Essay on Seasons in India in Hindi

भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर विभिन्न प्रकार की जलवायु होती है और प्रत्येक जलवायु स्थिति 2.5 से 3 महीने तक रहती है. किसी भी विशेष जलवायु स्थिति की अवधि जिसमें लंबी अवधि होती है उसे मौसम कहा जाता है. महाकवि कालिदास ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ऋतुसंहार की रचना का आधार भारत की छः ऋतुओं को बनाया है. भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ एक ही वर्ष में छः ऋतुओं का चक्र गतिमान होता है. भारत में ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर, पतझड़ तथा वसंत ये छ: ऋतुएँ क्रम से आती हैं. भारत में, मुख्य रूप से चार प्रकार के मौसम होते हैं, अप्रैल से जून तक गर्मी का मौसम, जून से सितंबर तक मानसून का मौसम, सितंबर से नवंबर तक मानसून या शरद ऋतु और दिसंबर से फरवरी तक सर्दी, प्रत्येक सीज़न की अपनी विशेषता होती है, जहाँ सर्दियाँ बहुत ठंडी होती हैं और गर्मियों बहुत गर्म होती हैं, कुछ मौसम भौगोलिक स्थिति और एक स्थान की स्थिति पर भी निर्भर करते हैं क्योंकि उत्तरी भाग में ग्रीष्म, मानसून और सर्दियों के मौसम होते हैं जबकि दक्षिणी भाग में केवल गर्मी और मानसून के मौसम होते हैं।

भारत में विभिन्न ऋतू पर निबंध 1 (150 शब्द)

भारत एक ऐसा देश है जहाँ मौसम और मौसम की स्थिति होती है. मुख्य रूप से भारत में मौसम गर्मियों, सर्दियों, मानसून, वसंत और शरद ऋतु के होते हैं. प्रत्येक ऋतु की कालावधि दो मास की होती है, ग्रीष्म ऋतु या गर्मी की ऋतु में सूर्य का आतप अपने परम बिंदु पर होता है। भयंकर गर्मी, लू तथा तपती धूप से पृथ्वी तवे की तरह तपने लगती है. इसके कारण बहुत से लोगों की जान भी जाती है. दोस्तों इस ऋतु में पेड़-पौधों की हरियाली नष्ट हो जाती है. ग्रीष्म की भयंकर तपन के बाद वर्षा की सजल ऋतु आती है, बादल झुक-झुककर धरती को अपनी रसवर्षा से सरस बना देते हैं, ग्रीष्म के भयंकर ताप से झुलसी प्रकृति हरियाली से भरी-पूरी हो जाती है. सावन के झूले और कजली के गीतों से पूरा वातावरण झूम जाता है. आकाश में ऐसे काले बादल छा जाते हैं कि चारों तरफ अँधेरा-सा हो जाता है. भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर सभी मौसमों के प्रभाव अलग-अलग होते हैं. आमतौर पर, भारत के सभी मौसम एक विशेष क्रम में आते हैं, विभिन्न गतिविधियाँ और त्यौहार भी इन ऋतुओं के आधार पर तय किए जाते हैं. भारत में गर्मी का मौसम आम तौर पर मार्च के अंत से शुरू होता है और जून तक जारी रहता है. मानसून का मौसम आमतौर पर जून के अंत से शुरू होता है और सितंबर के पहले सप्ताह तक रहता है. गर्मियों से सर्दियों तक के मौसम का बदलता चरण आम तौर पर अक्टूबर में होता है. सर्दियों का मौसम दिसंबर से बढ़ता है और फरवरी के अंत तक जारी रहता है. मौसम का वर्गीकरण तापमान, दबाव, हवा की गति में परिवर्तन आदि के आधार पर किया जाता है।

