नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आपको PKI यानि Public Key Infrastructure की जानकारी पढ़ने को मिलेगी,जैसे की PKI क्या है,PKI in Hindi,और साथ ही जानेंगे इसका क्या कार्य है।
PKI को समझने से पहले आपको Encryption को समझना होगा,यानि एन्क्रिप्शन क्या होता है। अगर साधारण शब्दो में कहें तो यह एक प्रकार की Security key होती है, जिसका इस्तेमाल डाटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।
एन्क्रिप्शन द्वारा डाटा के असल रूप में बदलाव हो जाता है,जिसे समझना या पढ़ना किसी के लिए भी संभव नहीं होता है। और यदि इसे पढ़ना हो,यानि फिर से डाटा को उसके असल रूप में लाना हो, तो आपके पास इसकी Key होनी चाहिए जिसके द्वारा ही इसे Decrypt किया जा सकता है। अब जानते हैं PKI क्या है।
PKI क्या है। What is PKI in Hindi
PKI (Public Key Infrastructure) में Keys और Certificates को मैनेज किया जाता है। यह एक प्रकार का इंटरनेट एन्क्रिप्शन है,जिसके द्वारा इंटरनेट पर User’s और कंप्यूटर के बीच होने वाले डाटा के आदान-प्रदान को सुरक्षित रखा जाता है,यानि एक User और Server (Website) के बीच होने वाले कम्युनिकेशन को PKI के माध्यम से Protect किया जाता है।
Public Key Infrastructure के अंतर्गत कुछ Rules,Policies और Procedures आते हैं,जिनकी मदद से एक User इंटरनेट पर अपने द्वारा भेजे जा रहे डाटा को Encrypt और Sign कर सकता है। और एक Digital Certificate issue कर सकता है,जिससे की एक Secure कनेक्शन बन सके और data के Source को Identify किया जा सके।
वैसे तो बिना PKI के भी किसी संवेदनशील डाटा को एन्क्रिप्ट कर इंटनेट द्वारा भेजा जा सकता है,लेकिन उसमे User की Identity को सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है।
आज के समय में Web browser,Online Shopping,Banking sites,Online Money Transfer इत्यादि सभी में PKI, Public Key Infrastructure का इस्तेमाल किया
जाता है।
जैसे की आपने ऊपर पढ़ा PKI एक एन्क्रिप्शन है,इसे आप Cyber security का एक ढांचा भी कह सकते हैं,जिससे इंटरनेट पर Server (Website) और Client के बीच के कम्युनिकेशन को सुरक्षा मिलती है।
PKI इंफ्रास्ट्रक्टर पूरी तरह से डिजिटल सिग्नेचर टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है,इसकी कार्यप्रणाली में दो अलग Cryptographic Keys का इस्तेमाल किया जाता है,जिसमे पहली है Public Key और दूसरी है Private Key.
कम्युनिकेशन कर रहे दोनों पार्टियों यानि सर्वर और यूजर दोनों के पास अपनी Public और Private Key होती हैं। Public Key हर कोई प्राप्त कर सकता है,जो भी Server (Website) से कनेक्ट है,और Private key को गुप्त (Secret) रखा जाता है।
Public key द्वारा एन्क्रिप्ट किए गए डाटा को उसकी Private Key से डिक्रिप्ट किया जा सकता है,और यदि Private Key का इस्तेमाल डाटा को एन्क्रिप्ट करने के लिए किया जाता है,तो ऐसे में Public key के द्वारा उसे डिक्रिप्ट किया जा सकता है।
तो इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के कम्युनिकेशन या डाटा ट्रांसफर के दौरान PKI के द्वारा User Identity को verify किया जाता है,और डाटा कम्युनिकेशन के लिए एक सुरक्षित मार्ग तैयार किया जाता है।
Pki (Public Key Infrastructure) के Components.
Public Key :- यह एक क्रिप्टोग्राफ़िक key होती है,जिसे किसी के साथ भी शेयर किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल Private Key द्वारा एन्क्रिप्टी डाटा को डिक्रिप्ट करने के लिए किया जाता है।
Private Key :- प्राइवेट key का इस्तेमाल Recipient द्वारा किसी मैसेज को डिक्रिप्ट करने के लिए किया जाता है,जिसे उस से जुड़ी Public Key द्वारा एन्क्रिप्ट किया गया हो।
Certification Authority (CA) :- सर्टिफिकेशन अथॉरिटी यानि CA द्वारा यूजर या क्लाइंट को सर्टिफिकेट issue और Revoke किया जाता है,जिसमे User Name,Public Key और दूसरी Identifiable information होती है,सर्टिफिकेट issue करने से पहले CA यूजर की identity को वेरीफाई करती है।
Registration Authority (RA) :- RA को CA के Subordinate के रूप में जाना जाता है,जब भी कभी Digital Certificate को वेरीफाई करने की request generate होती है,तो वह Request सीधे (RA) के पास जाती है। और उसके बाद RA उस पर फैसला लेता है।
Certificate Database :- सर्टिफिकेट डेटाबेस द्वारा Certificates का रिकॉर्ड स्टोर किया है।
Digital Certificate :- यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्टिफिकेट के रूप में किसी User, Organisation या Computer) की डिजिटल पहचान होती है,जिसमे उनकी Identity को Public key में Bind किया जाता है,इस लिए इसे Public Key सर्टिफिकेट भी कहा जाता है।
दोस्तों आपने पढ़ा PKI क्या है,PKI in Hindi और हमें उम्मीद है,PKI से जुड़ा यह पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा,यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी है,तो निवेदन ही की इसे अपने मित्रों को भी शेयर करें धन्यवाद।