ICS Full Form In Hindi | जानिए क्या है ICS, पूरी जानकारी

ICS Full Form in Hindi, ICS Ka Pura Naam Kya Hai, ICS क्या है, ICS Ka Full Form Kya Hai, ICS का Full Form क्या है,  ICS meaning, ICS क्या क्या कार्य होता है। इन सभी सवालों के जबाब आपको इस Post में दिया जाएगा।

दोस्तों! यदि आप अब तक नहीं जानते कि ICS full form in Hindi क्या है और इसके बारे में जानने के लिए काफी उत्साहित हैं तो हम आपके लिए इस आर्टिकल में ICS full form in Hindi के साथ-साथ इसकी सभी जानकारी लेकर आए हैं जिसकी मदद से आप इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ICS full form क्या होता है? इसे जानने के लिए आप इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें क्योंकि यहां हमने ICS full information in Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई है। ICS के अंतर्गत हम जो बताने वाले हैं वह निम्नलिखित है –

1. ICS का फुल फॉर्म क्या है?(Full Form Of ICS in Hindi)

2. ICS क्या है? (What Is ICS in Hindi?)

3. इंडियन सिविल सर्विसेज का इतिहास (History of Indian Civil Services in Hindi)

4. कोई विद्यार्थी आईसीएस ऑफिसर (ICS Officer) कैसे बन सकता है? (How can a student become an ICS officer in Hindi?)

Contents

ICS का फुल फॉर्म क्या है? (ICS FULL FORM IN HINDI)

ICS ka form Indian Civil Services होता है, जिसका हिंदी शब्दार्थ भारतीय लोक सेवा होता है।

ICS क्या है? (What Is ICS in Hindi?)

हर युवा का अधिकांश सपना रहता है कि वह आईएएस और आईपीएस बन कर देश और माता पिता का नाम उजागर करें।

आजकल लगभग सभी व्यक्ति आईएएस और आईपीएस का नाम कहीं न कहीं ज़रूर सुने होंगे। पर क्या यह जानने की जिज्ञासा हुई कि ICS है क्या और आईएएस और आईपीएस कैसे बनते हैं।

जब कोई युवा ग्रेजुएशन कम्पलीट करते है तो अधिकतर विद्यार्थी जिनकी इच्छा सरकारी नौकरी करने की रहती है, उनमें ज्यादातर विद्यार्थी इंडियन सिविल सर्विस में ही जाने की सोच रखते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, ICS क्या है तथा आईएएस और आईपीएस की शुरुआत कैसे हुई –

इंडियन सिविल सर्विसेज का इतिहास (History of Indian Civil Services in Hindi)

भारत में सिविल सर्विस का जन्मदाता लार्ड कॉर्नवालिस है। कहा जाता है कि भारत में सिविल सर्विस की शुरुआत लार्ड कॉर्नवालिस ने ही की थी।

ब्रिटिश शासन में ICS को इम्पीरिअल सिविल सर्विस कहते थे, लेकिन सिविल सर्विसेज में तब नियुक्ति प्रतियोगिता के आधार पर नहीं होती थी तथा भारतीयों को सिविल सर्विसेज में जाने की अनुमति नहीं होती थी।

लार्ड कार्नवालिस ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में सिविल सेवा की शुरूआत की, जिसके कारण भारत में ब्रिटिश क्षेत्रों का बेहतर ढंग से प्रशासन किया जा सका। कार्नवालिस ने अधिकारियों से सख्त नियमों को पालन करवाया, उनके वेतन में वृद्धि कर दी ताकि वे भ्रष्टाचार से मुक्त हो सकें और साथ ही उसने पदोन्नति को वरिष्ठता से जोड़ दिया। उसके इन प्रयासों ने सिविल सेवा को अधिक मांग वाले पेशे में बदल दिया। वर्ष 1801 में युवा सिविल सेवकों को प्रशिक्षण देने के लिए कलकत्ता में फोर्ट विलियम कॉलेज खोला गया था।

एक अन्य संस्थान जो इन्हें प्रशिक्षण देता था, वह इंग्लैण्ड में स्थित ईस्ट इंडिया कॉलेज था। शुरू में सिविल सेवकों का मनोनयन ईस्ट इंडिया कम्पनी के निर्देशकों द्वारा किया जाता, जबकि वर्ष 4853 में इसको समाप्त कर प्रतिस्पर्द्धात्तक परीक्षाओं के जरिए सभी नियुक्तियों को किए जाने का प्रावधान किया जाने लगा पर लार्ड मैकाले ने भारत में आधुनिक सिविल सेवा की शुरुआत की जिसके परिणामस्वरूप सिविल सेवा में नियुक्ति प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर की जाने लगी थी।

लार्ड मैकाले के शासन काल में इंडियन सिविल सर्विस में भर्ती योग्यता के आधार पर होने लगी थी।

परंतु यह शर्त रख दी गई थी कि सिविल सर्विसेज के एग्ज़ाम लंदन में होंगे और परीक्षा पूर्णता अंग्रेजी में ही होगी। पर 1922 के बाद भारतीय  सिविल सेवा की परीक्षा भारत में होने लगी और सर्वप्रथम इलाहाबाद में इस परीक्षा का आयोजन हुआ। 1864 में पहले भारतीय श्री सत्येंद्र नाथ टैगोर का चयन इस परीक्षा में हुआ और उन्हें प्रशिक्षण के लिए लन्दन भेजा गया और लगभग 30 साल तक वे भारतीय सिविल सर्विस में तैनात रहे।

बाद में इंडियन सिविल सर्विसेज का नाम बदलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) रख दिया गया। इंडियन सिविल सर्विस में आईएएस, आईपीएस, आईएफएस बना जा सकता हैं क्योंकि ये सर्विसेज आल इंडिया सर्विसेज कहलाती है।

कोई विद्यार्थी आईसीएस ऑफिसर (ICS Officer) कैसे बन सकता है? (How can a student become an ICS officer in Hindi?)

