क्या आप जानना चाहते हैं। पिन कोड क्या होता है और आज के समय में इसका इस्तेमाल आखिर क्यों किया जाता है। अगर हां तो आप हमारे इस आर्टिकल को पूरे ध्यान से पढ़ें। जिसमें हमने पिन कोड से संबंधित पूरी जानकारी दी है।
हमारा यह वादा है। कि अगर आपने हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ लिया तो आपको पिन कोड के बारे में पूरी जानकारी हो जाएगी और वही हम इस आर्टिकल में कई जगहों के पिन कोड भी बताएंगे। तो फिर चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं।
पिन कोड के बारे में मगर उससे पहले हम यह जान लेते हैं। की किसका इस्तेमाल किस जगह पर किया जाता है। तो इसका एक साधारण-सा उदाहरण यह है कि जब भी आप कोई सामान मंगाते हैं या पोस्ट ऑफिस के जरिए किसी और जगह भेजते हैं।
तो आपको एड्रेस के साथ-साथ उस जगह का पिन कोड भी डालना पड़ता है क्योंकि बिना पिन कोड के किसी जगह के बारे में जानना थोड़ा मुश्किल होता है। मगर पिन कोड का इस्तेमाल करने से उस जगह की पूरी जानकारी आसानी से निकाली जा सकती है।
इसलिए इसका इस्तेमाल काफी जगहों पर किया जाता है। तो चलिए अब आगे जानते हैं। पिनकोड के बारे में और भी बहुत सारी जानकारी तो चलिए शुरू करते हैं।
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पिन कोड क्या होता है।
पिन कोड का पूरा नाम पोस्टल इंडेक्स नंबर (postal index number) होता है। जिसे हम पिन कोड या जिप कोड और पोस्टल कोड भी कहते हैं। यह 6 डिजिट (छः अक्षरों) का एक यूनिट नंबर होता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर इंडियन पोस्ट ऑफिस को ढूंढने के लिए किया जाता है। यानी इससे पता चलता है की आप जहां रहते हैं या आपने जिस स्थान को बताया है।
उस स्थान या जगह के पास कौन सा पोस्ट ऑफिस मौजूद है। अगर साधारण भाषा में कहीं तो इस कोड का इस्तेमाल करके यह पता लगाया जा सकता है कि आपका घर किस पोस्ट ऑफिस के निकट या पास मौजूद है और वह पोस्ट ऑफिस भी किस जगह पर मौजूद है।
अगर बात करें कि इसकी शुरुआत कब हुई थी। तो इसका जवाब है। इसकी शुरुआत 15 अगस्त 1972 को भारत में हुई थी। वही पूरे देश में 9 पिन छेत्र मौजूद है। जिनमें से 8 भौगोलिक क्षेत्र है और 9 को संरक्षित किया गया है सेना डाक के लिए।
पिन कोड की शुरुआत या इतिहास।
इस पिन कोड सिस्टम की शुरूआत 15 अगस्त 1972 को हुई थी। जिसमें देश के सामने इस सिस्टम को श्रीराम भीकाजी वेलंकर ने पेश किया था। जो अपने समय के अपर सचिव थे। केंद्रीय संचार मंत्रालय में।
इस सिस्टम को लाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि उस समय सामान की डिलीवरी करने में और साथ में मैन्युअल रूप से छँटाई करने में दिक्कत आ रही थी। इसलिए इस प्रकार के सिस्टम को शुरू किया गया। और इस सिस्टम को शुरू करने से हुआ।
यह कि बहुत सारी मुश्किलों को आसानी से निपटाया जानें लगा। जैसें- गलत एड्रेस का पता लगाना और पोस्ट ऑफिस का सही पता लगाना आदि। तो चलिए अब आगे जानते हैं। की पिन कोड कैसे पता करें।
पिन कोड कैसे पता करें।
अभी तक हमने यह जाना है। कि पिन कोड क्या होता है। और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी। तो चलिए अब हम जानते हैं कि पिन कोड कैसे पता करें। पिन कोड पता करना बहुत ही आसान है।
