आज पूरा विश्व आतंकवाद से पीड़ित है, आतंकवाद का राक्षस अपनी आंतों में पूरी दुनिया को समा चुका है. पिछले कुछ दशकों में आतंकवाद विश्व के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती बन के उभरा है. धीरे-धीरे यह दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले चुका है, हर वर्ष हजारों लोग इसके कारण अपने प्राणों से हाथ धो बैठते हैं. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता बल्कि आतंकवाद खुद एक धर्म बन चूका है, आज के समय में आतंकवाद के चलते अनगिनत लोगों का घर-बार उजड़ चूका है. आतंकवाद से मानव जीवन समाप्त होने के साथ-साथ धन- संपत्ति का भी नाश होता है और इससे हमारा समाज अस्त-व्यस्त हो जाता है. आतंकवाद के कारण देश और दुनिया में भय का माहौल बना हुआ है. आतंकवाद मानवता और सभ्य समाज के लिए एक बड़ा कलंक है. भारत में आतंकवाद का एक लंबा इतिहास रहा है. यह उन आतंकवादी समूहों द्वारा कायरतापूर्ण कार्य है जो देश की शांति को भंग करना चाहते हैं. इसका उद्देश्य लोगों में दहशत की स्थिति पैदा करना है. वे देश को समृद्ध होने से रोकने के लिए लोगों को निरंतर भय की स्थिति में रखना चाहते हैं. समय-समय पर, वे लोगों को उस भय की याद दिलाने के लिए आतंकवादी कार्य करते हैं, जो वे चाहते हैं कि वे उसमें रहना चाहते हैं. नतीजतन, लगभग 100 आतंकवादी कोशिकाएं हैं जो भारत में चल रही हैं. उन्होंने नागरिकों के बीच तनाव का माहौल सफलतापूर्वक बनाया है. आतंकवाद देश को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और इसके खतरनाक परिणाम हैं।
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भारत में आतंकवाद पर निबंध 1 (150 शब्द)
आतंकवाद भारत की प्रमुख सबसे बड़ी समस्या है, जिसने भारतीय शासन-व्यवस्था को जर्जर कर दिया है. जैसा की आप सभी जानते है, आतंकवाद ने भारत की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक आदि परिस्थितियों को प्रभावित किया है. अत: इसे दूर करना अत्यधिक आवश्यक है, दोस्तों आतंकवादी समूहों का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच आतंक पैदा करना होता है, और वे लोगों को निरंतर इसी डर और खौफ के साथ देखना पसंद करते हैं, तथा इस उद्देश्य पुरा करने के लिए वो समय-समय पर विभिन्न छोटी-बड़ी आतंकवादी गतिविधियां करते रहते हैं. आतंकवाद एक घिनौना कृत्य है क्योंकि यह आम नागरिकों को निशाना बनाता है. आतंकवादी अपने विरोधियों से सीधे कभी नहीं लड़ते , वह छुप के वार करते हैं. उनका हमला ज्यादातर निहत्थे और मासूमों पर ही होता है. वो ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को मारकर अपनी बात दुनिया के सामने रखना चाहते हैं. भारत में लगभग 100 से भी अधिक आतंकवादी संस्थाए चल रही हैं और वे देश में तनाव और भय का माहौल उत्पन्न करने में सफल भी हो रही हैं. इन आतंकवादी समूहों द्वारा कई Terrorist activities की गई हैं. भारत अपने पड़ोसी देश द्वारा मुख्य रूप से पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्यों से बहुत हानि हुई है।
आतंकवाद पृथ्वी पर सबसे घृणित और दुष्ट अपराध है जहां कुछ समूह, पार्टी या धर्म से संबंधित लोग एक क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करने और डराने की कोशिश करते हैं. आतंकवादी लोगों को मारते हैं. उन पर अत्याचार करते हैं और सरकार को प्रभावित करने के लिए लोगों के खिलाफ सभी प्रकार के अपराध करते हैं. आतंकवाद गैर कानूनी कार्य है, जिसका मकसद आम लोगों के अंदर हिंसा का डर पैदा करना है. आतंकवाद एक शब्द मात्र नहीं है, यह मानव जाति के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है, जिसे मानव ने खुद निर्मित किया है, आज के समय में भी हर साल लाखों आतंकवाद के चलते अपनी जान गवाते है, कोई भी एक इन्सान या समूह मिलकर यदि किसी जगह हिंसा फैलाये, दंगे फसाद , चोरी, बलात्कार, अपहरण, लड़ाई-झगड़ा, बम ब्लास्ट करता है, तो