भारत में मुख्य रूप से ऋतुओं को चार श्रेणियों अर्थात ग्रीष्म, मानसून, मानसून और शीत ऋतु के बाद विभाजित किया जाता है. प्रत्येक मौसम की अवधि 2.5 से 3 महीने तक होती है, जहां भारत के कुछ हिस्सों में तापमान बहुत अधिक या बहुत कम हो सकता है. सर्दियों के मौसम के दौरान तापमान 05 से 15 डिग्री के बीच होता है और गर्मियों के मौसम में तापमान 32 से 40 डिग्री तक होता है. भारत में मानसून का मौसम जून के मध्य से शुरू होता है और सितंबर की शुरुआत तक तापमान 25-30 डिग्री के बीच रहता है. सितंबर से पूर्ण नवंबर के महीने मानसून के मौसम के बाद के होते हैं, क्योंकि गर्मी से सर्दियों के मौसम में संक्रमण शुरू होता है. लेकिन आजकल, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग आदि के कारण, भारत में मौसम ने अपना नियमित समय खो दिया है. अत्यधिक वनों की कटाई और इमारतों और उद्योगों के निर्माण ने भारत में मौसम परिवर्तन को बुरी तरह प्रभावित किया है. देश में शहरीकरण ने भारत में मौसमों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है क्योंकि मूल्यवान हरियाली दिन पर दिन लुप्त होती जा रही है. जीवाश्म ईंधन के जलने से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है जो न केवल पर्यावरण को प्रभावित करता है, बल्कि मौसम परिवर्तन को भी परेशान करता है. मौसम और जलवायु परिस्थितियों में बदलाव के कारण लोग, विशेषकर किसान, गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं।

भारत में विभिन्न ऋतू पर निबंध 2 (300 शब्द)

भारत में सभी ऋतुएं अपने-अपने क्रम पर आती-जाती हैं और प्रकृति में अपने प्रभाव व महत्त्व को दर्शाकर चली जाती हैं. यहां ग्रीष्म ऋतु का आगमन वसंत ऋतु के बाद होता है, भारतीय गणना के अनुसार ज्येष्ठ और आषाढ़ के महीने में ग्रीष्म का आगमन होता है. यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की अंग्रेजी कलेण्डर के हिसाब से इसका आगमन 15 मार्च से 16 जून तक होता है. सामान्यत: मार्च के महीने से बढ़ता हुआ इसका तापमान मई तथा जून माह में चरमसीमा पर होता है. सूर्य जब भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ता है, तब इसका तापमान बढ़ने लगता है. भारतीय पर्व होली के बाद सूर्य की गरमी बढ़ने लगती है. सूर्य का जब मकर संक्रान्ति के बाद उत्तरायण होने लगता है, तब ग्रीष्म प्रारम्भ हो जाती है. दोस्तों यह बात एक दम साफ़ है, की भारत में मौसम हर किसी के जीवन में एक बड़ी भूमिका निभाता है और कृषि में मदद करता है. जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत में किसान अपनी उपज के लिए मौसम की स्थिति पर अत्यधिक निर्भर हैं. लेकिन प्रकृति और पर्यावरण की गंभीर क्षति ने भारत में मौसम की समय पर होने वाली असंतुलन का कारण बना है. जिससे सामान्य प्रभावित हुआ है किसानों का जीवन, प्रदूषण कम करना, पुनः वनगमन, जलते जीवाश्म ईंधन को सीमित करना आदि सामान्य मौसम परिवर्तन को वापस लाने और हमारे किसान के चेहरे पर मुस्कान वापस लाने में मदद करेंगे।

भारत त्योहारों का देश है, यहाँ हर एक दिन, एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, हिन्दू कैलेंडर (विक्रम संवत) के अनुसार भारत का 12 महीनों का समय 6 सीजन (ऋतू) में विभाजित है, जैसा की आप सभी जानते है, हर एक ऋतू 2 महीने की होती है. भारत में मनाये जाने वाले त्यौहार इस महीनों के निश्चित तिथि पर ही मनाए जाते है, आइये विस्तार से चर्चा करते हैं, भारत की इन 6 ऋतुओं की, भारत में पूरे वर्ष के विभिन्न मौसमों को मोटे तौर पर गर्मियों, मानसून, सर्दियों और मानसून की अवधि के बाद वर्गीकृत किया जाता है. आमतौर पर ये मौसम वर्ष के आसपास एक विशेष अवधि में प्रबल होते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि कई अन्य पर्यावरणीय और मानवजनित कारक हैं, जो इन मौसमों की प्रक्रिया में बाधा डालते हैं, जैसे कि Global warming और वनों की कटाई, देश के विभिन्न हिस्सों में इन मौसमों की समय अवधि और तीव्रता अलग-अलग स्थलाकृतिक विशेषताओं के कारण भिन्न होती है. यात्रा और School calendar जैसी कई गतिविधियाँ किसी क्षेत्र की मौसम और जलवायु पर निर्भर करती हैं।

