Essay on Digital India in Hindi

डिजिटल इंडिया भारत सरकार द्वारा चलाए जाने वाले एक बहुत ही अच्छा कार्यक्रम है, या आप ऐसा भी कह सकते है. Digital India भारत सरकार की बड़ी योजनाओं में से एक योजना है। जैसा की हम सभी जानते है. भारत देश की आधी से ज्यादा जनसंख्या ग्रामीण इलाकों में निवास करती हैं, और यहां के लोगों तक सभी Government schemes का लाभ पहुंचना सरकार की जिम्मेदारी है, और यह भारत सरकार का एक बड़ा या आप इसे मुख्य मुद्दा भी कह सकते है. इसलिए भारत सरकार ने सभी ग्रामीण इलाकों को Internet से जोड़ने के लिए इस योजना का शुभारम्भ किया, डिजिटल इंडिया सरकार के द्वारा 1 जुलाई 2015 डिजिटल सप्ताह के रूप में (1 जुलाई से 7 जुलाई तक) इस Project की शुरुआत हुई यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की यह Project अनिल अंबानी, अजीम प्रेमजी, साइरस मिस्त्री जैसे बड़े हस्तियों की उपस्थिति में लांच किया गया है. Digital India Project का शुभारम्भ भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है. डिजिटल इंडिया का उद्देश्य भारत के ग्रामीण इलाकों में Internet पहुंचाना और Internet से पूरे भारत को जोड़ना है. इसके साथ ही Internet के जरिये भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही Schemes का लाभ भी पहुंचाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, Digital India भारत सरकार द्वारा चालू की गई प्रमुख योजनाओं में से एक है।

डिजिटल इंडिया पर निबंध 1 (150 शब्द)

डिजिटल इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक मुहीम है, ताकि भारत में लोगों को टेक्नोलॉजी और डिजिटल दुनिया का ज्ञान मिल सके, इस योजना का उद्देश्य है कि प्रत्येक ग्राम को हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़कर सरकारी सुविधाएं को भारत के प्रत्येक गांव तक पहुंचाई जाए, जिससे की ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को देश के विकास के लिए आगे लाया जा सके, आज के समय में भी भारतवर्ष में बहुत से गाँव डिजिटल दुनिया से बहुत दूर हैं, इसका के मुख्य कारण यह है. आज भी अधिकतर लोग इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते और वो ऑनलाइन दुनिया से अभी कोशों दूर हैं. इसी वजह से इस मुहीम को शुरू किया गया है. इस मुहिम का लक्ष्य कागजी कार्यवाही को घटाना तथा भारतीय नागरिकों को सरकार द्वारा चलायी जा रही E-services को Easily उपलब्ध कराना है. डिजिटल इण्डिया वह कार्यक्रम होगा जो देश को Digital Shakti Society में बदल देगी और भारत को एक नया रूप दे देगी। आज हमारा देश डिजिटल इंडिया की तरफ बहुत तेज़ी से बड़ रहा है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से देश की हर जानकारी और रिकॉर्ड को स्वच्छता से इलेक्ट्रानिक मोड़ में रखा जा रहा है, जो कि आगे काम में सरलता के साथ-साथ तेज गति को लाएग, देश के लोगों के बेहतर विकास और वृद्धि के लिए Converted भारत के लिए यह एक बहुत ही प्रभावशाली योजना है. Digital India योजना के सफलता के लिए देश की बड़ी बड़ी Companies ने काफि खर्च किया हुआ है. इस योजना की अब तक की लागत करीब 4.5 लाख करोड़ की आंकड़े छु चुकी है।