आप इंडिया पोस्ट की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर पिन कोड पता कर सकते हैं। मगर मैं आपको उससे भी आसान तरीका बताऊंगा। आप नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करके पिन कोड पता कर सकते हैं।
- सबसे पहले आपको pincodelookup.com पर जाना है।
- अब सबसे पहले ऑप्शन में आपको अपने स्टेट यानी राज्य को चुनना है। आप जिस भी राज्य से हैं या जिस राज्य के पोस्ट ऑफिस का पिन कोड पता करना चाहते हैं। उस राज्य को चुने।
- दूसरे ऑप्शन में डिस्ट्रिक्ट यानी अपना जिला चुनें। जिस जिले या शहर का पिन कोड पता करना चाहते हैं। उसे चुने।
- अभी आपने जिस भी जिले या अपने शहर को चुना है। उससे संबंधित बहुत सारे पिन कोड आपको मिल जाएंगे। अगर आप किसी विशेष पोस्ट ऑफिस का पिन कोड पता करना चाहते हैं। तो आपको शुरुआत में एक सर्च बॉक्स दिखेगा। जिसमें आप उस पोस्ट ऑफिस के नाम का पहला अल्फाबेट यानी पहला अक्षर डालकर ढूंढ सकते हैं।
- उदाहरण- अगर मुझे यमुना किनारा पोस्ट ऑफिस का पिन कोड पता करना है। तो मैं सर्च बॉक्स में Y डालकर सर्च करूंगा। जिससे जितने भी पोस्ट ऑफिस Y अक्षर से शुरू होते हैं। वह सभी सामने आ जाएंगे।
चलिए अभी तक हमने यह जाना है कि पिन कोड कैसे पता करें। चलिए अब हम यह जानते हैं कि एक पिनकोड का स्वरूप कैसे होता है और एक पिन कोड को हम कैसे पहचान सकते हैं कि यह किस राज्य से संबंधित है।
पिन कोड का स्वरूप कैसा होता है।
पिन कोड देखने में एक रेंडम नंबर की तरह होता है। उदाहरण के लिए अगर मैं अपने जगह का पिन कोड बताओ। जहां पर मैं रहता हूं। तो वह है। 282003 अगर मुझे किसी भी फॉर्म में अपना पता लिखना होगा। तो मुझे पिन कोड के स्थान पर इसी को डालना होगा।
मगर पिन कोड जगह के अनुसार अलग-अलग होता है। जिसमें हमने आपको ऊपर बताया है कि आप किस तरह अपना पिन कोड पता कर सकते हैं। मगर अभी हम आपको नीचे बताएंगे कि यह पिनकोड आखिर किस तरीके से बनाया जाता है और पिन कोड में दर्शाए गए प्रत्येक नंबर का क्या महत्व होता है। इसे मैं आपको बहुत ही आसान भाषा में 4 पॉइंट में समझा देता हूं।
- पिन कोड का पहला नंबर डाक क्षेत्र (postal zone) को दर्शाता है।
- पिन कोड का दूसरा नंबर उप डाक क्षेत्र (sub postal zone) को दर्शाता है।
- पिन कोड का तीसरा नंबर एक छँटाई जिला (shorting district) को दर्शाता है।
- और अब पिन कोड के आखिरी तीन नंबर डाक कार्यालय (post office) को दर्शाते हैं।
चलिए अब आगे इन चारों पॉइंट के बारे में अच्छे से और आसान भाषा में समझते हैं।
डाक क्षेत्र क्या है।
हमारे देश भारत में कुल 9 डाक क्षेत्र मौजूद है। जिनमें से 9 वा कार्य क्षेत्र है। जो खासतौर पर भारतीय सेना के लिए है ओर बाकी की 8 क्षेत्रीय क्षेत्र है। अगर आसान भाषा में कहें तो इन डाक क्षेत्र से हमें यह पता चलता है कि यह किस राज्य से संबंधित है।
हम आपको नीचे इन सभी पोस्टल जोंस के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जिससे आप पिन कोड का पहला नंबर देखकर यह जान जाएंगे कि यह किस जोन से संबंधित है या यह किस राज्य से संबंधित है।
पिन कोड की पहली संख्या | क्षेत्र |
1 | दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर |
2 | उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड |
