तो आज के इस पोस्ट में आप जानेगे UPS क्या होता है, UPS का full form क्या है, थता ऑनलाइन और ऑफलाइन यूपीएस में क्या फर्क है,(Difference between online and offline UPS in Hindi).
UPS का इस्तेमाल तो हम सभी अपने घरों या ऑफिस में करते है, ताकि बिजली चली जाने पर हमारे कंप्यूटर, लैपटॉप या devices चार्ज होते रहें, यानि वे बंद ना हों। UPS आमतौर पर आपके कंप्यूटर टेबल के नीचे पड़ा अपना काम करता रहता है, जिसका ध्यान हमें अक्सर बिजली गुल हो जाने बाद आता है।
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UPS क्या होता है। What is UPS in Hindi
UPS का full form होता है, Uninterruptible power supply, UPS एक हार्डवेयर डिवाइस है, जिसका कार्य main power fail हो जाने पर बैकअप पावर देना है।
यूपीएस पावर सप्लाई से जुड़ी समस्याओं जैसे law voltage, high voltage या फिर बिजली चली जाने की स्थिति में, कंप्यूटर थता IT उपकरणों को Emergency power प्रदान करता है, ताकि वह एक तय समय तक चल सकें या काम कर सकें।
UPS main power सॉकेट से जुड़ा रहता है, जिससे इसमें लगी बैटरी चार्ज होती रहती है, और जैसे ही main power cut हो जाती है, तो इसमें लगी वह चार्ज बैटरी बैकअप देना शुरू कर देती है, जिससे आपका कंप्यूटर एक तय समय तक चल पाता है, यानि कंप्यूटर को proper तरीके से shutdown करने का समय आपको मिल जाता है।
यूपीएस ना उपयोग करने की स्तिथि में, यदि आप कंप्यूटर पर काम कर रहें हैं, और अचानक बिजली चली जाती है, तो ऐसे में आपका कंप्यूटर बंद हो जाएगा जिसके कारण आपके द्वारा तैयार किया गया data loss होने की पूरी संभावना बन जाती है, और साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम क्रैश थता हार्डवेयर damage भी हो सकता है। इसी लिए हमेशा कंप्यूटर के साथ यूपीएस का भी उपयोग किया जाता है।
यूपीएस दो तरह के होते हैं, offline UPS जिनका उपयोग आमतौर पर हर कोई अपने कंप्यूटर के साथ करता है, और Online UPS जिन्हे अक्सर Corporate के IT सेटअप में उपयोग किया जाता है।
चलिए ऑफलाइन थता ऑनलाइन यूपीएस को एक-एक कर समझते हैं, और साथ ही इनके बीच के फर्क को भी जानते हैं, (Difference between online and offline UPS in Hindi).
Offline UPS क्या है। What is Offline UPS in Hindi
ऑफलाइन UPS का इस्तेमाल आम तोर पर घर या छोटे ऑफिसों में लगे Desktop कम्प्टूयर में होता है, जहाँ पर हर एक डेस्कटॉप के साथ एक अलग UPS का उपयोग किया जाता है।
डेस्कटॉप के साथ लगे एक आम ऑफलाइन UPS में 7-AH की एक या दो बैटरी लगी होतीं हैं, जिनका उपयोग main power चली जाने की स्थिति में ही हो पाता है।
जब Main power उपलब्ध रहती है, तो ऐसे में UPS को दी गई AC Input सप्लाई बाईपास होकर सीधे load पर चली जाती है, यानि मेन पावर सप्लाई होने पर UPS में लगी बैटरी तो चार्ज हो रही होती हैं, लेकिन आउटपुट के लिए या बैकअप के लिए उनका उपयोग नहीं होता है।
लेकिन जैसे ही main पावर Cut हो जाती है, या केह लीजिये बिजली चली जाती है, तो ऐसे में UPS बैटरी mode में shift हो जाता है, और बैटरी द्वारा डेस्कटॉप को बैकअप देने लगता है। ऑफलाइन UPS को standby UPS भी कहा जाता है, और इसे main से बैटरी मोड पर switch होने में लगभग 5ms का समय लग जाता है, जो की एक आम डेस्कटॉप कंप्यूटर को shutdown होने से बचाने के लिए काफी होता है।
Online UPS क्या है। What is Online UPS in Hindi
ऑनलाइन UPS का उपयोग अधिक्तर Corporate के IT सेटअप में किया जाता है, जहाँ पर Critical सॉफ्टवेयर थता Servers लगे होते हैं, जैसे Domain controller, DNS server, Firewall device, Routers इत्यादि या CRM, ERP जैसी applications.