भारत देश के प्रमुख उद्योगपतियों की मौजूदगी में दिल्ली के इंदिरा गाँधी इनडोर स्टेडियम में 1 जुलाई 2015 को भारत की सरकार द्वारा इस अभियान की शुरुआत की गयी है. यहाँ हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की इसका मुख्य लक्ष्य भारत को विश्व का एक बेहतर नियंत्रित स्थान बनाना है. भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस Project के लिए एक लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है और 2019 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. आज भारतवर्ष में कई बड़ी-बड़ी योजनाएं सफ़ल रूप से कार्य कर रही हैं. डिजिटल इंडिया भी इन्ही में एक है. इस योजना के अंतर्गत भारत के सभी ग्रामीण क्षेत्रों को Internet से जोड़ा जाना है. जिससे की भारत के हर कोने-कोने में Internet की सेवा को पहुंचाया जा सके, इस योजना के तहत 2.5 लाख ग्राम पंचायत को Internet से जोड़कर सरकारी schemes का लाभ पहुंचाया जाएगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के हर इलाके में Internet को पहुंचना और भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी सरकारी schemes को Internet से जोड़कर इन schemes का लाभ भारत के हर ग्रामीण तक पहुंचना है. एक सरकारी आकड़े के मुताबिक Digital India Scheme भर देश में करीब 18 लाख नई नौकरियों को जन्म देगा, जिसका सीधा सा असर आम लोगों पर भी पड़ेगा, और इससे देश में पनपती Unemployment कुछ हद तक घटेगी, ये अभियान अपने साथ साथ काफी और छोटे छोटे अभियानों को साथ लाया है जिससे की देश की कई क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है।

डिजिटल इंडिया पर निबंध 2 (300 शब्द)

डिजिटल इंडिया को शरू करने का मुख्य लक्ष्य सभी सरकारी सुविधाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध और इंटरनेट के साथ जोड़ने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है. इससे ना सिर्फ हर भारतीय का डिजिटल लेन-देन का ज्ञान बढ़ेगा बल्कि साथ ही देश भी Corruption को भी काफी हद तक रोका जा सकेगा जिसके चलते एक दिन भारत देश Corruption से बिलकुल मुक्त हो जायेगा, आज डिजिटल इंडिया देश के लोगों के बेहतर विकास और वृद्धि के लिए रूपांतरित भारत के लिए यह एक बहुत ही प्रभावशाली योजना है. अगर हम बात करे इस इस योजना की सफलता की तो दोस्तों यह बात हम पुरे यकीन के साथ कह सकते है, वर्तमान समय में ये योजना भारत में चल रही सफ़ल Schemes में से एक है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के सभी Ministries को Internet से जोड़कर सभी विभागों की सुविधाएं भारत के हर ग्रामीण तक पहुंचाई जाएगी जैसे स्वास्थ्य योजनाएं, Internet Banking, छात्रवृति योजनाएं, पेंशन योजनाएं, गैस सिलेंडर, पानी, बिजली आदि योजनाएं, इस योजना को शुरू करने के लिए एक लाख करोड़ की लागत का अनुमान लगाया गया है. यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बताते चले की इस योजना के पूरी तरह से Execute होने के बाद भारत में नये रोजगार होंगे, सभी काम ऑनलाइन होंगे, High speed Internet होगा, भारत के हर व्यक्ति के पास फोन की सुविधा होगी, हर सूचना मोबाइल पर मिलेगी, भारत में ई-क्रांति का उदय होगा और ई-शासन शुरू होगा, डिजिटल इंडिया योजना में अब तक Meri Sarkar Website, Digital Locker, e education, राशन कार्ड, पेन कार्ड, आधार कार्ड, पेंशन, ई-बीमा और स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं शुरू हो चुकी है. इस योजना के बारे में विभिन्न Schemes का अनावरण (1 लाख करोड़ रुपये से अधिक) किया गया है जैसे डिजिटल लॉकर, ई-स्वास्थ्य, ई-एडिशन, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल, ई-साइन, आदि।

डिजिटल इंडिया एक अभियान है जो यह सुनिश्चित करने के लिए है कि इस देश के सभी नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक कनेक्टिविटी और बेहतर ऑनलाइन अवसंरचना के माध्यम से या इस देश के नागरिकों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सशक्त (डिजिटल) बनाकर सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध कराया जाए. यह अभियान 1 जुलाई 2015 को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के तहत शुरू किया गया था, जिसका एक आदर्श वाक्य था – “पावर टू एम्पॉवर”, यह मेक इन इंडिया, भारतनेट, स्टैंडअप इंडिया, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, स्टार्टअप इंडिया, सागरमाला, UDAN-RCS, भारतमाला और डेडिकेटेड फ्री कॉरिडोर जैसे भारत की अन्य प्रमुख योजनाओं को एक महत्वपूर्ण पहलू प्रदान करता है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ना और डिजिटल साक्षरता बढ़ाना है. यह अभियान इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आता है और इसका नेतृत्व रवि शंकर प्रसाद और पी.पी. चौधरी, इस अभियान की एक आधिकारिक वेबसाइट है- www.digitalindia.gov.in.