आमतौर पर, भारत में मौसमों को 4 श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जो ग्रीष्म (मार्च – मई), सर्दियों (दिसंबर – फरवरी), मानसून (जून – सितंबर) और उत्तर मानसून जिसे उत्तर पूर्व मानसून (अक्टूबर – नवंबर) के रूप में भी जाना जाता है. इन मौसमों की अवधि 2.5 से 3 महीने तक होती है. समर सीजन भारत में अप्रैल से जून तक चलने वाला साल का सबसे लंबा सीजन है, सबसे गर्म महीना सबसे गर्म होता है और उस समय तापमान बहुत अधिक होता है. गर्मियों में, सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए, समर सीजन अपने साथ बहुत सारे फल और फसलें लाता है. गर्मियों के मौसम में लोग शिकंजी, मैंगो जूस और रूह-अफ़ज़ा आदि पीते हैं. दिन लंबे हो जाते हैं और गर्मियों में रातें छोटी हो जाती हैं, गर्मियों में, बच्चों की एक महीने की छुट्टी होती है जिसमें वे बहुत मज़ा करते हैं. गर्मियों का मौसम अपने साथ ढेर सारी खुशियां लेकर आता है।

हमारे देश में केवल विभिन्न मौसमों का आनंद लिया जाता है, भारत के अलावा हम किसी अन्य देश में सीरियल वार सीज़न का आनंद नहीं ले सकते. भारत के उत्तर की ओर और भारत के दक्षिण की ओर के मौसम बहुत अलग हैं, लेकिन ऐसे मौसम हैं जो पूरे देश में बहुत आम हैं जो इस प्रकार हैं −

वर्षा ऋतु

ग्रीष्म ऋतु

शीत ऋतु

वसंत ऋतु

परंपरागत रूप से, भारत में ग्रीष्म, वसंत, मानसून, शरद ऋतु, सर्दी और प्रेमपूर्ण मौसम के छह मौसम होते हैं. वे एक कैलेंडर के बारह महीनों के बीच विभाजित होते हैं, जिसमें प्रत्येक मौसम ठीक दो महीने का होता है. प्रत्येक मौसम की अपनी सुंदरता होती है और विभिन्न कारणों से प्यार किया जाता है. हम में से प्रत्येक एक या दूसरे मौसम से प्यार करता है, भारत में कुल 6 ऋतुएँ होती हैं, जो भारतीयों को बहुत पसंद है केवल कुछ देशों के पास ही यह खूबसूरत मौसम है।

भारत में विभिन्न ऋतू पर निबंध 3 (400 शब्द)

भारत की ऋतुओं में बसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शीत ऋतु को मुख्य ऋतुएँ माना जाता है. भारत एक बहुत ही खूबसूरत देश है, भारत देश में साल में छह ऋतु आती हैं वह अपने आपमें एक बहुत बड़ा बदलाव होती हैं. भारत देश का दुनिया में अपना एक अलग वातावरण होता है, यहाँ पर हर तरह के मौसम होता है, और हर मौसम का अपना अलग ही मज़ा है, अपना एक अलग मौसम होता है हमारे भारत देश में भी कुछ ऐसा ही होता है. भारत देश की यह ऋतुएं अपने आप में सबसे महत्वपूर्ण होती है हर एक ऋतु का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है, ये हमे खुशी देती हैं, हमारा मन शांत करती हैं, हमें प्रेरणा देती हैं और हमको भा जाती हैं. वास्तव में हर किसी के जीवन में ऋतुएं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इन Seasons में हमेशा बदलता रहता है ये हर 2 महीने में बदलती रहती हैं, कभी गर्मी तो कभी Cold का रहता है कुछ लोगों को इससे बहुत खुशी मिलती है, तो कुछ कुछ लोगों को इनकी वजह से परेशान भी हो जाती हैं. हमारे देश में प्रमुखता जो ऋतुएँ पाई जाती हैं उनके बारे में हम यहा जानेंगे −

