावा, उनके पास जागरूकता, चेतना और भावनाएं हैं. जाहिर है, इस प्रकार की Technique अभी तक मौजूद नहीं है. यह Technique निश्चित रूप से एक क्रांति होगी।

Benefits of Artificial Intelligence

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न केवल अर्थशास्त्र और कानून में, बल्कि तकनीकी विषयों में भी वैधता, सुरक्षा, सत्यापन और नियंत्रण जैसे शोधकर्ताओं को लाभान्वित करता है. प्रौद्योगिकी के कुछ उदाहरण जैसे कि अधीक्षण रोग और गरीबी को कम करने में मदद करते हैं, जो AI को मानव इतिहास में सबसे बड़ा और सबसे बड़ा आविष्कार बनाता है. AI के कुछ महत्वपूर्ण लाभ इस प्रकार हैं –

Digital Assistance − एक उन्नत टीम के साथ संगठनों ने सहायता टीम या बिक्री टीम के रूप में अपने ग्राहकों के साथ बातचीत करने के लिए मनुष्यों की ओर से मशीनों का उपयोग किया।

Medical Applications of AI − AI का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसका उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में किया जा सकता है, “रेडियोसर्जरी” नामक कृत्रिम बुद्धिमत्ता का एक अनुप्रयोग वर्तमान में बड़े चिकित्सा संगठनों द्वारा उपयोग किया जाता है जो “ट्यूमर” के संचालन में उपयोग किया जाता है

Reduction of Errors − आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक और बड़ा लाभ यह है कि यह त्रुटियों को कम कर सकता है और उच्च सटीकता तक पहुंचने की संभावना को बढ़ा सकता है।

तो, दोस्तों, यह सब AI के बारे में है। खैर, यह इतिहास में एक महान आविष्कार रहा है, जिसने हमारे जीवन को बहुत रोचक और आसान बना दिया है, लोग इसे हर क्षेत्र में उपयोग कर रहे हैं जैसे कि अर्थशास्त्र, प्रौद्योगिकियां, कानून, आदि इसके लिए मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है, जो कि मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग द्वारा संचालित होती है. कंप्यूटर विज्ञान की शाखा, जिसका उद्देश्य सकारात्मक ट्यूरिंग के प्रश्न का उत्तर देना है, धन्यवाद।