नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है. नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है. नशे के प्रभाव से न केवल एक जीवन वरन सम्पूर्ण परिवार का विनाश हो जाता है. शस्त्र एवं पेट्रोलियम उद्योग के बाद अवैध मादक द्रव्यों का धंधा विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है. नशे के फैलाव से देशों का आर्थिक विकास पिछड़ रहा है. एवं समाज में आपराधिक प्रवृतियां पनप रही हैं. आज हमारे देश में नशे करने वाले लोगों की जनसंख्या लाखों नहीं करोड़ों में है, दोस्तों आज हमारा युवा नशे के चपेट में आता जा रहा है, जो हमारे समाज के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है, आज हम सबको एक होकर इसके ख़लीफ़ लड़ने की जरुरत है, नशे करने की इस बीमारी से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पारिवारिक एवं सामाजिक सामूहिक संकल्प की आवश्यकता है. सिर्फ सरकार या नशामुक्ति संस्थायें इसके लिए पर्याप्त नहीं हैं. युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीड़ित है. सरकार इन पीड़ितों को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है, शराब और गुटखे पर रोक लगाने के प्रयास करती है. नशे के रूप में लोग शराब, गाँजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थों का प्रयोग करते हैं, जो काफी कॉस्टली होने के साथ साथ स्वास्थ्य और सामाजिक लिहाज से भी ठीक नहीं है. नशे का आदी व्यक्ति समाज की दृष्टी से हेय हो जाता है और उसकी Social activity शून्य हो जाती है, फिर भी वह व्यसन को नहीं छोड़ता है. ध्रूमपान से फेफड़े में कैंसर होता हैं, वहीं कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं, जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है. इन नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति पागल और सुप्तावस्था में चला जाता है. तम्बाकू के सेवन से तपेदकि, निमोनिया और साँस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इसके सेवन से जन और धन दोनों की हानि होती है।
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नशा मुक्ति पर निबंध 1 (150 शब्द)
इन दिनों नशा एक आम समस्या है. दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग इस समस्या से पीड़ित हैं. ड्रग्स एक त्वरित खुशी और तनाव से राहत प्रदान करते हैं. कई लोग अपनी दर्दनाक वास्तविकता से दूर भागते हुए ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं. दूसरों को यह अनुभव करने के लिए ड्रग्स लेते हैं कि यह कैसा लगता है. फिर भी अन्य लोग केवल अपने दोस्तों को कंपनी देने के लिए इसे लेते हैं ताकि वे जीवित न रहें, कारण जो भी हो, इससे पहले कि किसी को पता चले, वह नशे का आदी हो जाता है और इस लत से छुटकारा पाना मुश्किल है. दवाओं के उपयोग का अल्पकालिक आनंद गंभीर दीर्घकालिक समस्याओं को जन्म दे सकता है. यह गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों और व्यवहार में परिवर्तन का कारण बन सकता है. मादक पदार्थों की लत के कुछ लक्षणों में भूख की कमी, बिगड़ा हुआ समन्वय और बेचैनी, काम में रुचि की कमी, वित्तीय मुद्दे और सामाजिक चक्र में परिवर्तन, गुप्त व्यवहार, अक्सर मूड स्विंग और जिज्ञासु व्यवहार शामिल हैं. कई लोगों का तर्क है कि नशे पर काबू पाने के लिए बस शक्ति और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है, जबकि ऐसा नहीं है. इसके लिए बहुत कुछ चाहिए, नशा मस्तिष्क को बदल देता है और शक्तिशाली cravings का कारण बनता है. क्या अकेले शक्ति इस मजबूत आग्रह को दूर करने में मदद नहीं कर सकती है? नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने के लिए, पेशेवर मदद लेना और उचित दवा लेना आवश्यक है. इस लत को हटाने में कई साल लग सकते हैं और रिलेप्से की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।