शीत ऋतु

सर्दियों का मौसम भारत में सबसे महत्वपूर्ण मौसमों में से एक है. अक्टूबर से जनवरी तक लोग सर्दियों के मौसम का आनंद लेते हैं. यह वास्तव में हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है, बहुत से लोग टहलने के लिए जाते हैं, जलवायु वास्तव में सर्द है और धुँधली भी है. हम सर्दियों का आनंद ले सकते हैं. हम सर्दियों के दौरान अधिक काम कर सकते हैं क्योंकि बाहर काम करते समय कोई थकाऊ महसूस नहीं होता है. शीत ऋतु जिसे हम शिशिर ऋतु के नाम से भी जानते हैं, इस ऋतु में दिन छोटे छोटे होते हैं और रातें लंबी होती हैं. शीत ऋतु में लोग गर्म कपड़े पहनना पसंद करते हैं क्योंकि ठंड से सभी कांपने लगते हैं और कभी-कभी तो इतनी ज्यादा ठंड बढ़ जाती है, जैसा कि हम मोती की तरह दिखने वाले पौधों में ओस की बूंदों को देख सकते हैं, की तुलना में नम बनाया जाता है. किसान के लिए मौसम भी बहुत महत्वपूर्ण है।

बसंत ऋतु

वसंत का मौसम जलवायु में नई शुरुआत लाता है; पौधे खिलते हैं, लोग जागते हैं, यह मौसम मार्च, अप्रैल और मई में पड़ता है. बसंत के मौसम में तापमान मध्यम हो जाता है, और हर जगह रंग-बिरंगा होता है, देश में हर तरफ खुशियाँ फैली हुई हैं. ज्यादातर लोग जलवायु की गर्माहट के कारण वसंत के मौसम का आनंद नहीं लेते हैं, लेकिन ये वह मौसम है जिसका आनंद लोग नहीं ले सकते हैं, हम कभी नहीं कहते हैं कि यह एक वसंत का मौसम है, हम कहते हैं कि यह गर्मी का मौसम है. इस ऋतु को रितुओं का राजा भी कहते हैं क्योंकि यह रितु बहुत ही अच्छी रितु है इसमें चारों और हरियाली छा जाती है इसमें मंद मंद हवाएं चलती हैं जो मन को मोह लेती हैं. इस ऋतु में कोयल भी अपनी आवाज से सबको आकर्षित करती है, वह खुश हो जाती है, यह रितु हर किसी को भा जाती है इसीलिए इसको रितुओं का राजा कहा जाता है।

ग्रीष्म ऋतु

गर्मी वह मौसम है जो लगभग हर किसी को पसंद नहीं है. लेकिन सभी छात्र गर्मी के मौसम का इंतजार करते हैं, क्योंकि स्कूल शुरू होने के बाद से उन्हें गर्मी की छुट्टी मिल जाती है. गर्मियों का मौसम वह मौसम होता है. जहां पौधे और जानवर पौधों में अधिक सुशोभित होना पसंद करते हैं. सूरज उगने के लिए पौधों की ओर कुछ ऊर्जा की आपूर्ति करता है. यह हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी होती है, दरअसल जब हम ठंड से कांपते हैं तो हम उम्मीद रखते हैं कि काश गर्मी पड़ जाए और हमारी ठंड दूर हो जाए इस ग्रीष्म ऋतु में गर्मी पड़ती है कभी-कभी तो इतनी गर्मी पड़ती है कि घर में रहना भी थोड़ा मुश्किल हो जाता है, अगर घर में लाइट चली जाए तो और भी मुश्किल होता है. इस मौसम में हमें जितना हो सके पानी पीना चाहिए, जानवर ठंड के मौसम के लिए प्रजनन करते हैं. शिकार करते हैं और फिर ऊर्जा का भंडारण करते हैं, लगभग गर्मी का मौसम है।

वर्षा ऋतु

जैसा कि हम सभी ऋतुओं से अवगत हैं, लेकिन बरसात के मौसम का एक सुखद आंदोलन है, जिसे शब्द में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, चूंकि बारिश का मौसम जून से सितंबर तक शुरू होता है. गर्मी के मौसम के परेशान महीने के बाद, जून का महीना बूंदाबांदी और उमस भरी बारिश लाता है, जो जलवायु को ठंडा बना देता है. दक्षिण भारत में जून का तापमान 3 ° से 6C तक कम हो सकता है यदि तापमान की तुलना में कोई भी तापमान होता है और आर्द्रता बढ़ जाती है।