डिजिटल इंडिया भारत को डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने का कार्यक्रम है. भले ही भारत को सॉफ्टवेयर के पावरहाउस के रूप में जाना जाता है, लेकिन नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक्स सरकारी सेवाओं की उपलब्धता अभी भी तुलनात्मक रूप से कम है. सरकारी सेवा और लोगों के बीच की दूरी के अंतर को मिटाने के लिए Digitization अभियान की ओर भारत के पीएम ने अपना श्रेष्ठ प्रयास किया, किसी भी दूसरे देश से ज्यादा वृद्धि और अच्छे भविष्य के लिए भारत में Digitization की बहुत अधिक जरूरत है. इससे सिर्फ भारतीय लोगों का डिजिटल लेन-देन ही नहीं बढ़ेगा बल्कि देश में भ्रष्टाचार भी कम हो जायेगा. इस कार्यक्रम को हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 7,2014 को सरकार के हर कोने को छूने वाले इस विशाल कार्यक्रम को सभी मंत्रालयों को संवेदनशील बनाने के लिए शुरू किया है। इस कार्यक्रम की परिकल्पना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा की गई है, 2006 में स्वीकृत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना ने मिशन मोड प्रोजेक्ट्स और कोर आईसीटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से एक सतत प्रगति की है, लेकिन देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और ई-गवर्नेंस में प्रभावी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक जोर की आवश्यकता है।

डिजिटल इंडिया पर निबंध 3 (400 शब्द)

डिजिटल इंडिया भारत सरकार द्वारा संचालित एक योजना थी जिसके तहत हर सरकारी सेवा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भारतीयों को उपलब्ध कराना था. अगर हम बात करे डिजिटलीकरण के महत्व की तो आपके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को एक नए स्तर पर आराम और Easiness के लिए उभारा गया है. आप अपने घर के आराम से, अपने कंप्यूटर, लैपटॉप या यहाँ तक कि अपने मोबाइल फोन से किराने का सामान, कपड़े और घरेलू सामान के लिए अपनी दैनिक खरीदारी कर सकते हैं. डिजिटल इण्डिया वह कार्यक्रम होगा जो देश को एक डिजिटल शसक्ति सोसाइटी में बदल सके और भारत को एक नया रूप दे सके, Digital India कार्यक्रम से देश की हर जानकारी और रिकॉर्ड को स्वच्छता से इलेक्ट्रानिक मोड़ में रखा जा रहा है जो कि आगे काम में सरलता के साथ-साथ तेज गति को लाएगा, डिजिटल इंडिया अभियान से देश की नौजवानों को भी काफी मदद मिलेगी, आज कल पूरे देश में स्टार्ट अप शुरू करने में देश की नौजवानों को डिजिटल इंडिया से काफी मदद मिलेगी. ये नई Techniques और सरलता को जन्म देगी| नई नौकरियां भी अपने आप उत्पन्न होने लगेगी।

डिजिटल इंडिया क्या है – डिजिटल इंडिया, भारत सरकार द्वारा internet connectivity को बढ़ाकर और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को हर नागरिक के लिए एक मुख्य उपयोगिता बनाकर डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदलने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है. इसे 1 जुलाई 2015 को भारत के प्रधान मंत्री द्वारा डिजिटल साक्षरता में सुधार के लिए ग्रामीण क्षेत्र को बहुत उच्च गति internet connectivity से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. हम, टीम गाइडटेक्स्टम यहां विभिन्न कक्षाओं के छात्रों की जरूरतों के अनुसार छात्रों की मदद के लिए डिजिटल इंडिया पर अलग-अलग निबंध उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि आजकल “डिजिटल इंडिया पर निबंध” छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम 1 जुलाई 2015 को भारत के प्रधान मंत्री द्वारा दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में लॉन्च किया गया था. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत में नागरिकों तक पहुँचने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए पारदर्शी और उत्तरदायी शासन का निर्माण करना है, अंकीया फादिया, भारत के सर्वश्रेष्ठ एथिकल हैकर को डिजिटल इंडिया का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया. डिजिटल इंडिया के कई फायदे हैं. उनमें से कुछ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की तरह हैं, ई-गवर्नेंस केवल सरकारी सेवाओं के इलेक्ट्रॉनिक रूप से वितरण, हालाँकि डिजिटल इंडिया को लागू करके शासन को कुशल और सरल बनाया जा सकता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे डिजिटल मीडिया में हेरफेर, सामाजिक असंतोष, आदि।