मानव जीवन बहुत ही निर्मल होता है. एक इंसान को आपने जीवन को सुधरने के लिए हर समय प्रयास करने की जरूरत होती है, उसकी एक भी गलती उसका पूरा जीवन बर्बाद कर देती है, मानव जीवन में सात्विकता, सज्जनता, उदारता और चरित्र का उत्कर्ष होता है. वह खुद का ही नहीं बल्कि अपने संपर्क में आने वाले का भी उद्धार करता है. इसके विरुद्ध तामसी वृत्तियाँ मनुष्य को पतनोन्मुखी करती हैं उनका मजाक करती हैं. एक पतनोन्मुख व्यक्ति समाज और राष्ट्र के लिए भी बहुत ही घातक सिद्ध होता है. वह खुद तो किसी काम का नहीं रहता बल्कि आपने आस पडोश के लोगों को भी अपनी इस बीमारी प्रभावित करता है, इसलिए समाज सुधारक और धार्मिक नेता समय-समय पर दुष्प्रवृत्तियों की निंदा करते हैं और उन से बचने के लिए भी प्रेरणा देते हैं। मदिरापान और नशा सब बुराईयों की जड़ होते हैं. हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है. शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करना, शादीशुदा व्यक्तियों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है. मुँह, गले व फेफड़ों का कैंसर, ब्लड प्रैशर, अल्सर, यकृत रोग, अवसाद एवं अन्य अनेक रोगों का मुख्य कारण विभिन्न प्रकार का नशा है. भारत में केवल एक दिन में 11 करोड़ सिगरेट फूंके जाते हैं, इस तरह देखा जाय तो एक वर्ष में 50 अरब का धुआँ उड़ाया जाता है. आज के दौर में नशा फैशन बन गया है. प्रति वर्ष लोगों को नशे से छुटकारा दिलवाने के लिए 30 जनवरी को नशा मुक्ति संकल्प और शपथ दिवस, 31 मई को अंतरराष्ट्रीय ध्रूमपान निषेध दिवस, 26 जून को International Day of Drug Abuse और 2 से 8 अक्टूबर तक भारत में मद्य निषेध दिवस मनाया जाता है. मगर हकीकत में ये दिवस कागजी साबित हो रहे हैं।
नशा मुक्ति पर निबंध 2 (300 शब्द)
हमारे युवाओं में नशा बहुत आम होता जा रहा है, शायद युवाओं को यह जीवन बहुत भारी लगता है. इससे बचने के बाद, वे ड्रग्स लेते हैं. कभी-कभी माता-पिता खुद ही इसका कारण बन जाते हैं. वे या तो बहुत सख्त हैं या उनके बच्चों के पास आने का समय नहीं है. युवा उपेक्षित महसूस करते हैं, हमारी असाधारण शिक्षा प्रणाली भी इसका एक प्रमुख कारण है. जब 15-20 साल की शिक्षा के बाद युवा रोजगार पाने में असफल होते हैं, तो वे निराश हो जाते हैं और ड्रग्स लेने लगते हैं. नशा एक बड़ी सामाजिक समस्या बन गई है. नशीली दवाओं के दुरुपयोग का कोई छोटा इलाज नहीं है. हम अक्सर शिकायत करते हैं कि हमारे युवा गलत कर रहे हैं. लेकिन, हम अपनी समस्याओं को समझने के लिए शायद ही कुछ करते हैं. हमारे युवाओं को ड्रग्स से दूर रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनकी ऊर्जा का रचनात्मक तरीके से उपयोग किया जाए, रोजगार आधारित शिक्षा प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।
ड्रग की लत वर्तमान समय की गंभीर समस्याओं में से एक है. हेरोइन, हैश और ब्राउन शुगर जैसे नशीले पदार्थों को आमतौर पर ड्रग्स कहा जाता है, और युवा पुरुष और महिलाएं या तो इन दवाओं को मौखिक रूप से लेते हैं या उनके धुएं को साँस लेते हैं. समाजशास्त्री कहते हैं कि नशा एक लत है जो भारत और अन्य प्राच्य देशों में पश्चिमी देशों में आया है. भारतीय पश्चिम की ओर बढ़ रहे हैं और नशाखोर बन रहे हैं. आधुनिक समाज में कई पारिवारिक समस्याएं हैं. प्रेम और स्नेह शक्तियों का अभाव, युवाओं की आदत होती है कि वह कभी-कभी नशे के आदी हो जाते हैं. मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि ड्रग्स नशेड़ी को दुनिया के तनाव और समस्याओं से बचने में मदद करते हैं. लेकिन वे तंत्रिका तंत्र को काफी नुकसान पहुंचाते हैं और नशे के मानसिक मेकअप को तोड़ते हैं. यह मौत का कारण बनता है भले ही यह नशे की दवा लेने से अचानक मर सकता है इसलिए वापसी धीरे-धीरे की जानी चाहिए। दवा को प्यार और दया के साथ इलाज किया जाना चाहिए, समाज को बेईमान व्यापारियों और मादक पदार्थों के तस्करों को नियंत्रित करने के लिए मजबूत कदम उठाने चाहिए। दुनिया भर में नशीली दवाओं के नियंत्रण के लिए नियम हैं, फिर भी नशा धीरे-धीरे बढ़ रहा है. विभिन्न देशों के युवाओं में एक नशीली दवाओं के प्रति चेतना की आवश्यकता क्या है?