ये सब आतंकवाद है. आतंकवाद का आज प्यूरी दुनिया की समस्या बन चूका है. आतंकवादियों को दूसरों के साथ किसी भी प्रकार की सहानुभूति या दया नहीं है और वे केवल उनकी कट्टरपंथी विचारधाराओं और विचारों के बारे में चिंतित हैं, आतंकवाद का मुद्दा दिन-प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है और पूरी दुनिया ने इसके प्रभावों का सामना करना शुरू कर दिया है. आतंकवाद सार्वभौमिक भाईचारे, शांति और मानवता के खिलाफ है और इसे मानवता को बचाने के लिए जल्द से जल्द नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
भारत में आतंकवाद पर निबंध 2 (300 शब्द)
आतंकवाद शब्द का तात्पर्य ऐभय एवं चिंता की स्थिति, इसका उद्देश्य है हिंसा द्वारा जनता में आतंक फैलाकर अपनी शक्ति प्रदर्शित करना, और साथ ही साथ अपनी सही और गलत हर बातों को सरकारों से मन वाना है. भारत में ही नहीं अपितु आज विश्व स्तर पर आतंकवाद की समस्या प्रमुख है. भारत में यह भयंकर रूप धारण किये हुये है, भारत में नक्सलवादीयों के रूप में पहली बार आतंकवाद को देखा गया था. 1967 में पहली बार बंगाल के क्षेत्र में कुछ लोग उग्र हो गए थे, अपनी बात मनवाने के लिए वे नक्सलवादी बनकर सामने आये थे. आज भी भारत देश में आतंकवादी अपने तुच्छ स्वार्थो की पूर्ति हेतु निरीह लोगों की हत्यायें कर रहे हैं. भारतीय लोकतन्त्र को कमजोर बना रहे हैं, पंजाब, जम्यू-कश्मीर, असम, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, आध प्रदेश आदि राज्यों में आतंकवाद के अनेक कारण हैं. अत: इन कारणों का अध्ययन कर इर्न्हे दूर किया जाना अति आवश्यक है तभी भारत से आतंकवाद की समस्या को समाप्त किया खा सकता है. भारत में व्यापक प्रसार आतंकवाद के कई कारण हैं, जैसा की आप सभी जानते है, भारत एक लम्बे समय से आतंकवाद से लड़ रहा है, और इस पर काफी हद तक काबू पाने में कामयाब भी रहा है, आतंकवाद के चलते है, हमारे देश ने लाखों वीरों की कुर्बानी दी है, दोस्तों भारत में मुख्य रूप से चार प्रकार के आतंकवाद हैं. इसमें धार्मिक आतंकवाद, नार्को आतंकवाद, वामपंथी आतंकवाद और एथनो-राष्ट्रवादी आतंकवाद शामिल हैं. विभिन्न आतंकवादी संगठनो से जुड़े आतंकवादी अलग-अलग कारणों से एक जुट हो सकते हैं, परन्तु उनके अधीन चल रहे सभी Terrorist organizations का मुख्य उद्देश्य समान ही होता है और यह आम जनता के बीच बड़े स्तर पर भय और दहशत पैदा करने के लिए सदैव तैयार रहते है।
भारत में आतंकवाद का प्रभाव
जैसा कि पहले चर्चा की गई, आतंकवाद का किसी भी देश पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. जब हम भारत जैसे विकासशील देश को देखते हैं, तो यह सब अधिक हानिकारक होता है. सबसे पहले, यह नागरिकों में आतंक की स्थिति पैदा करता है. बम विस्फोट या गोलीबारी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती है. यह विभिन्न नागरिकों की असामयिक मृत्यु का कारण बनता है या उन्हें विकलांग बना देता है. चिंता और भय को बहुत हद तक अपने जीने के तरीके को सीमित करना पड़ता है. इसके अलावा, पर्यटन उद्योग पर आतंकवाद का बड़ा प्रभाव है. जैसा कि पर्यटक उन स्थानों पर जाने से बचते हैं जो आतंकवादी हमलों की चपेट में आते हैं, पर्यटन उद्योग को झटका लगता है. भारत एक ऐसा देश है जो पर्यटन से अपने राजस्व का एक बहुत कमाता है. जब ये हमले होते हैं, तो वे पर्यटकों के बीच डर पैदा करते हैं. जो लोग यात्रा करने की योजना बना रहे हैं वे अपनी यात्राएं रद्द कर देते हैं. इसी तरह, वर्तमान में रहने वाले अपनी यात्रा को छोटा कर देते हैं और छोड़ देते हैं।
