According to the latest prescribed syllabus for class 11 and class 12 students on the subject Hindustani Music Bhopal by the Central Board of Secondary Education, New Delhi and other equivalent boards, Swara Nidhi i.e. Hindustani Music is being presented to all of you, which you can understand by reading. What is Hindustani Music?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन नई दिल्ली एवं अन्य समकक्ष बोर्ड द्वारा हिंदुस्तानी संगीत भोपाल विषय पर कक्षा 11 एवं कक्षा 12 के विद्यार्थियों के लिए नवीनतम निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार स्वर निधि अर्थात हिंदुस्तानी संगीत आप सभी लोगों को प्रस्तुत किया जा रहा है जिसको पढ़ कर आप समझ पाएंगे हिंदुस्तानी म्यूजिक क्या होता है
Contents
- 1 What is Hindustani music Vocal? (हिंदुस्तानी संगीत वोकल क्या है?)
- 2 Hindustani music vocal content (हिंदुस्तानी संगीत मुखर सामग्री)
- 3 Modern Concept of Hindustani Music Vocal (हिंदुस्तानी संगीत वोकाल की आधुनिक अवधारणा)
- 4 Definition of Hindustani Music Vocal by Scholars(विद्वानों द्वारा हिंदुस्तानी संगीत गायन की परिभाषा)
- 5 Types of Hindustani Music Vocal(हिंदुस्तानी संगीत गायन के प्रकार)
- 6 Importance of Hindustani Music Vocal(हिंदुस्तानी संगीत गायन का महत्व)
What is Hindustani music Vocal? (हिंदुस्तानी संगीत वोकल क्या है?)
Music is made up of two words Sum plus Geet in which Sum means including and Geet means song.
संगीत दो शब्दों से मिलकर बना है सम प्लस गीत जिसमें सम का मतलब होता है सहित तथा गीत का मतलब होता है गाना
Music is that fine art in which man expresses his feelings by means of vocals and sounds. In colloquial language, music is understood to be only singing, but music is called music by combining lyricist and dance, in fact these 3 arts are independent of each other. There is also playing under charity and dance under playing.
संगीत वह ललित कला है जिसमें स्वर और ले के द्वारा मनुष्य अपने भावों को प्रकट करता है बोलचाल की भाषा में संगीत से केवल गायन समझा जाता है परंतु गीत वादी और नृत्य को मिलाकर संगीत कहलाता है वास्तव में यह 3 कलाएं एक दूसरे से स्वतंत्र होते हुए भी दान के अधीन वादन तथा वादन के अधीन नृत्य है
In ancient times, all the three arts were used mostly together. Nritya Vadyanam. The above-mentioned verse of Gita Nivrutti. Therefore, singing proved to be the best of these three. Singing is not possible without a song, that is why a lot of importance has been given to the song, only by chanting. It is very important to have a song that is not complete, the expression by the song is good, that’s why good singers pay more attention to the words of the song, they like to sing those songs whose words are good and soulful.