मदिरापान बुराईयों की जड़, दोस्तों किसी विद्वान् ने यह बात बिलकुल सत्य कही है कि मदिरापान सब बुराईयों की जड़ होती है. मदिरापान करने से हमारे सही और गलत के बीच में अन्तर करने की शक्ति दिन प्रतिदिन काम होती जाती है, मदिरा मनुष्य को असंतुलित बनाती है. शराबी व्यक्ति से किसी भी समाज की बुराई की अपेक्षा की जा सकती है. शराबी व्यक्ति को हर समय में आप इसमें खोया हुवा ही देखोगे सच बात तो यह है दोस्तों एक शराबी को बस हर समय शराबी की तलब लगी रहती है, और उसका इंतजाम करने के लिए वह बड़े सा बड़ा क्राइम भी कर गुजरता है, इसी कारण से हमारे शास्त्रों में मदिरापान को पाप माना जाता है. शुरू में तो व्यक्ति शौक के तौर पर नशा करता है. उसके दोस्त उसे मुफ्त में शराब पिलाते हैं. कुछ लोग ये बहाना बनाते हैं कि वे थोड़ी-थोड़ी दवाई की तरह शराब को लेते हैं लेकिन बाद में उन्हें लत पड़ जाती है, और यह लत आगे चलकर उसके विनाश का कारण भी बन जाती है, जिन लोगों को शराब पीने की आदत पड़ जाती है उनकी शराब की आदत फिर कभी भी नहीं छूटती। शराबी व्यक्ति शराब को पीकर विवेकशून्य हो जाता है और बेकार, असंगत और अनिर्गल प्रलाप करने लगता है। वह हर समय नसे में डूबा रहता है और ना कोई काम करता है और ना ही आपने परिवार को कुछ करने देता है, उसकी चेष्टाओं में अशलीलता का समावेश होने लगता है. वह शिक्षा, सभ्यता, संस्कार और सामाजिक मर्यादा को तोडकर अनुचित व्यवहार करने लगता है. गाली-गलोंच और मारपीट उसके लिए आम बात हो जाती है।
नशा एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। यह विभिन्न मानसिक और शारीरिक बीमारियों का कारण बनता है। समस्याएं अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों हो सकती हैं। जिस तरह से व्यक्ति दवा का सेवन करता है, वह उसका सेवन कैसे करता है, वह इसका कितना सेवन करता है और किस अवधि के लिए लेता है, यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का आधार बनता है।
नशे का शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
व्यसन व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है. यह मस्तिष्क, गले, फेफड़े, पेट, अग्न्याशय, यकृत, हृदय और तंत्रिका तंत्र सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों को परेशान करता है. यह मतली, हृदय की समस्या, क्षतिग्रस्त जिगर, स्ट्रोक, फेफड़ों की बीमारी, वजन घटाने और यहां तक कि कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. ड्रग्स की लत भी एड्स को अनुबंधित करने का एक उच्च जोखिम है. ऐसा इसलिए है क्योंकि वे आमतौर पर दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए सुइयों को साझा करते हैं. दवाओं के प्रभाव में या सड़क पर चलना जोखिम भरा हो सकता है, ऐसे व्यक्ति की दुर्घटना की संभावना अधिक होती है।
ड्रग की लत: मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
किसी व्यक्ति के मस्तिष्क पर नशा करने का नशा का गंभीर प्रभाव पड़ता है. ड्रग्स निर्णय लेने में हस्तक्षेप करते हैं और किसी व्यक्ति के मनोदैहिक कौशल को प्रभावित करते हैं. वे अवसाद, अल्जाइमर, अनिद्रा, द्विध्रुवी विकार, चिंता, व्यवहार की समस्याओं और मनोदैहिक शिथिलता जैसे मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों का कारण बन सकते हैं. नशा करने वालों में आत्महत्या के विचार होते हैं और अक्सर आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं।
ड्रग की लत: अजन्मे शिशुओं पर प्रभाव
नशा करने से उच्च जोखिम वाले अजन्मे बच्चे पैदा हो सकते हैं, शराब से प्रेरित गर्भवती महिलाएं भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकती हैं. दोनों अजन्मे शिशुओं में जन्म दोष और मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की असामान्यताएं विकसित होने की संभावना है. नशा भी समय से पहले पैदा हो सकता है, कुछ बच्चे जीवन में बाद में व्यवहार संबंधी मुद्दों को प्रदर्शित करते हैं. बाल नियोजन से पहले नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाना अत्यधिक अनुशंसित है. निष्कर्ष, दवाओं के नियमित आहार के कारण, किसी व्यक्ति का संपूर्ण स्वास्थ्य बेहद कमजोर हो जाता है. ऐसा व्यक्ति अक्सर वास्तविकता से संपर्क खो देता है और भ्रमित हो जाता है. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण, यह संक्रमण को बहुत जल्दी पकड़ सकता है।
नशा मुक्ति पर निबंध 3 (400 शब्द)