इसके अलावा, आतंकवादी हमले भारत के विदेशी निवेशकों में संदेह की भावना पैदा करते हैं. आखिर, कौन देश आतंकवाद से पीड़ित देश में निवेश करना चाहेगा? वे जोखिम से बचते हैं और इसके बजाय सुरक्षित विकल्प चुनते हैं. यह उनके आधार पर भारत के व्यापार को भारी झटका देता है. इस प्रकार, यह अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है. जैसा कि आतंकवादी हमलों में जान-माल की हानि होती है, पुनःपूर्ति में बहुत अधिक पूंजी लगती है. इसके परिणामस्वरूप लोगों को सुरक्षित वातावरण के लिए विदेश जाने के लिए देश छोड़ना पड़ता है. इससे भारत को बहुत से संभावित डॉक्टर, इंजीनियर, कलाकार और बहुत कुछ खोना पड़ता है।
भारत में कुछ मुख्य सक्रिय आतंकवादी समूह
भारत में कुछ मुख्य सक्रिय आतंकवादी समूह जिनके बारे में हमने नीचे बताया है –
लश्कर-ए-तैयबा
यह एक पाकिस्तानी आतंकवादी समूह है जो भारत के जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में भी काम कर रहा है. यह कहा जाता है कि यह पाकिस्तान द्वारा वित्त पोषित है और भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है।
माओवादी
यह आतंकवादी समूह वर्ष 2004 में वामपंथी आतंकवादियों और भारत सरकार के बीच वार्ता के बाद नक्सली समूहों के विलय द्वारा बनाया गया था।
यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम
यह एक बहुत ही खुखार आतंकवादी सगठन है, यह आतंकवादी समूह भारतीय राज्य असम में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है. इसमें भारत देश के लाखों लोगों की जान ली है, विडंबना यह है कि भले ही ये आतंकवादी समूह बम धमाकों और उनके द्वारा की गई अन्य आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाते हैं, लेकिन ज्यादातर बार सरकार उन तक पहुंचने और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने में सक्षम नहीं होती है।
भारत में प्रमुख आतंकी हमले
भारत ने समय के साथ कई आतंकी हमलों का सामना किया है. उनमें से सबसे बुरा निश्चित रूप से 26/11 का आतंकवादी हमला है जो मुंबई में हुआ था. आतंकवादियों ने नरीमन हाउस, होटल ओबेरॉय ट्राइडेंट और होटल ताज जैसी प्रसिद्ध जगहों पर कब्जा कर लिया, उन्होंने लगभग 170 लोगों को मार डाला और लगभग 300 लोगों को घायल कर दिया. ये सभी पीड़ित पुलिस अधिकारी, सुरक्षाकर्मी या पर्यटक थे. मुंबई ट्रेन विस्फोट भी बहुत घातक थे. वे मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए और सात रेलवे स्टेशनों पर हुए, इसने 210 लोगों की जान ले ली और 715 लोगों को घायल कर दिया. भारतीय संसद हमला भी बहुत आश्चर्यजनक था. चूंकि संसद सबसे सुरक्षित इमारतों में से एक है. आतंकवादी तीन संसद स्टाफ सदस्यों और छह पुलिस अधिकारियों को मारने में कामयाब रहा. यह चौंकाने वाला है क्योंकि एक चमत्कार यह बताता है कि इतनी सुरक्षित जगह कैसे हमला कर सकती है. संक्षेप में, भारत में आतंकवाद को देश की सुरक्षा और इसे समृद्ध बनाने में मदद करने के लिए मिटाने की जरूरत है।
भारत में आतंकवाद पर निबंध 3 (400 शब्द)
आतंकवाद बीसवीं शाताम्दी का सबसे बड़ा अभिशाप रहा है, लगभग प्यूरी दुनिया कभी न कभी इसका दर्द झेल चुकी है, दुनिया के कई भाग आतंकवाद के तांडव का खामियाजा भुगत रहे हैं, किन्तु दुनिया की सरकारें इस पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर पाने में सफल नहीं हो पायी हैं, आतंकवाद का सबसे पीड़ादायक पहलू यह है, कि हजारों निर्दोष लोग इसका शिकार बन रहे हैं, वर्तमान में भी आतंकवाद सिर्फ भारत की ही समस्या नहीं है, हमारे पड़ोसी देश, और विदेश सभी जगह की सरकारें इससे निपटने के लिए भरपूर कोशिश में लगी हुई है. आतंकवाद आज प्यूरी दुनिया के सामने गम्भरी समस्या है, अगर हम बात करे कुछ सबसे बड़ी आतंकवादी गटनाओ की तो विश्व का आज-तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का माना जाता है. 