(IDS) Intrusion Detection system in Hindi और IDS के प्रकार।

Intrusion detection system इसे short में IDS भी कहा जाता है, तो चलिए जानते हैं IDS क्या है, और यह कैसे कार्य करता है। Intrustion detection system in hindi 

(IDS) Intrusion detection system एक डिवाइस या सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन होती है, जिसकी मदद या उपयोग से नेटवर्क के Incoming और outgoing traffic को मॉनिटर किया जाता है, और नेटवर्क में होने वाले Suspecious या Malicious गतिविधियों को रोका जा सकता है।

दूसरे शब्दो में कहा जाए तो यह नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा implement किया जाने वाला एक टूल या सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जिसके उपयोग से नेटवर्क की सुरक्षा को बढ़ाया जाता है।

IDS में नेटवर्क सुरक्षा संबंधित Policies impliment करि जाती हैं, और यदि लगाई गई इन Policies का किसी भी प्रकार से उल्लंघन होता है, नेटवर्क में किसी प्रकार की दुर्भावनापूर्ण गतिविधि या घुसपैठ करने की कोशिश होती है, तो IDS सिस्टम उस incedent को ब्लॉक कर देता है, और तुरंत नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर को notification भेज देता है, ताकि उस incedent के विरुद्ध उचित कदम उठाया जा सके।

Types of Intrusion detection system(IDS) in Hindi

IDS के निम्नलिखित मुख्य प्रकार हैं।

  • Network intrusion detection system (NIDS):- यह नेटवर्क पर आधारित सिक्योरिटी सिस्टम है, जिसके द्वारा नेटवर्क के इनकमिंग और आउटगोइंग ट्रैफिक पर नजर रखी जाती है।क्योंकि NIDS का कार्य नेटवर्क पैकेट्स पर नजर रखना है, तो उसी अनुसार इसे सामान्यतः नेटवर्क के द्वार यानि Gateway पर deploy किया जाता है, जहाँ पर इसे फ़ायरवॉल डिवाइस के बाद इनस्टॉल किया जाता है।NIDS का कार्य नेटवर्क ट्रैफिक की जाँच करना और किसी भी प्रकार की malicious गतिविधि पाई जाने पर उसे रोकना और एडमिनिस्ट्रेटर को अलर्ट देना होता है।
  • Host-based intrusion detection system (HIDS):- यह host यानि कंप्यूटर आधारित सिक्योरिटी सिस्टम है, जिसे नेटवर्क पर मौजूद हर कंप्यूटर पर इनस्टॉल किया जाता है।HIDS द्वारा कंप्यूटर के इनकमिंग और आउटगोइंग ट्रैफिक को मॉनिटर थता एनालाइज किया जाता है, साथ ही इसके द्वारा कंप्यूटर की files पर भी नजर रखी जाती है। यदि किसी प्रकार का detection होता है, तो होस्ट डिटेक्शन सिस्टम (HIDS) उसे ब्लॉक कर देता है।