3 | राजस्थान, गुजरात, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली |
4 | गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ |
5 | तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक |
6 | तमिलनाडु, केरल, पांडुचेरी, लक्ष्यदीप |
7 | पश्चिम बंगाल, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, अंडमान और निकोबार, असम, सिक्किम |
8 | बिहार, झारखंड |
9 | केवल भारतीय सेना डाकघर |
अब आप समझ गए होंगे कि पिनकोड की पहली डिजिट देख कर आप पता लगा सकते हैं कि वह पिन कोड किस जगह से संबंधित है। चलिए अब आगे जानते हैं।
उप डाक क्षेत्र क्या है।
अभी हमने जाना कि डाक क्षेत्र क्या होता है। अब हम जानते हैं कि पिनकोड की दूसरी संख्या जो उप डाक क्षेत्र की होती है। आखिर यह क्या होता है। तो इसका जवाब बहुत ही आसान है। हमारी जो भी डाक क्षेत्र होती है। यह उसकी उप डाक क्षेत्र होती है।
उदाहरण के लिए मेरा जो पिन कोड था। 282003 इसमें पहली संख्या 2 है। जिसे पता चलता है कि यह पिन कोड उत्तर प्रदेश राज्य से संबंधित है। और वही इसकी दूसरी डिजिट 8 है और 8 इसकी उप डाक क्षेत्र होगा। जो है बिहार चलिए अब आगे जानते हैं।
छँटाई जिला क्या है।
जब पिन कोड की तीसरी डिजिट को पहली दो डिजिट के साथ कंबाइन यानी जोड़ा जाता है। तो तब यह एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र को दर्शाता है।
इसे ही छँटाई जिला कहते हैं। यह छँटाई जिला असल में हेडक्वार्टर होते हैं। इसे छँटाई कार्यालय भी कहा जाता है। एक राज्य में एक से ज्यादा छँटाई कार्यालय हो सकते हैं।
पिन उपसर्ग | आईएसओ 3166-2: IN | क्षेत्र |
11 | DL | दिल्ली |
12-13 | HR | हरियाणा |
14-15 | PB | पंजाब |
16 | CH | चंडीगढ़ |
17 | HP | हिमाचल प्रदेश |
18-19 | Jk,LA | जम्मू एंड कश्मीर, लद्दाख |
20-28 | UP,UT | उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड |
30-34 | RJ | राजस्थान |
396210 | DD | दमन और दीव |
396 | DN | भद्रा और नगर हवेली |
36-39 | GJ | गुजरात |
403 | GA | गोवा |
40-44 | MH | महाराष्ट्र |
45-48 | MP | मध्य प्रदेश |
49 | CT | छत्तीसगढ़ |
50 | TG | तेलंगाना |
51-53 | AP | आंध्र प्रदेश |
56-59 | KA | कर्नाटका |
605 | PY | पुडुचेरी |
60-66 | TN | तमिल नाडु |
682 | LD | लक्ष्यदीप |
67-69 | KL | केरल |
737 | SK | सिक्किम |
744 | AN | अंडमान एंड निकोबार |
70-74 | WB | पश्चिम बंगाल |
75-77 | OR | ओडिशा |
78 | AS | आसाम |
790-792 | AR | अरुणाचल प्रदेश |
793-794 | ML | मेघालय |
795 | MN | मणिपुर |
796 | MZ | मिजोरम |
797-798 | NL | नागालैंड |
799 | TR | त्रिपुरा |
80-85 | BR,JH | बिहार, झारखंड |
90-99 | APS | आर्मी पोस्ट सर्विस |
हम आशा करते हैं आपको समझ में आ गया होगा कि छँटाई जिला क्या होता है। चलिए आगे जानते हैं। पिन कोड के आखरी तीन नंबर का मतलब क्या होता है।
पिन कोड के आखरी तीन डिजिट का मतलब क्या होता है।
अभी तक हमने यह जाना है कि पिन कोड की पहली व दूसरी और तीसरी डिजिट का मतलब क्या होता है। मगर चलिए अब हम यह जानते हैं कि पिन कोड भी आखरी 3 डिजिट का मतलब क्या होता है। चलिए जानते हैं। तो इसका जवाब बहुत ही आसान है।