नशा हमारे समाज में एक नई घटना नहीं है. इतिहास यह है कि आदमी हमेशा भांग, हशीश, मारिजुआना जैसी दवाओं का उपयोग जानता है. राजाओं और कलाकारों सहित कई पुरुषों को एक आदत के रूप में ड्रग्स लेने के लिए जाना जाता है. एक आम आदमी ने भी एक धार्मिक समारोह के एक हिस्से के रूप में या एक सामाजिक परंपरा के रूप में ड्रग्स लिया है. हालाँकि, हाल ही में यह आदत तब तक नहीं थी जब तक कि सिंथेटिक ड्रग्स का विकास नहीं हुआ था और दैनिक जीवन में बढ़ती कठिनाइयों के साथ उनके डेरिवेटिव ड्रग्स और ड्रग्स लैंड के अनियंत्रित लहर के परिणामस्वरूप थे. यह आदत समाज के केवल विशिष्ट वर्गों तक सीमित नहीं है. आज, लगभग हर युग, पेशे और समाज के लोग इन दवाओं के प्रभाव में आते हैं जिन्हें समाज में विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे कि ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि, वर्तमान में देश के 20 प्रतिशत राज्य नशे की गिरफ्त में हैं. इनमें पंजाब राज्य का नाम प्रमुखता से टॉप पर है. पंजाब के बाद मणिपुर और तमिलनाडू का नाम है. पंजाब के हालात इस समय सबसे खराब बताये जा रही हैं जहां सीमा पार से लगातार नशीले पदार्थों की तस्करी के समाचार सुर्खियों में हैं. पंजाब की युवा पीढ़ी नशे की सर्वाधिक शिकार है. पंजाब के हालात पर यदि शीघ्र गौर नहीं किया गया और नशे पर अंकुश नहीं लगाया गया तो हरे−भरे पंजाब को नष्ट होने से कोई भी नहीं बचा पायेगा।
एक समय था जब निराशा बर्खास्तगी और भावनात्मक अशांति का मुख्य कारण थी, जिसके कारण एक व्यक्ति ड्रग्स ले रहा था. लेकिन अब हम आसानी से जिज्ञासा, सहकर्मी समूह दबाव, रोमांच की भावना और उन कारणों की एक लंबी सूची तक पहुंच सकते हैं जिन्होंने आज की पीढ़ी को नशे की लत लगा दी है. नशीली दवाओं की इस घटना से सबसे दुर्भाग्यपूर्ण गिरावट यह है कि एक व्यक्ति आसानी से इसका आदी हो जाता है. सभी की जरूरत सिर्फ एक कश है. एक बार जब कोई व्यक्ति नशे का आदी हो जाता है, तो वह ड्रग्स की नियमित आपूर्ति पाने के लिए किसी भी तरह का अपराध करता है. वह धोखा दे सकता है, चोरी कर सकता है, झूठ बोल सकता है और कभी-कभी हत्या भी कर सकता है, ताकि वह ड्रग्स खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा दे, यदि वह दवाओं की अगली खुराक प्राप्त करने में सक्षम नहीं है, तो सभी नशे के तीव्र वापसी के लक्षण पीड़ित हैं।
उसकी नाक से पानी निकलने लगता है, उसे पेट और शरीर में ऐंठन होती है, उसके शरीर में दर्द होता है, उसकी आँखों में जलन होती है. इस लत का इलाज करने का एकमात्र तरीका योग्य चिकित्सा सहायता, एक मजबूत इच्छाशक्ति और एक बहुत ही सहायक परिवार है, नशा हमारे समाज में तेजी से फैल रहा है. इसलिए, समय की जरूरत है कि युवाओं के विकास की सही निगरानी की जाए और उनकी आदतों पर पैनी नजर रखी जाए, इसके अलावा, एक परिवार को बच्चों को सभी प्यार और ध्यान, समर्थन, विश्वास और प्रोत्साहन देना चाहिए, उन्हें अपने बच्चों को मानव शरीर पर दवाओं के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताना चाहिए, और यदि संभव हो, तो उन्हें दवा की नस्लों को अस्पतालों में देखने के लिए ले जाएं, ताकि उन्हें किसी भी समय दवा के साथ प्रयोग करने की आवश्यकता न महसूस हो।
ड्रग की लत दुनिया भर में एक समस्या बन गई है, खासकर किशोरों में, कई युवा विभिन्न प्रकार के पदार्थों और उत्तेजक दवाओं पर निर्भर हो जाते हैं जो मादक प्रभाव के साथ हाथों से हाथ में आते हैं. स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन माना गया हैं. नशीले पदार्थों का सेवन करने हम स्वयं के दुशम न बन रहे हैं. यदि इंसान के पास पर्याप्त धन हो तो उसे नशीले पदार्थों के सेवन में व्यर्थ करने की बजाय अपने बच्चों की शिक्षा तथा आर्थिक विकास पर लगाना चाहिए. मगर Unfortunately ऐसा नही होता हैं. मुख्य रूप से निम्न वर्ग के लोगों में Intoxication की समस्या आम है वे अपनी कमाई का अधिकतर भाग नशे में ही खर्च कर देते हैं. यदि दूसरे शब्दों में कही तो ऐसे हालातों में परिवार के अन्य लोगों के लहू पीने जैसा हैं. नशेड़ी लोगों का जीवन सभी पहलुओं में खराब हो जाता है, क्योंकि वे अपने परिवार के साथ संपर्क खो देते हैं और एक अलग दुनिया में रहते हैं. वे दवाओं पर बहुत पैसा खर्च करते हैं, और फिर अवैध तरीके से पैसा कमाने के तरीके खोजते हैं. अगर हम स्वास्थ्य समस्याओं की तुलना करें तो दवाओं के कई खतरनाक प्रभाव हैं।