11 सितम्बर 2001 में, विश्व के सबसे शक्तिशाली देश के सबसे ऊँची ईमारत पर ओसामा बिन लादेन ने आतंकवादी हमला करवाया था. जिसके चलते लाखों का नुकसान हुआ और हजारों-लाखों लोग मलबे के नीचे दब के मर गए थे. अमेरिका जैसे देश पर जब यह हमला हुआ तो इसके चलते है सारी दुनिया दहशत में आ गया थी, दोस्तों अमेरिका दुनिया की सबसे पावर फुल कंट्री है, और जब ऐसे देश पर भी आतंकवादी हमला हो सकता है तो फिर किसी भी देश का डरना जरूरी बनता है, लेकिन अमेरिका ने अपने सबसे बड़े दुश्मन को बड़े फ़िल्मी तरीके से मारा था. अमेरिका वालों ने ओसामा को मारने के लिए एक ओपरेशन किया था. उसने उसके घर पाकिस्तान में घुस कर उसे मार डाला था, और ये सब रिकॉर्ड हो रहा था, जिसे अमेरिका की सरकार लाइव बैठ कर देख रही थी. 2015 में पाकिस्तान में करांची के स्कूल में कुछ आतंकवादी घुस गए थे और उन्होंने अंधाधुंध गोलियां चलाई थी. जिससे कई बच्चे टीचर मारे गए थे. कहते है, पाकिस्तान का आतंकवाद में सबसे बड़ा हाथ है, लेकिन खुद पाकिस्तान इसके दुष्प्रभाव से अछुता नहीं है।
आज भारत गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और आतंकवाद जैसी कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहा है. हर समस्या को हल करना बहुत आसान है लेकिन Terrorism के लिए, कोई समाधान नहीं है। आतंकवाद एक ऐसी बीमारी है जो हमारे देश के हर कोने में फैल रही है. आतंकवाद की समस्या अब वैश्विक स्तर पर फैल गई है, जिसके कारण कई अवैध, अमानवीय और हिंसक कार्य हो रहे हैं, जिससे आम लोगों के मन में भय पैदा हो रहा है, भारत में भी आतंकवाद ने काफी तबाही मचाई है .पूर्वोत्तर क्षेत्र के असम ,नागालैंड ,मेघालय और मिजोरम को Terrorism का सामना करना पड़ा है .पंजाब में खालिस्तान के नाम से अलग राष्ट्र बनाने की मुहीम ने राज्य में लगभग एक दशक तक उथल पुथल मचाये रखी थी .आज के समय कश्मीर में Terrorism की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है .भारत में हर व्यक्ति आतंकवादियों के हाथों सताए जा रहे लोगों के डर और दुर्दशा से वाकिफ है. 2001 में देश के सबसे सुरक्षित इमारत, संसद भवन में दिन दहाड़े Terrorist घुस गए थे. पुलिस व सुरक्षाकर्मी के साथ लम्बी मुठभेड़ के बाद आतंकवादीयों को मार गिराया गया था. इस दौरान पूरी संसद में दहशत का माहोल था, चारों तरफ अफरा तफरी थी. 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेन को निशाना बनाया गया था, 11 min के अन्तराल में 7 बम ब्लास्ट किये गए थे, जिससे कई बच्चे, बूढ़े, महिला, नौजवान की जान गई थी.
अगर हम बात करे मुंबई के होटल में हुवे बम्ब धमाकों की तो 2008 में मुंबई की होटल ताज व ओबरॉय में Terrorist घुस गए थे, और कई दिनों तक वहां पर लोगों को बंदी बना कर रखा था. हमारे देश के लिए यह बहुत ही गम्भरी समय था जिसको फेस करना हमारी सरकार के लिएएक बड़ा चैलेंज था. ताज होटल में घुसे Terrorist अपनी मांग पूरी करवाना चाहते थे. लम्बी मुठभेड़ के बाद 1 Terrorist को मार गिराया गया था, तथा दुसरे कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था. कसाब को 2012 में फांसी की सजा हुई थी. कश्मीर को लेकर भारत Pakistan की लड़ाई अब बड़ा रूप ले चुकी है. 1999 में Kargil की लड़ाई इसी का रूप थी, Pakistan के तरफ से शुरू हुआ युद्ध को भारत ने अपनी जीत के साथ ख़त्म किया था. कश्मीर को भारत में Terrorism का गढ़ माना जाता है, यहाँ आये दिन कोई न कोई हलचल होती रहती है. धरती का स्वर्ग कश्मीर में आज लोग जाने से डरते है, निर्देशक यहाँ फिल्म की Plan बनाते है, लेकिन दंगों के चलते वे पूरी ही नहीं हो पाती है. यहाँ आम जनता के साथ साथ, हमारे सैनिक भी मारे जाते है।
आतंकवाद ने भारत में बहुत तबाही मचाई है. पूर्वोत्तर क्षेत्र में असम, नागालैंड, मेघालय और मिज़ोरम में आतंकवाद का सामना करना पड़ा है. कश्मीर में आतंकवाद की समस्या हमेशा कहर के रूप में है, 26-11-2008 के हमले जैसी कई घटनाओं में आतंकवादियों ने मुंबई शहर पर हमला किया, जहां कई लोगों की जान चली गई थी. भारत में प्रत्येक व्यक्ति आतंकवादियों द्वारा सताए जा रहे लोगों के डर से अवगत है. आतंकवाद को खत्म करने के लिए सबसे पहले हमारे धर्म को ठीक से समझना जरूरी है. आज के समय में, जातिवाद के बारे में मनुष्यों के मन में ऐसी स्थिति आ गई है