आप यंग हैं, कालेज जाते हैं तो घुर्र-घुर्र करते बाइक दौड़ाने का शौक न हो, ऐसा तो नहीं ही होगा। बाइकों का क्रेज इस वक्त यंग जेनरेशन में जबरदस्त है। कई यूथ को महंगी बाइकें, कारें खरीदने का भी शौक होता है। कुछ तो ऐसे हैं जो बाइकों, कारों पर लगाने के लिए खास नंबर भी खरीदते हैं, इसके लिए भले ही उन्हें कुछ भी कीमत अदा करनी पड़े। 18 से कम उम्र वाले इंतजार करते हैं कि कब वह बालिग हों और लाइसेंस लेकर बाइक दौड़ाएं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाइसेंस लेना, नंबर प्लेट लगाना जैसे काम किसके हैं? निश्चित रूप से आपका जवाब होगा RTO। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह RTO होता कौन है RTO full form in Hindi, यह करता क्या है? इसका काम कितना जरूरी है? नहीं, तो यहां नजर डालिए-
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RTO full form in Hindi
RTO की फुल फॉर्म है – Regional Transport Office
RTO in Hindi – रीजनल ट्रांसपोर्ट आफिस
इसे हिंदी में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भी पुकारा जाता है। अव्वल, आम लोगों में आरटीओ ही ज्यादा बोला जाता है।
RTO के काम
1. गाड़ी के लिए नंबर देना –
हर गाडी का एक यूनिक नंबर होता है। यह नम्बर RTO द्वारा ही दिया जाता है। सभी गाड़ियों की प्लेट पर नंबर से पहले एक एरिया कोड भी होता है, जिससे पता चलता है कि गाड़ी किस क्षेत्र की है। मसलन दिल्ली वाले वाहनों के आगे डीएल, उत्तरप्रदेश के वाहनों के आगे यूपी, हिमाचल प्रदेश के वाहनों के आगे एचपी, उत्तराखंड के वाहनों के आगे यूके या जम्मू-कश्मीर की गाड़ियों के आगे जेके लिखा रहता है। जब भी कोई व्यक्ति नया वाहन खरीदता है तो उसे RTO ऑफिस जाकर गाड़ी के कुछ जरुरी कागजात बनवाने पड़ते हैं। नंबर प्लेट का पंजीकरण भी RTO में ही होता है। इसके बगैर अगर आप गाड़ी दौड़ाते हैं तो वह कानूनन जुर्म है।
2. ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना
वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने काम भी RTO ही करता है। लेकिन इसके लिए वाहन चालक को पहले कुछ टेस्ट देने पड़ते हैं। इस दौरान यातायात यानी ट्रैफिक नियमों से जुड़ी जानकारी, गाड़ी चलाने के कुछ बेसिक के बारे में उनसे सवाल होते हैं। वर्चुअल टेस्ट ड्राइव भी कई जगह कराई जाती है। इन टेस्ट को पास करने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस बन पाता है।
3. पाल्यूशन टेस्ट करना
RTO में ही गाड़ी का पाल्यूशन टेस्ट भी होता है। इसके लेवल का पता लगाया जाता है। अधिक प्रदूषण पैदा कर रहे वाहनों का लाइसेंस भी RTO रद्द कर देता है। इसके अलावा गाड़ी की फिटनेस चेक कर प्रमाण-पत्र जारी करने का भी काम RTO में ही होता है।
4. इंश्योरेंस, रोड टैक्स जमा करना
गाड़ी का इंश्योरेंस भी RTO करा देता है। इसके अलावा रोड टैक्स भी यहीं जमा करना होता है। यह गाड़ी के आकार-प्रकार, क्लासिफिकेशन के मुताबिक अलग-अलग निर्धारित होता है।