Hindustani music vocal content (हिंदुस्तानी संगीत मुखर सामग्री)
- Definition of the following Nada, Shruti, Svara, Raga, Mela(Thaat), Anibaddha Nibaddhangana,Varna, Grama, Murchhana, Alankar, Gamak, Khatka, Murki, Kan, Laya Tala. (निम्नलिखित की परिभाषा नाडा, श्रुति, स्वर, राग, मेला (थाट), अनिबद्ध निबधंगन, वर्ण, ग्राम, मुरछाना, अलंकार, गमक, खटका, मुर्की, कान, लाया ताला।)
- Description of the Ragas (रागों का वर्णन)
- Description and Classification of Ragas, Time theory of Ragas, Gharanas. (रागों का वर्गीकरण, रागों का समय सिद्धांत, घराना)
- Recognise the raagas from given passage of Svaras. (स्वरासी के दिए गए अंश से रागों को पहचानें)
- Writing of notation of prescribed songs and talas. (निर्धारित गीतों और तालों के अंकन का लेखन)
- Brief history of ancient Hindustani music with special reference to Sangeet Ratnakar. (संगीत रत्नाकर के विशेष संदर्भ में प्राचीन हिंदुस्तानी संगीत का संक्षिप्त इतिहास)
- Brief history of mediaeval and modern period Hindustani music with special reference to Sangeet Parijat and the work of Pandit bhatkhande. (संगीत पारिजात और पंडित भातखंडे के कार्यों के विशेष संदर्भ में मध्यकालीन और आधुनिक काल का हिंदुस्तानी संगीत का संक्षिप्त इतिहास)
- Contribution and short life sketch of Tansen, Sadrang Pandit, V.N Bhatkhande and Pandit Vishnu Digambar Paluskar. (तानसेन, सदरंग पंडित, वी.एन. भातखंडे और पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर का योगदान और लघु जीवन रेखाचित्र)
- Brief history of dhrupad and Khayal. (ध्रुपद और ख्याली का संक्षिप्त इतिहास)
- Writing of notation of songs and taals. (गीतों और तालों के अंकन का लेखन)
- Biography of musicians Ustad Abdul Karim Khan, Ustad Faiyaz Khan, Pandit Krishna Rao Shankar Pandit, Ustad Bade Ghulam Ali Khan,Thyagaraja, Ustad Allaudiya Khan, Ustad Mushtaq Hussain Khan, Pandit Pannalal Ghosh. (संगीतकारों की जीवनी उस्ताद अब्दुल करीम खान, उस्ताद फैयाज खान, पंडित कृष्ण राव शंकर पंडित, उस्ताद बड़े गुलाम अली खान, त्यागराज, उस्ताद अल्लाउदिया खान, उस्ताद मुश्ताक हुसैन खान, पंडित पन्नालाल घोष)
Modern Concept of Hindustani Music Vocal (हिंदुस्तानी संगीत वोकाल की आधुनिक अवधारणा)
In the modern period, Pandit Bharatkhande Pandit Vishnu Digambar ji has considered these three arts of singing, playing and dancing under music, he said that these three arts are based on each other to some extent, despite being different from each other. Arts are effective only with the help of each other. It is said that under singing is playing and under playing is dance.
आधुनिक काल में ग्रंथ कारों पंडित भारतखंडे पंडित विष्णु दिगंबर जी ने गायन वादन और नृत्य इन तीनों कलाओं को भी संगीत के अंतर्गत माना है इनका कहना था कि यह तीनों कलाएं एक-दूसरे से भिन्न होते हुए भी किसी सीमा तक एक दूसरे पर आधारित है तीनों कलाएं एक दूसरे की सहायता से ही प्रभावशाली होती है कहा जाता है कि गायन के अधीन वादन है और वादन के अधीन नृत्य है
By taking the help of vocal language, rhythm and path, the song expresses the feeling of the human being, the instrument is instrumental in the song and the dance expresses that feeling. word generated double enjoyment so this is the best.
स्वर भाषा ताल और मार्ग का आश्रय लेकर गीत मानव की भावना को व्यक्त करता है वादन गीत का सहायक होता है और नृत्य उस भावना को प्रकट कर देता है कुछेक इन तीनों कलाओं में से गायन को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं और कहते हैं गायन से स्वर जनित और शब्द जनित दोहरा आनंद मिलता है अतः यह सर्वश्रेष्ठ है
Definition of Hindustani Music Vocal by Scholars(विद्वानों द्वारा हिंदुस्तानी संगीत गायन की परिभाषा)
Music is the best means of expressing the compassion of the inner, through which any human being can enjoy music from his soul. Today we understand what different music scholars say about music.