कि वह धर्म पर मानवता के बारे में नहीं सोचते हैं. धर्म हमें अच्छी बातें सिखाता है, लेकिन शिक्षा हमें मानवता सिखाती है. मानवता को हमेशा धर्म और जाति से ऊपर रखा जाना चाहिए, तभी हम इस समस्या का निदान कर पाएंगे, यदि आप चाहते हैं कि आपकी भावी पीढ़ी आतंकवाद से दूर रहे, तो यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें एक अच्छी शिक्षा दी जाए, एक अच्छी शिक्षा व्यक्ति को सही और गलत के बीच के अंतर की समझ देती है. आज, हर कोई आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए कई चीजें बनाता है, लेकिन बहुत कम लोग उन चीजों को अंजाम दे पाते हैं. अगर हम आतंकवाद पर विजय पाना चाहते हैं, तो यह आवश्यक है कि हम साथ मिलकर काम करें. आतंकवाद किसी देश की बीमारी नहीं है बल्कि दुनिया भर में एक समस्या है. इससे निपटने के लिए यह आवश्यक है कि हम सभी एक साथ इकट्ठा हों और धर्म के बजाय मानवता को देखते हुए आगे बढ़ें।
भारत ने आतंकवाद के कारण लाखों नागरिकों के प्राण गवाएँ है. आज भी यह ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है, अब भारत को चाहिए कि आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएँ | आतंकवाद का सामना हमारी सरकार को करना ही होगा आज हमारी सरकार को आतंकवाद विरोधी कानूनों को दोबारा बनाने की जरुरत है. हमारे सशस्त्र बालों का आधुनिकीकरण भी जरुरी है ताकि वो आतंकवादियों का मुकाबला कर उन्हें ख़त्म कर सके, भारत की गुप्तचर संस्थाओं को अधिक सक्रिय होना पड़ेगा. आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार को चाहिए की वह आपने पड़ोसी मुल्को के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकले, आतंकवादी को ख़त्म करने के लिए हमारी सरकार चाहिए की वो आतंकवादी संस्थाओं को जो पैसा और हथियार मिलता है उस ओर रोक लगाए तभी कही जाकर आतंकवाद की कमर टूट सकती है, इस कार्य में हमारी गुप्तचर संस्थाओं का अहम योगदान रहेगा. इसके अलावा भारत की सरकार को चाहिए कि वो देश में धार्मिक कट्टरता फैलने न दे, चाहे वो किसी भी धर्म को क्यों न हो, खाड़ी देशों में फैले आतंकवाद का जूनून धीरे-धीरे भारत में भी पैर पसार रहा है. भारत सरकार को सतर्क होकर ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे ऐसे संगठन भारत में अपना प्रचार न कर पाएँ, अभी कुछ दिनों पहले ही हमारी सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर पर Secret attack कर वहाँ चल रहे 7 आतंक के शिविरों को नष्ट कर दिया है. हमारी सरकार को नियमित रूप से इस तरह के कदम उठाने चाहिए, हमारी सरकार को देश में जितने भी राजनैतिक और सामजिक संगठन हैं, उनसे बातचीत का रास्ता खुला रखना चाहिए, उनकी जायज माँगों को मान लेना चाहिए, सरकार की उदासीनता लोगों में असंतोष पैदा करती है और उनमें से कई आतंकवाद की तरफ मुड़ जाते हैं. यह सरकार की responsibility है, कि देश में एकता बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाए जिससे हमारे शत्रु हमारे देश के लोगों को ही हमारे खिलाफ उपयोग न कर पाए, तभी कही जा कर हम इस समस्या से लड़ सकते है और इस पर आपने काबू पा सकते है।
आतंकवाद एक प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दा है जो पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन के उबरा है. इसका काम लोगों के बीच दहशत पैदा करना है, यह लोगों को कमजोर बनाने के लिए डरा रहा है, ताकि वे फिर से लोगों पर शासन कर सकें, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हल करने की जरूरत है. हमें इसे जड़ से खत्म करने के बारे में सोचना होगा। मानव मन से असाधारण आतंक को हटाने के अलावा, हमें उसके साम्राज्य को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए एक मजबूत नीति तैयार करनी की जरुरत है. आतंकवाद अपने सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण का उपयोग करता है. आतंकवाद एक हिंसक कार्य है