1. सर्वप्रथम बारहवी क्लास पास करना जरुरी होता है।

2. उसके बाद ग्रेजुएशन पूरी करना किसी भी विषय से।

3. ग्रेजुएशन करने के बाद UPSC एग्जाम के लिए एप्लीकेशन अप्लाई करना।

4. अप्लाई करने के बाद प्रेलिमिनरी एग्जाम क्लियर करना।

5. उसके बाद मेन एग्जाम क्लियर करना।

6. अंत में इंटरव्यू राउंड पास करना।

7. अगर इंटरव्यू में पास हो जाते है तो आईपीएस ऑफिसर की ट्रेनिंग पूरी करे और उसके बाद आपकी ज्वाइनिंग हो जाती है।

बहुत सारे बच्चों में इस बात को लेकर असमंजस बना हुआ है कि सिविल सर्विस की कितने प्रकार की होती है।

भारत की अगर बात करें तो भारत में 3 तरह कि सिविल सर्विसेज होती है। जो निम्न हैं-

1. All India Services

2. Central Services

3. State Services

आइए इस बारे में विस्तार से चर्चा करे-

  1. All India Services (AIS) हिन्दी में कहा जाए तो अखिल भारतीय सेवा

इसके अंतर्गत तीन तरह की सर्विसेज है –

IAS (Indian Administrative Service)

IPS (Indian Police Service)

IFS (Indian Forest Service)

इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा होती है और प्रशिक्षण पूरा होने पर इन्हें अलग-अलग राज्यों में काम पर भेजा जाता है।

  1. Central Services(CS)

CS सर्विस वो है जिसमे अधिकारियों को केंद्र सरकार के अधीन कार्य करना होता है। इनको ग्रुप A, ग्रुप B, ग्रुप C, ग्रुप D में बाँट दिया जाता है। ये अधिकारी अधिकतर Indian Economic Service, Indian Foreign Service, Indian Postal Service, Indian Statistical Service, Indian Engineering Service पद पर कार्यरत रहते हैं।

अभी भारत में ग्रुप A में 60 तरह की सर्विसेज हैं। ग्रुप A और ग्रुप B के अधिकारियों को Gazetted ऑफिसर कहते है।

  1. State Services

इस सर्विसेज में काम करने वाले अधिकारी राज्य सरकार के अधीन कार्य करते हैं। इस सर्विस में सारी शक्ति राज्य सरकार के अधीन होती है।

अगर आप भी आईएएस, आईपीएस की तैयारी कर रहे होंगे तो आपने भी UPPSC, HPPSC, BPSSC etc. जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में जरूर सुने होंगे।

हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेखन पसंद आया हो और आपको ICS (इंडियन सिविल सर्विस) के बारे में जानकारी मिल गई होगी।

ICS का इतिहास:

भारत में सिविल सर्विस का जन्मदाता या यूँ कहे भारत में सिविल सर्विस की शुरुआत लार्ड कॉर्नवालिस ने की थी।

ब्रिटिश राज में इसे इम्पीरिअल सिविल सर्विस कहा जाता था। लेकिन सिविल सर्विस में तब नियुक्ति प्रतियोगिता के आधार पर नहीं होती थी और तब भारतीयों को भी सिविल सर्विस में जाने की अनुमति नहीं थी।

लेकिन लार्ड मैकाले ने भारत में आधुनिक सिविल सेवा की शुरुआत की। मतलब अब सिविल सेवा में नियुक्ति प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर की जाने लगी।

लार्ड मैकाले के आने के बाद इंडियन सिविल सर्विस में भर्ती योग्यता के आधार पर होने लगी।

लेकिन शर्त यह रखी गई कि सिविल सर्विस के एग्ज़ाम लंदन में होंगे और परीक्षा पूर्णता अंग्रेजी में होगी। लेकिन 1922 के बाद भारतीय  सिविल सेवा की परीक्षा भारत में होने लगी और सबसे पहले इलाहाबाद में इस परीक्षा का आयोजन किया गया।

1864 में पहले भारतीय श्री सत्येंद्र नाथ टैगोर का चयन हुआ और उन्हें प्रशिक्षण के लिए लन्दन भेजा गया और वह लगभग 30 साल तक भारतीय सिविल सर्विस में तैनात रहे।

इंडियन सिविल सर्विस का बाद में नाम बदलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) रख दिया गया।

इंडियन सिविल सर्विस में आप आईएएस, आईपीएस, आईएफएस बन सकते हैं क्योंकि ये सर्विस आल इंडिया सर्विस कहलाती है।

Conclusion

तो दोस्तों, आपको  के बारे में जानकारी हिंदी में। अच्छी लगी होगी हमे उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़ कर आप ICS full form In Hindi (ICS मीनिंग इन हिंदी) समझ गए होंगें और अब अगर आपसे कोई पूछेगा कि ICS का मतलब क्या होता है? तो अब आप उसे ICS मीनिंग इन हिंदी बता सकेंगे।

अगर आपको हमारा ये ICS Information In Hindi पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर Share कीजिए और अगर आपके पास हमारे लिए कोई सवाल हो, तो उसे Comment में लिख कर हमें बताए।

Leave a Comment