भारत को बेहतर विकास और विकास के लिए बदलने के लिए 1 जुलाई 2015 को भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया गया था. उस जुलाई के पहले सप्ताह (पहली जुलाई से 7 जुलाई तक) को “डिजिटल इंडिया वीक” कहा गया था और इसका उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों और सीईओ की अग्रणी कंपनियों की उपस्थिति में किया था।

डिजिटल इंडिया के कुछ प्रमुख विजन क्षेत्र हैं –

NO 1 – डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर हर नागरिक के लिए एक उपयोगिता होनी चाहिए – डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में मुख्य बात, राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को हाई-स्पीड इंटरनेट की उपलब्धता उपलब्ध होना चाहिए. एक हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन किसी भी व्यवसाय और सेवा की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह श्रमिकों को प्रिंटर, शेयर दस्तावेज़, भंडारण स्थान और कई और अधिक साझा करने की अनुमति देता है।

NO 2 – ऑनलाइन सभी सरकारी सेवाओं की उपलब्धता – डिजिटल इंडिया की एक प्रमुख दृष्टि सभी सरकारी सेवाओं को वास्तविक समय में उपलब्ध कराना था. विभागों में सभी सेवाओं को समेकित रूप से एकीकृत किया जाना चाहिए।

NO 3 – प्रत्येक नागरिक को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना – डिजिटल इंडिया का उद्देश्य सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता प्रदान करना है और सभी डिजिटल संसाधनों को आसानी से सुलभ होना चाहिए।

उपरोक्त सभी दृष्टियों को ध्यान में रखते हुए, इस अभियान के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक कार्यक्रम प्रबंधन संरचना की स्थापना की गई, जिसमें भारत के प्रधान मंत्री, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति, संचार मंत्रालय और आईटी, एक सर्वोच्च समिति की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति शामिल है, व्यय वित्त समिति और कैबिनेट सचिव द्वारा।

डिजिटल इंडिया पर निबंध 5 (600 शब्द)

डिजिटल इंडिया के रूप में, इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को 1 जुलाई (बुधवार) 2015 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत विभिन्न प्रमुख उद्योगपतियों (टाटा समूह के अध्यक्ष साइरस मिस्त्री, आरआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी, विप्रो के अध्यक्ष अज़ीम प्रेमजी आदि) की उपस्थिति में हुई, सम्मेलन में, इन लोगों ने गाँव से शहर तक भारत में बड़ी संख्या में डिजिटल क्रांति लाने के बारे में अपने विचार साझा किए, देश के 600 जिलों तक पहुंचने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी की उपस्थिति में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम डिजिटल इंडिया कार्यक्रम है. इस योजना से संबंधित विभिन्न योजनाओं को उजागर किया गया है (एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत) जैसे डिजिटल लॉकर, ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल, ई-हस्ताक्षर आदि।

इस देश को डिजिटल रूप से शक्तिशाली देश बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का लक्ष्य कागजी कार्रवाई को कम करके भारतीय नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक सरकारी सेवा प्रदान करना है. यह बहुत प्रभावी और कुशल है जो बड़े पैमाने पर समय और मानव श्रम को बचाएगा। यह पहल 1 जुलाई, 2015 को ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को किसी भी जरूरी जानकारी के लिए तीव्र गति के इंटरनेट नेटवर्क के साथ जोड़ने के लिए शुरू की गई थी. देश भर में डिजिटल संरचना का निर्माण, डिजिटल साक्षरता, डिजिटल सेवा, जैसे डिजिटल इंडिया के तीन महत्वपूर्ण तत्व हैं. इस परियोजना का लक्ष्य 2019 को पूरा करना है, यह एक कार्यक्रम है जो सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं दोनों को लाभान्वित करेगा. इस कार्यक्रम की निगरानी और नियंत्रण के लिए डिजिटल इंडिया सलाहकार समूह (संचार और आईटी मंत्रालय द्वारा संचालन) की व्यवस्था की जाती है।

विभिन्न प्रमुख उद्योगपतियों की उपस्थिति में, भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2015 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य भारत को दुनिया का एक बेहतर नियंत्रित स्थान बनाना है. इस परियोजना को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (एक लाख करोड़ रुपये) द्वारा अनुमोदित किया गया है, और 2019 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस कार्यक्रम की सफलता ई-गवर्नेंस के साथ भारतीय लोगों की सेवा करने के मोदी के सपने की वास्तविकता की तरह होगी. कागजी कार्रवाई को कम करने, कार्य कुशलता में सुधार और समय बचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सरकार की सेवा के साथ, यह भारतीय नागरिकों को आसान बनाने के लिए है।