जिसे अंजाम देने वाला समूह आतंकवादी कहलाता है. वे बहुत ही सामान्य लोग हैं और वे किसी तरह से कुछ गलत घटनाओं या कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण अपने मन पर नियंत्रण खो देते हैं, जो उनके द्वारा दूसरों के साथ हुई हैं, जो सामान्य या स्वीकृत तरीके से अपनी इच्छाओं को पूरा करने में असमर्थ हैं. यह धीरे-धीरे बनाता है वे समाज के कुछ बुरे लोगों के प्रभाव में आते हैं जहां उन्हें अपनी सभी इच्छाओं को पूरा करने का वादा किया जाता है. वे सभी एक साथ मिलकर एक आतंकवादी समूह बनाते हैं जो अपने राष्ट्र, समाज और समुदाय के लिए लड़ता है. आतंकवाद देश के सभी युवाओं के विकास और विकास को प्रभावित करता है. यह उचित विकास के साथ राष्ट्र को कई वर्षों तक पीछे धकेलता है. आतंकवाद अंग्रेजों की तरह देश पर शासन कर रहा है, जिसके कारण हमें फिर से आजाद होने की जरूरत है. हालाँकि, ऐसा लगता है कि आतंकवाद हमेशा अपनी जड़ें गहरी फैलाएगा क्योंकि राष्ट्र के कुछ अमीर लोग अभी भी अपने अनैतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इसका समर्थन कर रहे हैं।
भारत में आतंकवाद पर निबंध 5 (600 शब्द)
आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समस्या बन गया है। यह एक वैश्विक समस्या है जिसने लगभग सभी राष्ट्रों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है. आतंकवाद केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एक वैश्विक समस्या है. विभिन्न देशों में आतंकवादी समूहों के गठन के कारण कमोबेश भारत में ही हैं. कारणों में मुख्य रूप से सामाजिक-आर्थिक असमानता, भेदभाव / अलगाव, सत्ताधारी पार्टी के कामकाज के प्रति असंतोष, धार्मिक अतिवाद और जातीय राष्ट्रवाद शामिल हैं. यद्यपि कई देश आतंकवाद का सामना करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आज भी कुछ लोगों द्वारा इसका समर्थन किया जा रहा है. आतंकवाद किसी भी समय भयभीत तरीके से आम लोगों को आतंकित करने के लिए एक हिंसक अपराध है. आतंकवादियों के कई उद्देश्य होते हैं जैसे कि समाज में हिंसा का भय फैलाना, राजनीतिक उद्देश्य हासिल करना आदि, इसका मुख्य लक्ष्य हर समय किसी भी देश के नागरीकों को ज्यादा से ज्यादा नुक्सान पहोचाना है. एक विशेष देशों की सरकार से उनकी मांगों की पूर्ति आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य है. लोगों और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए वे ऑनलाइन सोशल मीडिया, अखबारों या पत्रिकाओं से संपर्क करते हैं. कई बार आतंकवादी हमले अपने वैचारिक और धार्मिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए होते हैं।
आतंकवाद से लोगों में डर पैदा होता है, वे अपने राज्य, देश में असुरक्षित महसूस करते हैं. कई बार सरकार आतंकवाद के सामने भी कमजोर दिखाई देती है, जिसके कारण लोग सरकार पर अपना भरोसा खो रहे हैं. आतंकवाद के कारण लाखों की संपत्ति नष्ट हो जाती है, हजारों निर्दोष लोगों की जान चली जाती है. लोगों का विश्वास एक दूसरे में खो जाता है. एक आतंकवादी गतिविधि को देखने के बाद, एक और आतंकवादी भी पैदा होता है. आतंकवाद का एक और दुखद पहलू यह है कि जो लोग इस रास्ते को चुनते हैं वे अक्सर अपने जीवन का बलिदान करते हैं, और लोगों के बीच में हिंसा पैदा करते है, महात्मा गांधी जैसे कई महापुरुषों ने हमें शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाया लेकिन उन पर बहुत कम ध्यान दिया गया।