यह ऋतु मध्य जून से मध्य September तक होती हैं. भारत के उत्तरी पश्चिमी भाग में तापमान तेजी से बढ़ जाने के कारण निम्न वायुदाब विकसित हो जाता हैं. यह पश्चिमी राजस्थान से लेकर पश्चिम बंगाल तक विस्तीर्ण हो जाता हैं. निम्न वायुदाब के कारण इस क्षेत्र में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से ही South western पवनों के रूप में मानसून भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करता हैं. इसे दक्षिणी पश्चिमी मानसून कहते हैं. उत्तर भारत में तापमान या दबाव कम है, गर्मियों के मौसम के दौरान बारिश के बादल बनते हैं, क्योंकि बारिश के मौसम में अधिक नमी पैदा होती है, झीलों, नदी और महासागरों का पानी वाष्पित हो जाता है, और फिर वे वाष्प का निर्माण करते हैं और बादलों में एकत्र हो जाते हैं. फिर बारिश होती है. यह वह मौसम है जहां फ्रामर्स अपनी फसल उगाने के लिए इसका इंतजार करते हैं।

भारत में विभिन्न ऋतू पर निबंध 5 (600 शब्द)

भारत में कई ऐसे मौसम हैं जिनके कारण भारत की भूमि कई अन्य देशों की तुलना में बहुत अधिक संतुलन में है. सबसे महत्वपूर्ण मौसम मानसून का मौसम है जो जून से अगस्त तक भारत में आता है. इसे गीले मौसम के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस अवधि के दौरान पूरे देश में बारिश होती है. यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की भारत में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय भागों में चार मौसम होते हैं, जैसे सर्दी, गर्मी, मानसून और मानसून. जैसे दिन और रात में परिवर्तन पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने के कारण होता है उसी तरह मौसम में परिवर्तन अण्डाकार कक्षाओं में सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की क्रांति के कारण होता है, विभिन्न भागों में मौसमों की तीव्रता में अंतर पृथ्वी के मामूली झुकाव का परिणाम है. वर्ष के दौरान अलग-अलग समय पर, उत्तरी या दक्षिणी अक्ष सूर्य के करीब होता है। इस समय के दौरान सूर्य के करीब का हिस्सा गर्मी का अनुभव करता है क्योंकि यह सूर्य से सीधी गर्मी को दूर करता है. गर्मी के मौसम में लोगों को थोड़ा परेशानी का सामना भी कारण पड़ता है, लेकिन यह एक बहुत अच्छा मौसम है भारत के किसान लोगों के लिए।

भारत में सर्दियों का भी अपना अलग ही मजा है, ख़ास कर उतर भारत में यहाँ काफी ज्यादा ठण्ड पड़ती है, दोस्तों सर्दियों में, पृथ्वी अण्डाकार कक्षा में सूर्य से दूर चली जाती है, और इसलिए सूर्य की किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. जिसके परिणामस्वरूप वर्ष के उस समय पृथ्वी पर कम तापमान होता है, और इसके चलते हमें ठण्ड का अनुभव होता है, और ऊपर बताई गई प्राकृतिक प्रक्रियाएं हैं जो साल भर के मौसम में बदलाव लाती हैं. इन प्रक्रियाओं द्वारा परिवर्तन सूक्ष्म हैं और लोग आसानी से अपना सकते हैं जबकि मानवजनित कारकों जैसे कि Greenhouse gases के उत्सर्जन के कारण मौसम में परिवर्तन अधिक Unfavorable और चरम है और जीवित प्राणियों और यहां तक ​​कि संपत्ति के लिए कठिनाइयों का कारण बनता है, भारत में कुल छह सीज़न हैं वे हैं गर्मियों, बरसात के मौसम, शरद ऋतु, देर से शरद ऋतु या शुरुआती सर्दी, सर्दी और वसंत, यह वह मौसम है जिसे भारतीय लोग पूरे वर्ष में देखते हैं. लेकिन ज्यादातर हर कोई केवल चार सीज़न के बारे में बात करता है जो गर्मी का मौसम, बारिश का मौसम, सर्दियों का मौसम और वसंत का मौसम है. यह चार सीज़न है जिस पर लोग भारत में बात करते हैं, कुछ ही लोग होंगे जो भारत में छह सत्रों के बारे में बात करेंगे।

सर्दियों का मौसम

यदि हम सर्दियों के मौसम के बारे में बात करते हैं तो हम देखेंगे कि यह सभी के लिए सबसे पसंदीदा मौसमों में से एक है, केवल कुछ ही लोग होंगे जो किसी भी कारण से सर्दियों के मौसम की तरह नहीं हैं. यह सीज़न दिसंबर से फरवरी के महीने से शुरू होता है और परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियों का आनंद लेने और जाने के लिए यह बहुत अच्छा समय है।