ड्रग की लत के बारे में सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि दुनिया के विभिन्न देशों में लोग सभी प्रकार के ड्रग्स के आदी हो रहे हैं. विभिन्न प्रकार की स्ट्रीट ड्रग्स हैं जैसे – कोकीन, मेथ, मारिजुआना, क्रैक, हेरोइन आदि, हेरोइन खतरनाक दवाओं में से एक है जो आपके दिल के काम को दबा देती है और मादक प्रभाव प्राप्त करने के लिए उपयुक्त है. नशीली दवाओं की खपत की खतरनाक दर हमेशा एक समस्या रही है और समाज पर हानिकारक प्रभाव डालती है. व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याएं भी उन युवाओं के बीच नशाखोरी का कारण बनती हैं जो व्यक्तिगत समस्याओं से निपटने में विफल रहते हैं. मादक पदार्थों की लत के शारीरिक प्रभावों को सहना मुश्किल हो सकता है और यही कारण है कि नशे की लत को उनकी स्थिति का इलाज करना चाहिए, सबसे बुरी बात यह है कि ड्रग्स यह है कि वे दुनिया के हर देश में युवाओं को प्रभावित करते हैं. दवा शब्द का अर्थ केवल दवा नहीं है, बल्कि विभिन्न विशिष्टताओं के साथ घातक नशीले पदार्थ हैं. इन दवाओं का नशा करने वालों के दिमाग और शरीर की कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ता है. व्यसनी काफी हद तक दवा पर निर्भर हो जाता है कि वह इसका उपयोग करना बंद नहीं कर सकता है. स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों की पूरी जानकारी होने के बावजूद, नशेड़ी इसका नियमित रूप से उपयोग करते हैं।
ड्रग की लत मूल रूप से एक मस्तिष्क की बीमारी है जो मस्तिष्क के कामकाज को बदलती है. ड्रग्स का सेवन करने की एक बेकाबू इच्छा है, जिसके परिणामस्वरूप नशे में लोग ड्रग्स लेने के लिए अनिवार्य व्यवहार में संलग्न होते हैं. नशा करने वालों को दवाओं के सेवन को नियंत्रित करना असंभव लगता है, जिसके परिणामस्वरूप वे कुशल तरीके से दिन-प्रतिदिन की जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहते हैं. ड्रग की लत को ड्रग निर्भरता के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि नशे की लत विशेष पदार्थ के लिए निर्भरता विकसित करती है।
विभिन्न आयु वर्ग और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोग नशीले पदार्थों की लत के शिकार हैं. जबकि कुछ इस लत को कुछ कठिनाई से पार करने में सक्षम हैं, दूसरों को हमेशा दवाओं की अंधेरी दुनिया में फेंक दिया जाता है. एक व्यक्ति को नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने के लिए तैयार रहने की जरूरत है और इस दुरुपयोग को दूर करने के लिए यथासंभव प्रयास करना चाहिए।
मादक पदार्थों की लत के जोखिम
जबकि कोई व्यक्ति नशीली दवाओं की लत विकसित कर सकता है, कुछ लोगों को इसे विकसित करने की अधिक संभावना है, यहां उन लोगों पर एक नज़र डालें जो नशीली दवाओं के विकास के उच्च जोखिम में हैं: जिन लोगों को जीवन में कुछ दिल तोड़ने वाले / दर्दनाक अनुभव हुए हैं. जिनके पास नशाखोरी का पारिवारिक इतिहास है. जिन्हें मानसिक या शारीरिक शोषण या उपेक्षा का सामना करना पड़ा है. जो अवसाद और चिंता से ग्रस्त हैं।
एड-ड्रग की लत पर काबू पाने के तरीके
नशे को दूर करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं −
नशे को छोड़ने के कारणों की सूची बनाएं
जैसा कि आप नशीली दवाओं की लत को छोड़ने का निर्णय लेते हैं, अपनी लत के कारण होने वाली समस्याओं की एक सूची बनाएं, इसमें काम के मोर्चे पर समस्याएं, आपके जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के साथ समस्याएं, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं. इस सूची को हर रोज पढ़ें क्योंकि आप इस खतरनाक आदत को छोड़ने के लिए अपनी यात्रा शुरू करते हैं. यह आपको इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करेगा।
एक पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया
यह मादक पदार्थों की लत को दूर करने के मुख्य चरणों में से एक है. अच्छे पुनर्वास केंद्रों में योग्य और अनुभवी पेशेवर हैं जो जानते हैं कि नशेड़ी से कैसे निपटें और उन्हें नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने में मदद करें, अन्य नशीली दवाओं के व्यसनों से मिलें और देखें कि सामान्य जीवन को वापस पाने के लिए वे इस लत को छोड़ने की कितनी कोशिश कर रहे हैं, वे भी उत्साहजनक हो सकते हैं।
दोस्तों और परिवार की मदद लें