अंतर की करुणा को व्यक्त करने का सबसे उत्तम साधन संगीत है जिसके द्वारा कोई भी मनुष्य अपनी अंतरात्मा से संगीत का आनंद ले पाता है हम आज समझते हैं संगीत के अलग-अलग विद्वान संगीत के बारे में क्या कहते हैं
In the words of Munshi Premchand(मुंशी प्रेमचंदो के शब्दों में)
In the words of Munshi Premchandra, when Manu’s system becomes more courageous and immense, when she does not get any time, she does not find wonder in the lap of crying and sandalwood, then she awakens at the feet of music. That is, the meaning of saying is that music helps even at that time, when a person does not have any support, then that person becomes happy after listening to music.
मुंशी प्रेमचंद्र के शब्दों में मनु व्यवस्था जब और साहस और अपार हो जाती है जब उसे कोई टाइम नहीं मिलता तब वह रूदन और चंदन की गोद में ही आश्चर्य नहीं पाती तब वह संगीत के चरणों में जागृति| अर्थात कहने का मतलब यह है कि संगीत वह समय भी मदद करती है किसी भी मनुष्य की जब मनुष्य के पास कोई सहारा नहीं होता तब वह मनुष्य संगीत को सुनकर आनंद में हो जाता है
In the words of Rabindra Nath Thakur(रवीन्द्रनाथ ठाकुर के शब्दों में)
Rabindranath Tagore writes in his book called Sadhana that music is the best of all arts because in music Shri Dev expresses himself immediately because he is not harassed by any foreign material, music is God’s gift, music is God for old work. It is the gift of dance by the rules, physical formation and communication of beauty and power, playing is useful for the development of the mind, by singing, man attains the same state which yogis achieve through pranayama, music is beneficial for man, that happiness And youth can make life happy by exercise and music Music is the manifestation of joy, only by the mere sound of music one gets natural bliss that does not belong to the world, away from external pomp, even to misery.
रविंद्र नाथ ठाकुर अपनी साधना नामक पुस्तक में लिखते हैं संगीत सब कला में उत्तम कला है क्योंकि संगीत में श्री देव तत्काल ही अपने आप को व्यक्त करता है क्योंकि उसे किसी भी विजातीय पदार्थ की बाधा नहीं सताती संगीत ईश्वरीय देन है संगीत पुरानी वर्क के लिए ईश्वर की देन है नियम से नृत्य करने से शारीरिक गठन और सौंदर्य और शक्ति का संचार होता है वादन मस्तिष्क के विकास के लिए उपयोगी है गायन से मनुष्य उसी अवस्था को प्राप्त करता है जिसको योगी लोग प्राणायाम द्वारा प्राप्त करते हैं संगीत मनुष्य के लिए लाभदायक वह सुखदाई है और नवयुवक व्यायाम तथा संगीत द्वारा जीवन सुखी बना सकते हैं संगीत आनंद का आविर्भाव है संगीत के सुर मात्र से ही मानव विश्व से परे बाहरी आडंबर से दूर दुख कलेश तक से भी संबंध न रखने वाला नैसर्गिक आनंद प्राप्त करता है
Types of Hindustani Music Vocal(हिंदुस्तानी संगीत गायन के प्रकार)
There are mainly two types of music which we call classical music and Bhava Sangeet.