पिन कोड की आखिरी तीन डिजिट यह दर्शाती है कि पिन कोड में बताए गए छँटाई जिला के अंतर्गत कौन सा पोस्ट ऑफिस स्थित है यानी यह डिजिट यह दर्शाती है कि यह पिन कोड किस छँटाई जिला के अंतर्गत किस पोस्ट ऑफिस का है। हमें पिन कोड के आखिरी 3 डिजिट से पोस्ट ऑफिस के बारे में पता चलता है।
पिन कोड का महत्व क्या क्या है।
चलिए अभी पिन कोड के कुछ महत्व के बारे में जान लेते हैं। जो कुछ इस प्रकार है।-
- प्रत्येक पिन कोड एक यूनिक पोस्ट ऑफिस को दर्शाती है यानी प्रत्येक पोस्ट ऑफिस के लिए अलग-अलग पिन कोड होता है।
- पार्सल या पोस्ट को आसानी से किसी भी पोस्ट ऑफिस तक पहुंचाने के लिए पिन कोड बहुत जरूरी होता है। इससे बिल्कुल सही पोस्ट ऑफिस पर उस पार्सल को पहुंचाया जा सकता है और उस पार्सल को उस एड्रेस तक जहां पर उस पार्सल को पहुंचाना है।
- हमारे देश में पिन कोड एड्रेस का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हो गया है। आप यह कह सकते हैं कि पिनकोड एड्रेस की पहचान बन गई है और जब भी आपको अपना पूरा एड्रेस लिखना होता है। उसके साथ-साथ आपको अपना पिन कोड भी डालना होता है।
- पिन कोड के इस्तेमाल से बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो गया है। जिसमें गलत एड्रेस वह गलत पोस्ट ऑफिस जैसी अनेक समस्याएं हल हो जाती हैं। वह भी आसानी से।
- पिन कोड का इस्तेमाल करने से जो जगह के नाम से कन्फ्यूजन होता है। वह कम हो गया है क्योंकि आप इंटरनेट पर पिन कोड डालकर पता कर सकते हैं कि यह किस जगह का पिन कोड है।
- पिन कोड का इस्तेमाल करने से पोस्टमैन को बहुत ही आसानी होती है और वह सही तरीके से पार्सल या पोस्ट को पहुंचा देता है। जहां पर उसे पहुंचाना है।
पिन कोड से संबंधित प्रश्न उत्तर।
चलिए अब जानते हैं। पिन कोड से संबंधित कुछ FAQ यानी प्रश्न उत्तर।
उत्तर: पिन कोड 6 डिजिट का यूनिक नंबर होता है। इसका इस्तेमाल पोस्ट ऑफिस को ढूंढने के लिए किया जाता है और जब आप अपना पता किसी डॉक्यूमेंट में लिखते हैं। तब भी आपको अपना पिन कोड डालना होता है। जिससे आपको ढूंढने में आसानी होती है।
उत्तर: पिन कोड की शुरुआत ShriRam bhikaji velankar द्वारा 15 अगस्त 1972 को की गई थी।
उत्तर: पिन कोड दिखने में 6 नंबर का एक यूनिक कोड होता है। जिसके अंदर मात्र 6 नंबर होते हैं। उदाहरण के लिए 282003,282004 आदि।
उत्तर: पिन कोड का इस्तेमाल करने से अनेक समस्याओं का समाधान हो गया है। जैसे- गलत एड्रेस, गलत पोस्ट ऑफिस आदि। इसका इस्तेमाल करने से हम बिल्कुल सटीक एड्रेस का पता लगा सकते हैं।
उत्तर: पिन कोड की फुल फॉर्म postal index number होता है।
आपने क्या सीखा।
हम आशा करते हैं कि आपको समझ में आ गया होगा की पिन कोड क्या होता है और आज के समय में इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है। वहीं अगर आपको कुछ समझ में नहीं आया है या आप अन्य किसी विषय के ऊपर जाना चाहते हैं या हमने इस पोस्ट को लिखते समय कोई गलती की है।
तो हमें अवश्य कमेंट करें। हम आपके सवाल का जवाब जरूर देंगे। और वही आप हमारे ब्लॉग पर उपस्थित और भी अन्य आर्टिकल्स को पढ़ सकते हैं। जिसमें हमने बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। अगर आपने हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ा है। तो आपको हमारा धन्यवाद। हम ऐसे ही आगे भी और भी जानकारी लाते रहेंगे। धन्यवाद।