निकट और प्रिय लोगों से प्यार और समर्थन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जब यह नशा से छुटकारा पाने के लिए आता है. यह लत को निर्धारित करने में मदद कर सकता है और इस घृणित आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है. इसलिए, उनके साथ इस समस्या पर चर्चा करने में संकोच न करें, वे लत से छुटकारा पाने में आपकी मदद करने की इच्छा से अधिक होंगे।
Treatment
जैसे-जैसे आप दवाओं का सेवन बंद करते हैं, आप वापसी के लक्षणों से पीड़ित हो सकते हैं. इन लक्षणों से निपटने के लिए दवा की आवश्यकता होती है. दवा भी रिलेप्स को रोकने में मदद करती है, नशीली दवाओं की लत के कारण स्वास्थ्य के मुद्दों को भी ठीक करने की आवश्यकता है, दवाएं उन्हें ठीक करने में मदद करेंगी।
निष्कर्ष
नशीली दवाओं की लत से व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो किसी व्यक्ति के साथ-साथ पेशेवर जीवन को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं. यह एक लत है कि व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके छुटकारा चाहिए, एक व्यक्ति अपने व्यसन छोड़ने के लंबे समय बाद अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर सकता है. विषाक्तता को छोड़ना बेहद मुश्किल हो सकता है. हालांकि, ऐसा करना असंभव नहीं है. दोस्तों और परिवार के मजबूत दृढ़ संकल्प और समर्थन से नशा कम करने में मदद मिल सकती है. नशे की बीमारी से निजात दिलाने के लिए हमें संकल्प करना चाहिए कि हम एक नयें विचारों का समाज बनाए. जिसमें इन सामाजिक बुराइयों का कोई स्थान न हो. और हम सब मिलकर आपने समाज की बुराईयों के खिलाफ लड़ेंगे जो व्यक्ति नशेड़ी हैं. कोशिश करे उन्हें यह लत छुडाएं तथा एक अच्छे समाज का सदस्य होने के नाते उनके कठिनाई भरे जीवन पर बुरे कमेन्ट करने की बजाय उनका इस बुराई से पीछा छुड़ाने में मदद करे. अपने समाज के लोगों को भी जागरूक बनाए तथा भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस गलत राह को न चूने इसके लिए विशेष रूप से जागरूक रहे।
नशा मुक्ति पर निबंध 5 (600 शब्द)
ड्रग और शराब की लत आपके व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित कर सकती है और यह आपके काम या स्कूल पर ध्यान केंद्रित करने को मुश्किल में डाल सकती है. कई लोगों का स्वास्थ्य, वित्त, रिश्ते, करियर और जीवन नशा से बदल गया है, यही कारण है कि एक दवा मदद हॉटलाइन इस तरह के एक महत्वपूर्ण संसाधन है. यदि आप या कोई प्रिय व्यक्ति मादक द्रव्यों के सेवन से जूझ रहा है, तो दवा वसूली कार्यक्रम की मदद लेने का समय हो सकता है, हमारे जैसे राष्ट्रीय ड्रग्स हेल्पलाइन को कॉल करना, आपकी पुनर्प्राप्ति यात्रा शुरू करने का एक शानदार तरीका है. यदि आप कॉल करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप सीडीसी की वेबसाइट पर पाए गए कुछ मुफ्त संसाधनों की जांच कर सकते हैं, नशा एक बहुत ही भयानक बीमारी है जैसा की आप सभी जानते है, आज हमारे देश में बहुत सारे लोगों को नशे के कारण बीमारिया हो रही है इसके कारण मौत हो जाती है किसी को लीवर की प्रॉब्लम होती है किसी को पेट से संबंधित प्रॉब्लम होती है लोगों को बड़ी बड़ी बीमारियां होती है, कई प्रकार के कैंसर हो जाते हैं जिसके कारण हजारों लाखों लोगों की मौत हो जाती है और इन सभी के कारण अगर कोई है तो सिर्फ और सिर्फ नशा ही है,नशे के कारण लोग बहुत सारी बीमारियों के झंझट में पड़कर अपना बहुत सारा पैसा बर्बाद कर रहे हैं और दिनादिन अपने भविष्य को अंधकार में बना रहे हैं. इसलिए आज जरुरत इस बात की है की हम सब मिलाकर इस बुराई को आपने समाज और घर से भर निकाल फेक।
नशे में धूत व्यक्ति को इस बात का संज्ञान नहीं रहता है कि वह कहाँ है किसके सामने हैं तथा क्या बात कर रहा हैं. वह किसी वैचारिक दुनियां में अपने दिमाग को ले जाता हैं. उसके लिए समाज, मर्यादा, बहु बेटी, छोटे बड़े का फर्क Zero हो जाता हैं. आमोद प्रमोद के लिए वह किसी हद तक भी जा सकता हैं. एक आधुनिक समाज में नशा सबसे घातक बुराई हैं, जो न सिर्फ व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक रूप से ही बदहाल नहीं करते बल्कि परिवार के परिवार बर्बाद कर देती हैं. आपने भी कई ऐसे व्यसनी लोगों को अपने जीवन में देखा होगा, जिनकी एक बुरी आदत या यूँ कहे एक गलती ने उनके जीवन को तबाह कर दिया हैं. उस परिवार की कल्पना करिए जिसमें पांच छः सदस्य हो तथा घर का एकमात्र chief जो कमाता हैं. उसे नशे की लत हैं. परिवार के सभी सदस्य उनके घर आने का इन्तजार कर रहे है जिससे चूल्हा जलाया जाए, मगर यदि वही हाथ में शराब की बोतल लिए अश्लील बाते कहते हुए घर में आकर मारपीट शुरू कर दे, परिवार के सदस्यों का जीवन कैसा होगा. उन्हें शारीरिक चोट से ज्यादा मान सम्मान का नुक्सान होता हैं. पड़ोसी उन पर हंसने लगते हैं. शराबी की बीबी बेटा जैसे शब्दों से सम्बोधित किया जाता हैं।