- Classical Music(शास्त्रीय संगीत): Classical music is called that in which there are some prescribed rules of singing, playing and dancing, following which the classical form is not distorted. In classical music, where the rules of the state are followed, the song of the raga is played in the bond of rhythm. Dhrupad Dhamar etc. comes under classical music. (शास्त्रीय संगीत उसे कहते हैं जिसमें गायन वादन और नृत्य के कुछ निर्धारित नियम होते हैं जिसका पालन करने से शास्त्रीय रूप विकृत नहीं होता शास्त्रीय संगीत में जहां राज्य के नियमों का पालन किया जाता है वहां ताल के बंधन में ही राग का गाना बजाना होता है खयाल ध्रुपद धमार आदि शास्त्रीय संगीत के अंतर्गत आते हैं)
- Bhava Music(भाव संगीत): According to classical music there is no restriction in Bhava Sangeet and it does not have any regular scripture. The purpose of Bhava Sangeet is only to make the song feel good to the ears, that’s why artists compose simple songs in the melodious way for the entertainment of the public. If it is understood and liked by the mind, the artist can use any tone with skill in his art and can come to the village in any rhythm, if there is pigmentation, then he can also take the help of classical music. (भाव संगीत में शास्त्रीय संगीत के अनुसार कोई बंधन नहीं होता और ना ही उसका कोई नियमित शास्त्र होता है भाव संगीत का उद्देश्य केवल गीत का कानों को अच्छा लगना है इसलिए ही कलाकार जनता के मनोरंजन के लिए गीतों की मधुर में सरल रचना करते हैं जो सबको समझ में आ जाए और मन को भी भा जाए भाव संगीत में कलाकार अपनी कला कुशलता से कोई भी स्वर प्रयोग कर सकता है और किसी भी ताल में गांव आ जा सकता है रंजकता है तो वह शास्त्रीय संगीत का भी सहारा ले सकता है)
Importance of Hindustani Music Vocal(हिंदुस्तानी संगीत गायन का महत्व)
Musical art is an art of a high order, this art has been worshiped by Lord Krishna himself. He once told the music teacher Narad that O Narada, neither I live in the bank account nor I live in Baikunth nor in the heart of yogis. Rather, I live where my devotees talk about music. Saraswati is the goddess of music. All the gods and goddesses have practiced music. Music is a divine gift for water, through it both mental and physical peace is attained. By doing physical beauty comes formation and communication of the body, playing is useful for the development of the brain, by singing, man attains salvation.
संगीत कला उच्च कोटि की कला है इस कला की उपासना स्वयं भगवान कृष्ण ने की है उन्होंने एक बार संगीत आचार्य नारद से कहा था कि हे नारद ना तो मैं बैंक अकाउंट में रहता हूं ना तो मैं बैकुंठ में रहता हूं और ना योगियों के हृदय में अपितु मैं वहां रहता हूं जहां मेरे भक्तजन संगीत की चर्चा करते हैं सरस्वती संगीत की देवी है सभी देवी देवताओं ने संगीत की साधना की है संगीत पानी भर के लिए ईश्वरीय देन है इसके द्वारा मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार की शांति प्राप्त होती है नियम से नृत्य करने से शारीरिक सौंदर्य में गठन आ जाता है और शरीर का संचार होता है वादन मस्तिष्क के विकास के लिए उपयोगी है गायन से मनुष्य मोक्ष को प्राप्त करता है
Music is a means of entertainment, music gives us joy, fills our consciousness and attracts all living beings by giving them the boon of joy. Strength is received and when the true voice is heard, then the glimpse of God is visible.
संगीत मनोरंजन का साधन है संगीत हमें आनंद देता है हमारी चेतना में स्पूर्थी भर देता है और सभी जीव समूह को आनंद का वरदान देकर अपनी और आकर्षित कर लेता है उस्ताद फैयाज खान संगीत का महत्व दर्शाते हुए कहते हैं संगीत से मनुष्य की उर्दू गामी प्रवृत्तियों को बल मिलता है और जब सच्चा स्वर लगता है तो खुदा की झलक दिखाई देती है
In the end, we can say that music is a senior art, which was made by sages, sages, saints, poets, devotees like Meera made the basic basis of devotion and after attaining salvation, attained salvation and became meaningful, which kings like Ravana and Arjuna worked hard. Received Edition says if there is anything on this earth from heaven, it is music.
अंत में हम ही कह सकते हैं कि संगीत वरिष्ठ कला है जिसे ऋषि मनीषियों ने संत कवियों ने मीरा जैसे भक्तों ने भक्ति का मूल आधार बनाया और मोक्ष प्राप्त कर साधना कर मोक्ष को प्राप्त की और सार्थक बनी जिसको रावण और अर्जुन जैसे राजाओं ने परिश्रम करके प्राप्त किया एडिशन का कहना है इस पृथ्वी पर यदि स्वर्ग से मिली कोई चीज है तो वह संगीत है