शरद ऋतु वर्ष का सबसे ठंडा मौसम है, जो दिसंबर के महीने में शुरू होता है और मार्च के महीने में समाप्त होता है. दिसंबर और जनवरी के महीने में एक सर्दियों की चोटी होती है, और इन्हें सबसे ठंडे महीनों के रूप में गिना जाता है, जब देश के उत्तरी क्षेत्रों में तापमान 100 से 150 सेल्सियस (यानी 50 से 59 तकन) होता है, हालांकि, दक्षिणी क्षेत्र ( देश की मुख्य भूमि), इसमें 20 से 250 सेल्सियस (यानी 68 से 770 प्रारंभिक) होते हैं. शरद ऋतु के चरम पर, उत्तरी क्षेत्रों में तेज़ गति से ठंडी हवाएँ चलती हैं। हमें धुंध का सामना करना पड़ता है, जो अक्सर सूरज की रोशनी को छुपाता है, जो पूरे सर्दियों के मौसम में ठंड देता है।

भारत में चार मौसमों में शरद ऋतु सबसे ठंडा मौसम है, यह दिसंबर के महीने में पड़ता है और होली के दौरान मार्च में समाप्त होता है, दिसंबर और जनवरी को शरद ऋतु का सबसे ठंडा महीना माना जाता है. यह पतझड़ के मौसम के बाद आता है और वसंत (बाद में गर्मी के मौसम) से पहले समाप्त होता है. हम आमतौर पर दीवाली के त्योहार (शरद ऋतु की शुरुआत से) के माध्यम से वायुमंडलीय तापमान में लगातार कमी के माध्यम से होली के त्योहार (शरद ऋतु के अंत तक) को महसूस करते हैं. शरद ऋतु चरम के महीने में हमें उच्च स्तर की ठंडी और उच्च ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ता है, हम वातावरण में दिन और रात के दौरान बड़े स्तर पर तापमान में बदलाव देखते हैं, रातें लंबी होती हैं और दिन छोटे होते हैं, हालांकि, आसमान साफ है, लेकिन पूरे दिन धुंध या कोहरे के कारण कभी-कभी सर्दी चरम पर रहती है, कभी-कभी शरद ऋतु में बारिश भी स्थिति को बदतर बना देती है।

गर्मी का मौसम

अब अगर हम गर्मी के मौसम की बात करें तो इसका भारत पर बहुत प्रभाव पड़ता है. क्योंकि इस मौसम में किसानों को उत्पादन मिलता है जिसके लिए उन्हें पिछली गर्मियों से इतनी मेहनत करनी पड़ती है. यह वह समय होता है जब वे अपने खेतों को काटकर बाजार में बेच देते हैं और उसके बाद वे फिर से इस पर काम करना शुरू कर देते हैं. यहां तक कि छात्रों को गर्मी के मौसम से प्यार है क्योंकि इस मौसम में उन्हें स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन से छुट्टियां मिलती हैं. यह एकमात्र समय है जब कोई भी उन्हें अपनी परीक्षा के लिए अध्ययन करने के लिए नहीं कहता है क्योंकि स्कूल और कॉलेज छुट्टियों के लिए बंद हैं।

गर्मियों में चलने वाली गर्म हवा को गर्मी कहते हैं, जिससे बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है. गर्मियों में, एक को अधिक पानी की आवश्यकता होती है, गर्मियों में, बच्चों को एक महीने की छुट्टी मिलती है और बच्चे टहलने के लिए बाहर जाते हैं और मज़े करते हैं, गर्मियों में, बर्फीले स्थानों पर बहुत भीड़ होती है क्योंकि सभी लोग गर्मी से बचने के लिए वहां जाते हैं. अत्यधिक गर्मी के कारण कई कीटाणु भी मर जाते हैं और फसल भी अच्छी तरह पक जाती है, गर्मी बच्चों के लिए भोजन और मजेदार समय लेकर आती है।

बारिश का मौसम

तेज गर्मी के बाद, सबसे महत्वपूर्ण चीज जो हम सभी को तरोताजा करती है वह है बारिश का मौसम. यह एक ऐसा मौसम है जब स्कूल और कॉलेज शुरू होते हैं लेकिन बारिश के कारण हमें कई छुट्टियां मिलती हैं. वैसे, बारिश का मौसम रोमांटिक मौसमों में से एक है, जिसमें लोग अपने प्रियजनों के साथ रहना पसंद करते हैं और बारिश की बूंदों का आनंद लेते हैं, ऐसी जगहें हैं जहां हमें बारिश के मौसम में जाना चाहिए, बस उस जगह का नज़ारा देखना चाहिए, उदाहरण के लिए, लोनावाला और कई और जगहें।