बहुत से लोगों को नशीली दवाओं की लत से होने वाले नुकसान का एहसास नहीं होता है क्योंकि पहली बार में अल्पकालिक प्रभाव स्पष्ट नहीं होते हैं. व्यक्ति काफी अजेय और अनजान हो सकता है कि ड्रग्स वास्तव में शरीर के लगभग हर सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं. नशीली दवाओं की लत के लंबे समय तक चलने वाले प्रभाव को नशे के लिए नहीं जाना जा सकता है. अगर समय रहते इलाज नहीं मांगा गया, तो शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग से न केवल आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि इसके कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं. व्यक्तियों को अपने जीवन के बाकी हिस्सों के लिए कानूनी परिणामों से निपटना पड़ सकता है. बहुत सी कंपनियों को नौकरी की पेशकश करने से पहले कर्मचारियों को ड्रग टेस्ट लेने की आवश्यकता होती है. दवाओं के प्रभाव में ड्राइविंग गंभीर कानूनी कार्रवाई और यहां तक कि भारी जुर्माना भी हो सकता है. पदार्थ के भौतिक प्रभाव को समझकर, व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के संबंध में सूचित निर्णय ले सकते हैं. याद रखें कि मदद लेने में कभी देर नहीं की जाती है, जब नशा का इलाज करने की बात आती है. कई पुनर्वास केंद्र हैं जो सहायक वातावरण में नशीली दवाओं की लत से निपटने में आपकी सहायता करते हैं।
नशीली दवाओं की लत के सबसे आम लक्षण और लक्षण हैं – किसी विशेष पदार्थ के साथ जुनून, दवाओं के उपयोग पर नियंत्रण का नुकसान, उन गतिविधियों को छोड़ना जो आप आनंद लेते थे, आदि, नशीली दवाओं की लत का जीवन पर दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है और एक विकसित हो सकता है, गंभीर लक्षण जैसे – थकान, कांपना, अवसाद, चिंता, सिरदर्द, अनिद्रा, ठंड लगना और पसीना आना, व्यामोह, व्यवहार में बदलाव, पुतली का पतला होना, खराब समन्वय समस्याएं, मतली आदि।
नशा एक सामाजिक बुराई है. यह अनादिकाल से समाज में प्रचलित है, विभिन्न प्रकार की दवाएं हैं जो विभिन्न रूपों में उपयोग की जाती हैं. एक ड्रग एडिक्ट एक दवा पर निर्भर हो जाता है. वह ड्रग्स के बिना नहीं रह सकता, यह मनोवैज्ञानिक कंडीशनिंग का एक रूप है जो दवाओं और संबंधित उत्तेजनाओं के लिए मानसिक और व्यवहार संबंधी प्रतिक्रियाओं का एक सेट है जो दवाओं के उपयोग द्वारा उत्पादित सुदृढीकरण को दोहराता है. इसका तात्पर्य है, अधिक से अधिक ड्रग्स लेने की प्रवृत्ति के साथ एक दवा की सहिष्णुता पर शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और मानसिक निर्भरता. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग को समय-समय पर होने वाले जीर्ण नशा, व्यक्ति और समाज के लिए हानिकारक, प्राकृतिक या सिंथेटिक या तो दवाओं के बार-बार सेवन द्वारा परिभाषित किया है. दूसरे शब्दों में, बढ़ते आग्रह के परिणामस्वरूप खुराक में वृद्धि होती है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी चीज़ की अधिकता बहुत खतरनाक हो सकती है, उसी तरह, किसी भी तरह की लत किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को बाधित कर सकती है, वाक्यांश में कहा गया है कि व्यसन एक पारिवारिक बीमारी है जैसा कि एक व्यक्ति उपयोग करता है और पूरा परिवार पीड़ित होता है. उपरोक्त कथन अपने सभी सार में सत्य है क्योंकि व्यसनी केवल पीड़ित नहीं होता है बल्कि उसके आस-पास के लोग भी बहुत पीड़ित होते हैं. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है, कि उनकी मदद नहीं की जा सकती है, नशे की लत है और हमें उस व्यक्ति को छोड़ना नहीं चाहिए जो व्यसनी है, बल्कि बेहतर जीवन के लिए उनकी मदद करें।
नशेड़ी शारीरिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं. यह हृदय की समस्याओं जैसे हृदय की गिरफ्तारी, स्ट्रोक और पेट दर्द के खतरे को बढ़ा देता है. यह मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों जैसे अवसाद, अनिद्रा और द्विध्रुवी विकार के कारण भी कुछ का नाम देता है, किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के अलावा, नशा मानव व्यवहार को भी प्रभावित करता है. कोकीन, मारिजुआना और खरपतवार सहित सभी प्रकार की दवाएं मस्तिष्क की वृत्ति को प्रभावित करती हैं और मूड स्विंग का कारण बनती हैं, जिसके परिणामस्वरूप व्यवहार संबंधी समस्याएं होती हैं।