तो यह सभी काफी ज्यादा सवेंदनशील हार्डवेयर थता सॉफ्टवेयर होते हैं, जिनसे कनेक्ट होकर लगातार Users काम करते रहते हैं। इन सर्वर्स या ऍप्लिकेशन्स को 1 सेकंड के लिए भी बंद करना किसी कंपनी के लिए संभव नहीं होता है, यानि इन पर पूरी कंपनी का काम काज निर्भर रहता है।
ऐसे में यदि बिजली की supply में किसी प्रकार की कमी आती है, या power delay या cut हो जाता है, तो सर्वर बंद हो सकते हैं, या crash हो सकते हैं, जिससे कंपनी का काम-काज बांधित हो जाता है, और कंपनी को काफी नुकसान भी हो सकता है।
तो ऐसी किसी भी situation से बचने के लिए ही कॉर्पोरेट में Online UPS का उपयोग किया जाता है। ऑनलाइन UPS भी दो तरह के होते हैं।
पहला जिसमे UPS के भीतर ही Battery लगी होतीं हैं, जिन्हे किसी एक सर्वर के लिए उपयोग में लाया जाता है, और इसमें 7-ah की 2 या 5 बैटरी तक लगी हो सकती हैं।
दूसरा जिससे की पुरे IT infrastructure को पावर दी जा सकती है। इस प्रकार के UPS में battery’s को बाहर अलग से रखा जाता है, और इसमें लंबे समय का बैकअप लेने के लिए battery’s की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।
इस प्रकार के यूपीएस में 18-ah, 26-ah या 42-ah इत्यादि क्षमता की battery’s को जोड़ा जा सकता है, यानि जितने अधिक बैकअप की आवश्यकता होती है, उसी अनुसार बैटरी लगाई जा सकती है।
Online UPS में दी गई AC input DC में convert होकर पहले battery’s को चार्ज करती है, और बैटरी से DC पावर pass होकर फिर से AC में convert हो जाती है, और AC load पर यानि output पर चली जाती है।
ऑनलाइन UPS हेमशा बैटरी पर ही चलता रहता है, तो इसमें बिजली चली जाने पर भी किसी प्रकार का Switch नहीं होता है, यानि बैटरी हेमशा एक्टिव mode में रहती है, जिससे इसमें time delay नहीं होता है, और सर्वर या कम्प्यूटरों को लगातार पावर मिलती रहती है।
Difference between online and offline UPS in Hindi
इन दोनों के बीच में निम्नलिखित मुख्य फर्क हैं।
Online UPS | Offline UPS |
यह पावर को हमेशा बैटरी के द्वारा ही सप्लाई करता है। | यह पावर को बाईपास कर सीधे तोर पर सप्लाई कर देता है। |
इसमें current हमेशा बैटरी के द्वारा ही ट्रांसफर होता है। | इसमें सिर्फ main पावर चली जाने की स्तिथि में ही बैटरी का उपयोग होता है। |
ऑनलाइन UPS में स्विचिंग नहीं होती है, यानि टाइम delay नहीं होता है। | इसमें main power चली जाने पर स्विच होता है, जिससे टाइम delay होता है। |
Online UPS मेहंगा आता है। | ऑफलाइन UPS की कीमत ऑनलाइन यूपीएस की तुलना में कम होती है। |
इसका उपयोग Critical हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर या इलेक्ट्रॉनिक equipment’s के बैकअप के लिए किया जाता है। | इसे सामान्य बैकअप के लिए उपयोग किया जाता है। |
Online यूपीएस में क्योंकि बैटरी हमेशा उपयोग में रहती है, तो इसकी battery life कम होती है। | ऑफलाइन यूपीएस में बैटरी कम उपयोग होती है, तो इसकी battery life ऑनलाइन की तुलना में थोड़ा ज्यादा होती है। |
अंतिम शब्द
दोस्तों अपने पढ़ा Online थता Offline UPS क्या होता है, थता इनके बीच क्या difference है। इस पोस्ट से आपको यह भी जानकारी हो गई होगी की दोनों प्रकार के यूपीएस का क्या उपयोग है, थता इन्हे कहाँ उपयोग किया जा सकता है। हमें उम्मीद है, दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, धन्यवाद।