आतंकवाद लोगों के आतंकवादी समूह की एक गतिविधि है, जिसमें वे किसी भी देश को चोट पहुंचाने की कोशिश करते हैं और यह भारत के लिए भी बहुत बड़ी समस्या है, आज के समय में भी भारत में विभिन्न आतंकवादी समूह हैं जो भारत में संचालित होते हैं लेकिन विभिन्न देशों द्वारा संचालित होते हैं जो भारत में प्रसिद्ध आतंकवादी समूह में से एक है. पाकिस्तानी आतंकवादी समूह है और भारत में जम्मू और कश्मीर के हिस्से में काम कर रहा है, और उसने भारत में जम्मू और कश्मीर के कई हमले किए हैं, और लोगों के विभिन्न जीवन भी मारे हैं. जम्मू-कश्मीर में मौजूद अन्य पाकिस्तानी आतंकवादी समूह हैं, जिन्हें लश्कर ए तालिबान के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने भारत पर विभिन्न आतंकवादी हमले किए हैं, और मानव जीवन को भी अधिक नुकसान पहुँचाया है, माओवादी आतंकवादी समूह भी था जो नक्सली लोगों का एक समूह था और जिसे भारत सरकार ने वर्ष 2004 में तोड़ दिया था. जो भारत के लोगों को राहत देता है और उपयोग करता है। असम में एक आतंकवादी समूह भी है जिसे आप उल्फा नाम दिया गया है जिसका पूर्ण रूप असम का यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट है जो असम राज्य में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है।
आतंकवाद आतंकवादियों द्वारा लोगों को डराने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हिंसा का एक अवैध तरीका है. आज आतंकवाद एक सामाजिक मुद्दा बन गया है. इसका उपयोग आम लोगों और सरकार को डराने के लिए किया जा रहा है, आतंकवाद का उपयोग विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनेताओं और व्यावसायिक उद्योगों द्वारा अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है. आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोगों के समूह को आतंकवादी कहा जाता है. आतंकवाद को परिभाषित करना बहुत आसान नहीं है क्योंकि इसने अपनी जड़ों को गहरा किया है, आतंकवादियों के पास कोई नियम और कानून नहीं है; वे केवल समाज और देश में आतंक के स्तर को बढ़ाने और उत्पन्न करने के लिए हिंसक गतिविधियों का सहारा लेते हैं।
आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समस्या बन गया है. यह एक वैश्विक समस्या है जिसने लगभग सभी देशों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है. हालांकि, कई देश आतंकवाद का मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं; लेकिन अभी भी कुछ लोगों द्वारा इसका समर्थन किया जा रहा है. आतंकवाद एक भयानक समय में आम लोगों को भयभीत करने का एक हिंसक कार्य है. आतंकवादियों के कई उद्देश्य होते हैं जैसे कि समाज में हिंसा फैलाना, राजनीतिक उद्देश्य हासिल करना आदि, उनका लक्ष्य हर समय देश का एक सामान्य नागरिक होता है. आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य किसी विशेष देश की सरकार से अपनी मांगों को प्राप्त करना है. लोगों और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए वे ऑनलाइन सोशल मीडिया, अखबारों या पत्रिकाओं से संपर्क करते हैं. कई बार आतंकवादी हमले उनके वैचारिक और धार्मिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए होते हैं।
भारत एक विकसित देश है जिसने अतीत और वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना किया है, आतंकवाद उनके बीच एक प्रमुख राष्ट्रीय समस्या है. भारत ने भुखमरी से होने वाली मौतों, अशिक्षा, गरीबी, असमानता, जनसंख्या विस्फोट और आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना किया है, जिसने इसके विकास को बुरी तरह प्रभावित किया है. आतंकवाद धर्म, मातृभूमि और आतंकवादियों की अन्य गैर-तार्किक भावनाओं के उद्देश्यों के लिए आम लोगों और सरकार के लिए एक बड़ा खतरा है. आतंकवादी खुद को एक बहादुर सैनिक कहते हैं, हालांकि, वे असली सैनिक नहीं हैं. सच्चे सैनिक कभी भी आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और वे केवल अपने देश को दुश्मनों से बचाने के लिए लड़ते हैं, वास्तव में, असली सैनिक वे हैं जो राष्ट्रीय हित के लिए लड़ते हैं. जबकि आतंकवादी अपने ही उल्टे उद्देश्यों के लिए लड़ते हैं. एक राष्ट्रीय सैनिक अपनी सभी जिम्मेदारियों को समझता है जबकि एक आतंकवादी कभी नहीं करता है. आतंकियों को अपना नाम आतंक शब्द से मिला था, अतीत में, आतंकवाद केवल कुछ क्षेत्रों जैसे जम्मू और कश्मीर तक ही सीमित था; आज, यह लगभग सभी क्षेत्रों में फैल गया है, विशेष रूप से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में, हाल ही में, भारत में एक आतंकवादी हमला मुंबई के नरीमन हाउस और ताज होटल में हुआ, उस हमले ने भारत में कई लोगों की जान ले ली और बहुत आर्थिक नुकसान हुआ।