आम नशीली दवाओं के व्यसनों से सामना करना पड़ा
लत एक व्यक्ति के मस्तिष्क समारोह के साथ खेलता है. यह उस तरीके से हस्तक्षेप करता है जिस तरह से व्यक्ति व्यवहार करता है और रास्ते का चुनाव करता है।
आक्रामकता
एक व्यक्ति जो ड्रग्स के प्रभाव में है, वह बहुत आक्रामक हो सकता है. नशा करने वालों को अक्सर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है. यह व्यवहार तभी नहीं देखा जाता जब वे उच्च स्तर का अनुभव कर रहे हों, ड्रग्स का लगातार उपयोग उनके व्यक्तित्व में किसी तरह से आक्रामकता का संचार करता है. ऐसे लोगों का साथ मिलना मुश्किल है. आपको उनके चारों ओर बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि वे क्रोध और आक्रामकता के निरंतर मुकाबलों को फेंक सकते हैं।
ख़राब निर्णय
मादक पदार्थों की लत व्यक्ति को सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है, नशा करने वाले लोग उचित निर्णय लेने में असमर्थ होते हैं. उनका निर्णय बिगड़ा हुआ है, वे अब भेद नहीं कर सकते कि क्या सही है और क्या गलत है।
आवेग
नशेड़ी भी आवेगी व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, वे बिना ज्यादा सोचे-समझे और अभिनय करते हैं. यह व्यवहार आमतौर पर तब प्रकट होता है जब वे उच्च महसूस कर रहे होते हैं, हालांकि, जब वे अपनी सामान्य स्थिति में लौटते हैं, तो वे आवेगी व्यवहार भी दिखा सकते हैं. अधिकांश नशीले निर्णय लेते हैं जो बाद में पछताते हैं।
आत्म नियंत्रण का नुकसान
नशीली दवाओं की लत नशे के दिमाग पर हावी है और वे आत्म नियंत्रण खो देते हैं. वे अपने कार्यों को भी नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, वे दवाओं के लिए मजबूत उत्थान करते हैं और जब वे चाहते हैं तब भी विरोध करना मुश्किल होता है. वे चीजों पर अपनी प्रतिक्रिया को भी नियंत्रित नहीं कर सकते हैं. ड्रग्स उनके निर्णयों, कार्यों, प्रतिक्रियाओं और व्यवहारों पर हावी होते हैं।
काम में कम प्रदर्शन
एक व्यक्ति जो नशे का आदी है, वह काम / स्कूल के प्रदर्शन में गिरावट का अनुभव करता है. वह अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ है और लगातार ड्रग्स लेने के बारे में सोचती है. जब वह अपनी आपूर्ति प्राप्त नहीं करता है, तो वह सुस्त और ऊर्जा पर कम महसूस करता है. यह सभी काम करने के लिए एक बड़ी बाधा है।
Hallucination
यह ध्यान दिया गया है कि दवाओं के प्रभाव में रहने वाले लोग अक्सर मतिभ्रम करते हैं. वे चीजों को देखते हैं और शोर सुनते हैं जो वास्तव में मौजूद नहीं हैं. मतिभ्रम के लिए विशेष रूप से जाना जाने वाला साल्विया, मेस्केलीन, एलएसडी, सिलोसैबिन मशरूम और सेटामाइन शामिल हैं।
गुप्त
अक्सर नशीली दवाओं के व्यसनों से परिवार और दोस्तों की नशा छुपाने की कोशिश में गुप्त रोगों की घटनाएं बढ़ जाती हैं. वे आमतौर पर अपने माता-पिता / बच्चों / जीवनसाथी के साथ समय बिताने से बचते हैं. वे अक्सर अन्य मादक पदार्थों के आदी लोगों के साथ मेलजोल करते हैं और अन्य दोस्तों के साथ बाहर जाना बंद कर देते हैं. यह अक्सर उन्हें सामाजिक रूप से अजीब बनाता है।
निष्कर्ष
एक नशा करने वाला व्यक्ति ड्रग Users की कंपनी से प्यार करता है और अपना अधिकांश समय उनके साथ बिताने की कोशिश करता है. उसे अब अपने परिवार और दोस्तों में कोई दिलचस्पी नहीं है. वह अक्सर उनसे दूरी बना लेता है. वह चिड़चिड़ा और आक्रामक हो जाता है. इससे अक्सर तर्क और झगड़े होते हैं, जो उनके पारिवारिक जीवन के साथ-साथ उनके दोस्तों के साथ भी उनके समीकरण को बिगाड़ते हैं. नशा करने वाला व्यक्ति न केवल अपने जीवन को बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी बर्बाद कर देता है. ड्रग्स एक व्यक्ति की सोचने और कार्य करने की क्षमता को मजबूत कर सकते हैं. वे कई स्वास्थ्य खतरों, व्यवहार संबंधी समस्याओं और संबंधों के मुद्दों को जन्म दे सकते हैं. सबसे सुरक्षित शर्त ड्रग्स से दूर रहना है. जो लोग नशे के आदी हैं उन्हें इस लत को छोड़ने की बहुत कम संभावना है. वे अपने जीवन को बर्बाद करते हैं और अपने प्रियजनों को भी बहुत खुशी देते हैं।