यह योजना दूरदराज के गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों को तेज इंटरनेट सेवा से जोड़कर विशेष रूप से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि और विकास सुनिश्चित करेगी, प्रधानमंत्री खुद इस पूरे प्रोजेक्ट की देखरेख करेंगे, इंटरनेट पर आने के बाद, डिजिटल इंडिया के नागरिक अपने कौशल और ज्ञान में सुधार कर सकते हैं. यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो सभी को लाभान्वित करेगी, विशेष रूप से ग्रामीणों के लिए जो कई कारणों से कागज का काम करने में लंबी दूरी तय करते हैं और समय और धन बर्बाद करते हैं। यह पूर्व-प्रचलित राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (बिना खंभे, ब्रॉडबैंड राजमार्ग, सार्वजनिक हित पहुंच कार्यक्रम, मोबाइल कनेक्टिविटी हर जगह, ई-क्रांति, ई-गवर्नेंस, सभी की जानकारी, नौकरी के लिए आईटी, प्री-) का एक बहुत प्रभावी रूप है, फसल कार्यक्रम और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण)।

डिजिटल इंडिया आसानी से डेटा का डिजिटलीकरण करेगा, जो भविष्य में चीजों को तेज और अधिक कुशल बनाने में मदद करेगा, इससे कागजी कार्रवाई, समय और मानव श्रम की भी बचत होगी, यह परियोजना सरकार और निजी क्षेत्र के बीच गठबंधन को गति प्रदान करेगी, तेज गति नेटवर्क से जुड़े गांवों की एक बड़ी संख्या वास्तव में पिछड़े क्षेत्रों से पूरी तरह डिजिटल रूप से सुसज्जित क्षेत्रों के रूप में एक बड़े बदलाव से गुजरेगी, भारत के सभी शहर, शहर और गाँव अधिक तकनीकी होंगे, प्रमुख कंपनियों (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय) के निवेश के साथ, इस परियोजना को 2019 तक पूरा करने की योजना है. अंबानी ने डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट में लगभग 2.5 लाख करोड़ के निवेश की घोषणा की है।

डिजिटल इंडिया अभियान के निम्नलिखित लाभ –

इससे डिजिटल लॉकर की व्यवस्था संभव हो जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप भौतिक दस्तावेजों को कम करने के साथ-साथ भौतिक दस्तावेजों को कम करके, ई-साझाकरण के माध्यम से पंजीकृत संग्रह के माध्यम से कागजी कार्रवाई में कमी आएगी।

यह सरकार द्वारा विभिन्न ऑनलाइन लक्ष्यों की उपलब्धि सुनिश्चित करेगा।

यह एक प्रभावी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो “चर्चा, काम और वितरण” जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से शासन प्रणाली में लोगों को शामिल कर सकता है।

कहीं से भी अपने दस्तावेज़ों और प्रमाणपत्रों को जमा करने से लोगों के लिए शारीरिक गतिविधि कम करना संभव हो जाएगा।

नागरिक E-signature structure के माध्यम से अपने दस्तावेजों पर ऑनलाइन हस्ताक्षर कर सकते हैं।

E-hospital के माध्यम से, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को आसान बनाया जा सकता है, जैसे ऑनलाइन पंजीकरण, डॉक्टर से मिलने का समय, फीस जमा करना, ऑनलाइन जाँच करना, रक्त की जाँच करना, आदि।

यह एक बड़ा मंच है जो देश भर में सरकारी और निजी सेवाओं के प्रभावी और कुशल वितरण के लिए अपने नागरिकों के लिए आसान बनाता है।

भारत नेट कार्यक्रम (हाई स्पीड डिजिटल हाईवे) देश की लगभग 250,000 ग्राम पंचायतों को जोड़ेगा।

पूरे देश में, बीएसएनएल ने बड़े पैमाने पर वाई-फाई हॉटस्पॉट फैलाने की योजना बनाई है।

ब्रॉडबैंड हाईवे का उपयोग कनेक्टिविटी से संबंधित सभी मुद्दों को संभालने के लिए किया जाता है।