Whenever we talk about intelligence, we should understand that it is not permanent, it changes every day and it changes with time, it changes with the situation, it changes with the effect of time, it changes the body of any living being. It is made of earth and by this life the life of the living beings also goes and the living beings also live their life and this is the reason that at different times they keep changing their properties in different ways and by changing the qualities, then the intellect will also change because it is also a part of that one Anu which is formed by the meeting of different Anu of the earth.
जब भी हम बुद्धि की बात करते हैं तो हमें समझना चाहिए कि यह परमानेंट नहीं है यह प्रतिदिन बदलता है और यह समय के साथ बदलता है परिस्थिति के साथ बदलता है समय के साथ समय के प्रभाव से यह बदलता है किसी भी जीवो का शरीर भी इसी धरती के अनु से बना है और इस अनु से जीवो का प्राण भी चलता है और जीव अपने जीवन भी जीते हैं और यही कारण है कि अलग-अलग समय में यह अलग-अलग तरह से अपना गुणधर्म बदलते रहते हैं और गुण बदलने से तो बुद्धि भी बदलेगी क्योंकि यह भी उस एक अनु का पार्ट है जो धरती के अलग-अलग अनु के मिलने से बना है
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When and why does intelligence increase and decrease?
The capacity of this intelligence is different for different living beings and it depends on the environment and situation along with the organisms, if we see any living beings in different situations, if we see them in different environment, then their forbidden condition. By understanding the different situation, you will be able to understand that why a human has different brains, they have different ways of thinking and that is why we should understand that the way we are thinking today. It is not necessary that in future we will be able to think like this because we are all interconnected and if any big change comes then it will affect all of us human race that is why we have to save our human race to save ourselves.
बुद्धि क्षमता कब और क्यों बढ़ता है और घटता है?
यह बुद्धि की छमता अलग-अलग जीवो की अलग-अलग होती है और यह जीवो के साथ-साथ पर्यावरण और परिस्थिति पर डिपेंड करता है किसी भी जीवो को अगर हम अलग-अलग परिस्थिति में देखें अलग-अलग पर्यावरण में देखें तो उनकी मना स्थिति अलग-अलग होती है मना स्थिति को समझने से आप यह समझ पाएंगे कि क्यों किसी मनुष्य की दिमाग अलग अलग होती है उनके सोचने के तरीके अलग-अलग होते हैं और यही कारण है कि हमें यह समझना चाहिए कि हम जिस तरीके से आज सोच रहे हैं यह जरूरी नहीं कि भविष्य में हम ऐसे ही सोच पाएंगे क्योंकि हम सभी आपस में जुड़े हुए हैं और अगर कोई भी बड़ी चेंज आती है तो वह हम सभी मनुष्य जाति पर प्रभाव डालेगी इसीलिए हमें खुद को बचाने के लिए अपने मानव जाति को बचाना होगा
Are we the only humans on this earth who have intelligence?
No, there are many other creatures like human beings who have human-like intelligence and they are also living by making our whole society but we are not able to see them or we are not able to feel them and we are as if we We are able to know only our own, who are similar to us, there are many creatures on this earth who are more intelligent than we believe and they are also living life in their own way, maybe they are able to understand us. Maybe they are able to understand the human race, but we are not able to understand those species, all the creatures on this earth can never be counted because it is not permanent, it keeps changing every moment of time, something new Lives are formed, some new ones deteriorate, some old ones die, some new beings are born, nothing increases intellect to organisms, then nothing decreases the intelligence of living beings and it is changing every moment and likewise we human beings also change. And our intellect is also changing every moment and we cannot know what will happen next because all these things will go on changing according to time and time is changing. to understand and improve oneself.
क्या इस धरती पर सिर्फ हम मानव ही ऐसे हैं जिन्हें बुद्धि है?