भारत गरीबी, जनसंख्या वृद्धि, अशिक्षा, असमानता आदि जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, फिर भी आतंकवाद सबसे खतरनाक है जो पूरी मानव जाति को प्रभावित कर रहा है. यह एक बहुत ही डरावनी बीमारी है जो मानसिक और बौद्धिक स्तर पर लोगों को प्रभावित कर रही है, चाहे वह छोटे देशों (आयरलैंड, इज़राइल आदि) में हो या बड़े देशों (अमरीका, रूस आदि) में; ये दोनों स्थान एक चुनौती के रूप में हैं. आतंकवाद, आतंकवादियों के एक समूह द्वारा हिंसक साधनों का उपयोग है, अर्थात, अपने कुछ राजनीतिक, धार्मिक या व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, आज यह दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. आतंकवाद का कोई कानून नहीं है, वे केवल अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के साथ, हर जगह आतंक फैलाने के लिए निर्दोष लोगों या समाज के समूहों पर हमला करते हैं। उनकी मांगें बहुत विशेष हैं, वे केवल वही पूरा करते हैं जो वे चाहते हैं. यह मानव जाति के लिए एक बड़ा खतरा है. वे अपने दोस्तों, परिवार, बच्चों, महिलाओं या बूढ़े लोगों के लिए कभी समझौता नहीं करते हैं। वे केवल लोगों की भीड़ पर बम बरसाना चाहते हैं. वे लोगों पर हमला करते हैं, विमानों को अपहरण करते हैं और अन्य आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. आतंकवादी कम से कम समय में अपने मुख्य क्षेत्रों या देशों में आतंक फैलाने के लिए लक्ष्य बनाते हैं. पहले यह माना जाता था कि आतंकवादी गतिविधियाँ केवल जम्मू और कश्मीर तक ही सीमित थीं, लेकिन अब यह देश के अन्य क्षेत्रों में अपनी जड़ें फैला रही है. देश में सक्रिय विभिन्न नामों के साथ कई आतंकवादी समूह हैं. इसके कार्य के अनुसार दो मुख्य प्रकार के राजनीतिक और आपराधिक आतंकवाद हैं. आतंकवाद कुछ लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित लोगों का एक समूह है. विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक से अधिक आतंकवादी समूह को प्रशिक्षित किया जाता है. यह एक बीमारी की तरह है जो नियमित रूप से फैल रही है और अब इसे कुछ प्रभावी उपचार की आवश्यकता है।
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है. आतंकवाद को एक अधिनियम के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिससे लोगों में घबराहट और भय पैदा हो जाता है. यह दो प्रकार का है – राजनीतिक और आपराधिक आतंकवाद आपराधिक आतंकवाद का सहारा अपराधियों द्वारा लिया जाता है और यह केवल सीमित लोगों या समाज के एक विशेष वर्ग पर टिका हुआ है. हालांकि, सबसे खतरनाक राजनीतिक आतंकवाद है. भारत आतंकवाद से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है. आतंकवादी हमलों के कारण हजारों निर्दोष लोगों को जाना दुखद है. आतंकवाद को रोकना हमारी सबसे पहले प्राथमिकता होनी चाहिए, जैसा की आप सभी जानते है, आतंकवादी-विरोधी एजेंसियों और उनकी उच्च अंत रणनीतियों के गठन के बावजूद, आतंकवादी समूह अभी भी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में सफल होते हैं. आज हमारे नागरिक इसकी चपेट में आज जाते है, दोस्तों सच बात तो यह आतंकवादी हमलों के प्रति भारत सरकार की प्रतिक्रिया कभी उतनी कठोर नहीं रही जितनी होनी चाहिए, इसमें आतंकवादी गतिविधियों के लिए उचित रणनीतिक प्रतिक्रिया का अभाव है और यह आतंकवादी कोशिकाओं को इस तरह की गतिविधियों को निडरता से करने के लिए प्रोत्साहित करता है. आतंकवादी किसी देश या सामाज के हित में नहीं इससे दुनिया को नुक्सान ही पहोचता है, ना की फायदा तो इससे हम सभी एक साथ मिलकर लड़ने की आवश्कता है।