मुझे बरसात का मौसम बहुत पसंद है, यह भारत के चार मौसमों में से मेरा पसंदीदा मौसम है. यह गर्मी के मौसम के बाद आता है, जो वर्ष का सबसे गर्म मौसम होता है, भीषण गर्मी, गर्म हवा (एलयू) और त्वचा की विभिन्न समस्याओं के कारण, मैं गर्मी के मौसम में बहुत परेशान हो जाता हूं, हालांकि, बारिश के मौसम के आने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है. वर्षा ऋतु जुलाई (सावन) में आती है और तीन महीने तक रहती है। यह सभी के लिए शुभ है और यह बहुत मजेदार है. इस मौसम में हम सभी परिपक्व आमों का लाभ उठाते हैं. बरसात के मौसम में, हम पूरे उत्साह के साथ भारत में कई त्योहार मनाते हैं।

भारत में वर्षा ऋतु का आगमन जुलाई के महीने में होता है, जब दक्षिण-पश्चिम मानसून की हवाएँ फटने लगती हैं, हिंदी महीनों के अनुसार, यह आश्रम और सुनवाई में आता है, हर कोई इस मौसम का आनंद लेता है क्योंकि इस मौसम में ताजी हवा और बारिश के पानी के कारण वातावरण स्वच्छ, सुंदर और मुलायम हो जाता है, पेड़, पौधे और घास बारिश के पानी के साथ बहुत हरे, सुंदर और आकर्षक दिखाई देते हैं, साथ ही गर्मी के लंबे मौसम के बाद नए पत्ते दिखाई देते हैं, पूरा वातावरण हरा-भरा है, जो आंखों को राहत देता है, इस मौसम में, कई अच्छे त्योहार जैसे रक्षा बंधन, 15 अगस्त इत्यादि उपवास हैं. इस मौसम में हम कई ताजा फलों और विशेष रूप से रसदार आमों का स्वाद लेते हैं. मैं इस सीज़न का मज़ा खो देता हूं क्योंकि इस सीज़न में मेरी माँ बारिश के दौरान इडली, चाय, पोडोड आदि बनाती है।

वसंत ऋतु

इस मौसम में सभी खूबसूरत चीजें हुईं, यह मौसम मार्च में शुरू होता है और जून के महीने में समाप्त होता है, इस मौसम में सुंदर फूलों, फसलों, और कई और चीजों का विकास होता है. सीज़न की शुरुआत में, थोड़ी सर्दी होती है और सीज़न के अंत तक यह वातावरण में गर्म हो जाता है. लेकिन तब ज्यादातर लोग इस मौसम को पसंद करते हैं।

वसंत का मौसम हम सभी के लिए एक ख़ुशी लेकर आता है, भारत में वसंत का मौसम मार्च, अप्रैल और मई के महीनों में आता है, यह सर्दियों के तीन महीनों की लंबी अवधि के बाद आता है, जिसमें लोगों को ठंड और ठंड से राहत मिलती है, मौसम में हर जगह हरे पेड़ों और फूलों के कारण, तापमान में नमी और चारों ओर हरियाली और रंगीन होती है. एक के इंतजार के बाद, वह समय आ गया है जब हम हल्के कपड़े पहनना शुरू कर सकते हैं और हमेशा घर से बाहर जा सकते हैं। छोटे बच्चे पतंग उड़ाते हैं इस मौसम की शुरुआत में, होली का त्योहार तब आता है जब वे होली के साथ सभी रंगों और पानी के साथ इस मौसम का आनंद लेते हैं।

अन्य सीजन

अन्य सीज़न जिस पर भारतीय को कोई विचार नहीं है, वह भी बहुत अच्छा है और भारतीय इन सीज़न को पसंद करते हैं. यही कारण है कि भारतीय किसी भी तरह के वातावरण में छोड़ सकते हैं. भारतीय को पर्यावरण में समायोजित करने के लिए बस कुछ ही दिनों की आवश्यकता होती है, और वे इसमें समायोजित हो जाते हैं जो किसी भी समस्या का सामना नहीं करते हैं।