नहीं हम मानव जैसे और भी बहुत सारे जीव हैं जिनके पास हम मानव जैसी बुद्धि है और वह भी अपना पूरा समाज बनाकर रह रहे हैं लेकिन हम मानो उन्हें देख नहीं पा रहे या हम उन्हें आभास नहीं कर पा रहे हैं और ऐसे भी हम मानो हम अपने जैसे को ही जान पा रहे हैं जो कि मिलते-जुलते हमारे जैसे हैं बहुत सारे जीव इस धरती पर ऐसे भी हैं जो हम मानो से भी अधिक बुद्धिमान हैं और वह भी अपने तरीके से जीवन को जी रहे हैं शायद वह हमें समझ पा रहे होंगे शायद वह मनुष्य जाति को समझ पा रहे हैं लेकिन हम उन जाति को नहीं समझ पा रहे हैं इस धरती पर जितने भी जीव हैं वह कभी भी गिनी नहीं जा सकती है क्योंकि यह परमानेंट नहीं है यह समय के हर क्षण बदलती रहती है कुछ नए जी बनते हैं कुछ नए जी बिगड़ते हैं कुछ पुराने जी मरते हैं कुछ नए जीव जन्म लेते हैं कुछ नहीं जीवो को बुद्धि बढ़ती है तो कुछ नहीं जीवो की बुद्धि घटती है और यह हर पल बदल रहा है और इसी तरह हम मानव जाति भी हरचंद बदल रहे हैं और हमारी बुद्धि भी हर क्षण बदल रही है और हम आगे क्या होगी इसका कोई पता नहीं लगा सकते क्योंकि यह सभी चीजें समय के अनुसार बदलती चली जाएगी और बदल रही है समय है हम उसी को समझने की और अपने आप को सुधारने की
What do we humans understand only about human beings?
There is only one answer to this, the intelligence that the Supreme Power has provided to us humans is very little intelligence given by that Supreme Power and it is not capable of understanding the conversation among other animals if we The Supreme Power has increased or increased the intelligence of mankind in such a way that we can understand the conversation of other animals, only then we will be able to understand the conversation of other animals, then we will also be able to understand every situation of other animals. The Supreme Power has not given any command on intelligence to us so far and the capacity of our intellect is also very less so that only we are able to understand among ourselves and we are able to understand each other because the Supreme Power The capacity of intelligence which we human being has kept in childhood is equal to.
हम मानव सिर्फ मानव की बात ही क्या समझते हैं?
इसका एक ही जवाब है हम मानव के पास सुप्रीम पावर ने जो बुद्धि अभी तक प्रदान की है वह उस प्राणी वह उस सुप्रीम पावर के द्वारा दिया गया बहुत कम बुद्धि है और यह दूसरे जानवरों के आपस में वार्तालाप को समझने के योग्य नहीं है अगर हम मानव जाति की बुद्धि को सुप्रीम पावर ने इस प्रकार से बढ़ा दिया या बढ़ाएंगे कि हम दूसरे जानवरों की आपस की बात को समझ सके तभी हम दूसरे जानवरों की आपस के वार्तालाप को समझ पाएंगे हम तब दूसरे जानवरों के हर परिस्थिति को भी समझ पाएंगे दरअसल व सुप्रीम पावर ने हम मानो को बुद्धि पर अभी तक कोई भी कमांड नहीं दिया है और हमारी बुद्धि की क्षमता भी बहुत कम है जिससे कि सिर्फ हम अपने में ही आपस में समझ पा रहे हैं और हम आपस में इसलिए समझ पा रहे हैं क्योंकि सुप्रीम पावर ने जो हम मानव जीव की बुद्धि की क्षमता बचपन में रखी है वह बराबर है
If we all humans have the same intelligence then how can some humans become very intelligent?
In fact, all human beings have equal intelligence from their mind. In childhood, all children are of equal intelligence, but children’s intelligence changes according to time and circumstance. Children are born, they are of equal intelligence, but after birth, their intelligence There is a change in the ability, it also depends on the children and the environment of the children also depends on the society of the children, a child knows how to use his mind well and he becomes intelligent, any person if his mind is very good. If we use it healthy, then surely their intelligent ability will keep on increasing, so we should understand what time has brought a difference in intelligence ability and not in childhood.
अगर हम सभी मनुष्य की बुद्धि बराबर है तो कुछ मनुष्य बहुत अधिक बुद्धिमान कैसे हो जाते हैं?
वास्तव में सभी मनुष्य की मस्तिक से बराबर बुद्धि की होती है बचपन में सभी बच्चे बराबर बुद्धि के होते हैं लेकिन बच्चों का इंटेलिजेंस समय और परिस्थिति के अनुसार बदल जाता है बच्चे जन्म लेते हैं वह बराबर बुद्धि के होते हैं लेकिन जन्म लेने के बाद उनकी इंटेलिजेंस क्षमता में बदलाव आता है यह बच्चों पर भी डिपेंड करता है और बच्चों के पर्यावरण बच्चों की समाज पर भी डिपेंड करता है कोई बच्चा अपने दिमाग को अच्छा उपयोग करना जान जाता है और वह इंटेलिजेंट हो जाता है कोई भी व्यक्ति अपने दिमाग को अगर बहुत अच्छे से उपयोग करते हैं स्वस्थ होकर उपयोग करते हैं तो निश्चित रूप से उनकी इंटेलिजेंट क्षमता बढ़ती चली जाएगी तो हमें समझना चाहिए किस समय ने इंटेलिजेंस क्षमता में अंतर लाया है ना कि बचपन में